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अतीक-अशरफ की हत्या के बाद कसेगा शिकंजा फर्जी जर्नलिस्टों /चैनलों पर...यूट्यूब चैनल वालों को भी करना होगा ये काम ..!

अब नकली पत्रकारों और फर्जी चैनलों की माइक, आईडी लेकर घूमने वाले मीडियाकर्मियों पर शिकंजा कसेगा 

क्राइम

अतीक-अशरफ की हत्या के बाद कसेगा शिकंजा फर्जी जर्नलिस्टों /चैनलों पर...यूट्यूब चैनल वालों को भी करना होगा ये काम ..!

क्राइम //Uttar Pradesh /Lucknow :

 उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की जिस प्रकार हत्या की गयी उसके बाद से केंद्र सरकार सख्त है। ऐसी खबर है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय जल्द ही बड़ा कदम उठा सकता है। जिसके तहत नकली पत्रकारों और फर्जी चैनलों की माइक आईडी लेकर घूमने वाले मीडिया कर्मियों पर शिकंजा कसा जा सकेगा।

 

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय जल्द ही बड़ा कदम उठा सकता है। जिसके तहत नकली पत्रकारों और फर्जी चैनलों की माइक, आईडी लेकर घूमने वाले मीडिया कर्मियों पर शिकंजा कसा जा सकेगा।

फर्जी चैनलों पर कसेगी नकेल 
तीन सज़ायाफ्ता अपराधी पत्रकार बनकर मीडिया में शामिल हो जाते हैं और पुलिस और कमरों के सामने दोनों कैदियों को गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार देते हैं।घटना से सकते में आया सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय अब कुछ कड़े कदम उठा सकता है। जिसके तहत सिर्फ  सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा पंजीकृत डिजिटल पोर्टल  या यूट्यूब चैनल  ही अपने पत्रकारों को माइक, आईडी जारी कर सकेंगे। केंद्र सरकार इस जरिये फर्जी चैनलों पर नकेल कसने की तैयारी में है। बता दें, फर्जी चैनलों की वजह से ही पत्रकारों की पहचान में आए दिन दिक्कत पेश आती है।

हर छोटे-बड़े न्यूज़ चैनल की कुंडली खंगाली जाएगी
आपको ये भी बता दें कि यूटयूब पर चलने वाले अधिकांश न्यूज़ चैनल बिना रजिस्ट्रेशन के ही चल रहे हैं। कोई भी व्यक्ति खुद को संपादक और पत्रकार बताकर चैनल शुरू कर देता है। लेकिन, सूचना और प्रसारण मंत्रालय की योजना है कि अब ऐसा नहीं चल पाएगा। बताया तो ये भी जा रहा है कि, हर छोटे-बड़े चैनल की कुंडली खंगाली जाएगी और जरूरत पड़ने पर एक्शन भी लिया जाएगा। सूचना प्रसारण मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार, बिना पंजीकरण वाले पोर्टल अवैध माने जाएंगे।

लखनऊ में मीडिया कर्मियों से मांगे जा रहे आईडी
उत्तर प्रदेश में इन दिनों निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज है। राजनीतिक दलों के साथ-साथ तमाम समाचार चैनल, पोर्टल और अख़बार के पत्रकार जहां-तहां कवरेज में मशगूल हैं। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में असर दिखने लगा है। सोमवार (17 अप्रैल) को लखनऊ में कवरेज के लिए गए पत्रकारों की गहनता से आईडी की जांच की गई। जिससे कई मीडिया कर्मियों को तकलीफ भी उठानी पड़ी।

फ़िल्मी अंदाज में हुई थी  हत्या
पुलिस कस्टडी में स्वास्थ्य जांच के लिए 15 अप्रैल देर रात प्रयागराज के काल्विन अस्पताल ले जाते समय माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मेडिकल  कॉलेज के पास मीडिया कर्मी बनकर आए 3 शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। माफिया अतीक ओर उसके भाई अशरफ का अंत बिलकुल फिल्मी अंदाज में हुआ। जिसके बाद से पत्रकारों और मीडिया के प्रवेश और असली नकली आईडी आदि को लेकर बहस छिड़ गई है।

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सौम्या बी श्रीवास्तव

By News Thikhana

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