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World Snake Day : पूर्वांचल की इस जगह आप देख सकते हैं अलग अलग प्रजाति के सांप

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World Snake Day : पूर्वांचल की इस जगह आप देख सकते हैं अलग अलग प्रजाति के सांप

सामाजिक//Uttar Pradesh /Lucknow :

World Snake Day: साँपों की दुनिया कितनी रहस्य्मयी होती है क्या आप जानते हैं ?विश्व सांप दिवस हर साल 16 जुलाई को मनाया जाता है। जिससे लोग इनके रहस्यमई दुनिया के बारे में जान सकें।फिल्मों ,सीरियलों में भी सांप सबसे प्रिय विषय रहा है।सांप को लेकर जितने मुंह उतनी बातें सामने आती हैं। दोमुंहा सांप का जहां काला जादू के लिए इस्तेमाल होता है। तो वहीं कई सांप ऐसे हैं, जिनके डसने से मौत चंद मिनटों में हो सकती है। पशु चिकित्सक बताते हैं कि सांप दिल के जितने करीब डसेगा, मौत का खतरा उतना ही अधिक होता है।यदि आप सांप देखने के उत्सुक हैं , तो उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के चिड़ियाघर में आपको विभिन्न प्रकार के ज़हरीले सांप देखने को मिल सकते हैं। 

पूर्वांचल में पाए जाने वाले सांपों में केवल पांच फीसदी ही जहरीले होते हैं। इनमें कोबरा, कॉमन करैत और रसेल वाइपर जैसे सांप शामिल हैं। इन सांपों को गोरखपुर के चिड़ियाघर में रखा गया है। चिड़ियाघर के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह बताते हैं कि नेपाल और बिहार से सटे सोहगीबरवा समेत सहित पूर्वांचल में पाए जाने वाले जहरीले सांपों में कोबरा, कॉमन करेत और रसेल वाइपर हैं। ये तीनों सांप हृदय के जितने करीब डसेंगे. उनके विष का असर उतना ही तेजी से होगा और वाइपर हैं। ये तीनों सांप हृदय के जितने करीब डसेंगे, उनके विष का असर उतना ही तेजी से होगा और जल्दी ही मौत हो जाएगी। अगर सांप पेर या हाथों की अंगुलियों पर काटता है, तो उसके विष का असर शरीर में एक से डेढ़ घंटे बाद होगा।

दोमुंहे सांप से बंगाल में काले जादू का खेल

पूर्वांचल में सांपों की दर्जन भर से अधिक प्रजातियां मिलती है। इन सांपों में सर्वाधिक डिमांड रेड सेंड बोआ (दोमुंहा सांप) की होती है। इसका इस्तेमाल बंगाल में ब्लैक मैजिक (काला जादू) और चीन में दवा बनाने में किया जाता है। पिछले साल ही वन विभाग की टीम ने दो तस्करों को दो सेंड बोआ के साथ गिरफ्तार किया था। तस्कर इन्हें बंगाल ले जाने की फिराक में थे। डीएफओ विकास यादव ने बताया कि बिना जहर वाले रेड सेंड बोआ सांप की प्रजाति का इस्तेमाल काला जादू के साथ दवा बनाने के काम में आता है। इस सांप की डिमांड दवाओं के इस्तेमाल के लिए चीन में है।

मरुस्थलीय जगहों पर  ज्यादा जहरीले

डीएफओ विकास यादव ने बताया कि आबादी में रहने वाले ज्यादातर सांप जहरीले नहीं होते हैं। जबकि, मरुस्थलीय जगहों पर पाए जाने वाले सांप ज्यादा जहरीले होते हैं। रेट स्नेक (धामिन), चेकर्ड किल बैंक (पानी वाला सांप), अजगर, उल्फ स्नैक, रेड सेंड बोआ ऐसे सांप हैं जो पूर्वांचल में पाए जाते हैं। इनमें से केवल केवल पांच फीसदी ही जहरीले होते हैं।

किसानों का दोस्त रैट स्नेक

पूर्वांचल में अच्छी मात्रा में मिलने वाले रेटस्नेक को खेती किसानी का दोस्त कहा जाता है। यह हर माह करीब 200 चूहों का शिकार करता है। अगर रेट स्नेक खेतों में न रहें, तो चूहे कोई भी फसल नहीं होने देंगे। गोरखपुर समेत पूर्वांचल के ज्यादातर जिलों मे यह सांप बड़ी संख्या में मिलते हैं

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सौम्या बी श्रीवास्तव

By News Thikhana

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