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आपकी लिखावट खोल देती है आपकी पर्सनैलिटी के अनकहे राज...चुटकियों में मिल जाती है ये जानकारी

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आपकी लिखावट खोल देती है आपकी पर्सनैलिटी के अनकहे राज...चुटकियों में मिल जाती है ये जानकारी

साइंस//Rajasthan/Jaipur :

लिखावट की गति, अक्षरों की बनावट, अक्षरों का संयोजन और अक्षरों को जोड़ने के तरीके का अध्ययन करके किसी भी व्यक्ति की मानसिक क्षमता सहित उसके व्यक्तित्व की रूपरेखा जानी जा सकती है। व्यक्ति के ग्रहों की स्थिति अथवा उसकी परिस्थिति, व्यक्ति के हाथ की रेखाऐं, व्यक्ति की लिखावट बहुत कुछ व्यक्ति के बारे में बताती है।

जब कोई व्यक्ति कागज पर लिखता है तो उसकी लिखावट में हर अक्षर बोलता नजर आता है, सिर्फ उसे देखने और समझने की निगाहें होनी चाहिए। लिखने का तरीका, लिखावट की गति, अक्षरों की बनावट, अक्षरों का संयोजन, दिशा, दबाव और अक्षरों को जोड़ने के तरीके की बारीख जांच व अध्ययन करके किसी भी व्यक्ति की मानसिक क्षमता सहित उसके व्यक्तित्व की रूपरेखा जानी जा सकती है।

जीवन में सफलता के लिए तथा अनावश्यक हानियों से बचने के लिए हमें अपने सम्पर्क में आने वाले व्यक्त्यिों के व्यक्तित्व का अवलोकन करने की आवश्यकता पड़ती है। अक्सर हम लोगों को पहचानने में चूक कर जाते हैं, जिसका खमियाजा हमें आगे चलकर किसी न किसी रूप में उठाना ही पड़ता है। 
ज्योतिष, मनोविज्ञान जैसे विषयों में व्यक्ति के व्यक्तित्व का सहज रूप से अवलोकन करने के लिए अनेक विधियों का वर्णन जाता है। व्यक्ति के ग्रहों की स्थिति अथवा उसकी परिस्थिति, व्यक्ति के हाथ की रेखाऐं, व्यक्ति की लिखावट बहुत कुछ व्यक्ति के बारे में बताती है। लिखावट के द्वारा कैसे व्यक्ति के बारे में जाना जाता है, आइए जानते हैं।
लोग कहते हैं कि चेहरा दिल का आइना होता है और व्यक्ति की लिखावट उसके दिल, दिमाग, शरीर यानि पूरे व्यक्तित्व का प्रतिबिम्ब है। हम जो कुछ भी लिखते हैं, वह हमारे बारे में बहुत कुछ बताता है। लिखावट के अध्ययन से व्यक्ति के चिन्तन का स्तर एवं उसके सभी गुणों-दोषों का आकलन एवं अवलोकन किया जा सकता है।
- अगर किसी व्यक्ति की लिखावट का हर अक्षर पढ़ने योग्य है, तो यह, यह दर्शाता है कि व्यक्ति सोच-समझकर लिखता है और गलतियां कम करने का प्रयास करता है।
- लिखावट के बिन्दु नुकीले हों, तो इसका मतलब व्यक्ति तुनक मिजाज है और अपने आगे किसी की बात नहीं चलने देता है।
- सीधी लिखावट वाला व्यक्ति शांत व गम्भीर प्रवृत्ति का होता है। अक्सर देखने में आया है, समय के साथ ऐसे लोगों का अधिकांश निर्णय सही होता है।
- लिखावट को तीन भागों में विभाजित कर सकते हैं, सूक्ष्म लिखावट, औसत लिखावट, बड़ी लिखावट। छोटे अक्षर में लिखावट यह बताती है कि व्यक्ति की तर्क शक्ति प्रखर है। जहां औसत लिखावट के लोगों की संतुलित विचारधार होती है, वहीं बड़ी लिखावट वालों की कथनी और करनी में अंतर पाया जाता है।
- लिखावट में नीचे का भाग बढ़ा होने पर व्यक्ति भौतिकवादी और खर्चीले स्वभाव का आरामपसंद होता है।
- घसीट कर लिखने वाला व्यक्ति दूसरों की फिक्र नहीं करता है।
- लिखावट में यदि सभी चिन्ह यथास्थान लगे हों तो व्यक्ति निर्मल हृदय का होता है।
- अक्षर दबाकर भारी हाथ से लिखने वाला व्यक्ति अक्सर शंकालू स्वभाव का रहता है।
- लिखावट में अक्षर दूर-दूर होने पर व्यक्ति अपने मन की बात आसानी से किसी को नहीं बताता है।
- अनिश्चयी, असमंजसपूर्ण व्यक्ति की लिखावट हमेशा दबी-दबी और अस्पष्ट होती है।
- लिखते समय शब्द और रेखाओं के बीच दूरी समान हो, तो व्यक्ति का व्यवहार संतुलित होता है।
- अक्षर और लाइनें बहुत सटी हुई हों तो, व्यक्ति को कार्य करने की शीघ्रता रहती है।
- हर व्यक्ति के सोचने और कार्य करने की गति एक-दूसरे से भिन्न होती है, लिखावट की गति विचारों के साथ-साथ घटती-बढ़ती जाती है। यदि व्यक्ति आवेश में होगा, तो उसकी लिखावट तेज हो जाएगी, इसी प्रकार शांत मन होने पर व्यक्ति औसत गति से लिखता है।इस प्रकार किसी भी व्यक्ति की क्षमता आदि का अध्ययन उसकी लिखावट के द्वारा किया जा सकता है।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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