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World Laughter Day 2023 :  जिंदगी से मिलो तो जरा मुस्कुरा के, खिलाखिला के

साहित्य

World Laughter Day 2023 : जिंदगी से मिलो तो जरा मुस्कुरा के, खिलाखिला के

साहित्य//Rajasthan/Jaipur :

चंद्रशेखर पारीक 
दोस्तों आज है मई माह का पहला रविवार और इस दिन चारों तरफ होती है हंसी ठहाकों की बौछार क्योंकि इस दिन को हम सब विश्व हास्य दिवस (वर्ल्ड लाफ्टर डे) के रूप में मनाते हैं। 

क्या आप जानते हैं, भारत में सबसे पहले विश्व हास्य दिवस का आयोजन 11 जनवरी 1998 को मुंबई में किया गया था। इसकी शुरूआत करने का श्रेय डॉ. मदन कटारिया को दिया जाता है। उन्होंने हास्य योग आंदोलन की शुरुआत की थी। हंसना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है और हमारे अंदर एक सकारात्मकता का संचार करता है। जोर से ठहाका लगाने से पूरे शरीर के हर अंग को गति मिलती है।
लेकिन आज के दौर में सच्ची हंसी हंसता कौन है...? कहीं पर बड़ी सार्थक कुछ पंिक्तयां पढ़ने को मिली थी।
‘...सुना है आज हास्य दिवस है,
चलो ठीक है,
मगर आज के समय में हँसता कौन है,
झूठी हँसी हँस ले बस वही बात है बहुत बड़ी,
आज कल ना तो हँसी असली ना ही खुशी,
सब कुछ है बनावटी सब कुछ दिखावटी,
चलो रस्म निभा लेते हैं,
हँस लेते हैं हम भी,
सुना है आज हास्य दिवस है।’

लेकिन हम तो चाहेंगे कि आप यानी हमारे पाठक मित्र खुलकर हंसें। रोज हंसें, अनलिमिटेड हंसें और खुशहाल रहें। दरअसल, भागमभाग भरी जिदगी में आदमी हंसना भी भूल गया है और तनाव में जीने को मजबूर है। कहा जाता है एक हंसी सौ इलाज के बराबर होती है। न हंसना एक मनोविकार बनता जा रहा है। अब टीवी और यूट्यूब पर कॉमेडी और हास्य कवि सम्मेलन देखकर हंसने की कमी को पूरा कर रहे हैं। योग में भी हास्य को एक योग क्रिया माना गया है, पर जिदगी जद्दोजहद में हंसी कहीं गुम हो गई है।
हंसी मतलब स्वास्थ्य का उपहार
स्वस्थ रहने के लिए दिनचर्या में उन्मुक्त हंसी को शामिल करना जरूरी है। हंसना स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम अभ्यास है। हास्यासन शरीर में होर्मोंस को नियंत्रित रखने के साथ इम्यूनिटी को बढ़ता है। हृदय और फेफड़ों के लिए लाभकारी होता है। रक्त प्रवाह के संतुलन बनाए रखने में भी प्रभावी है। तनाव को दूर करने के साथ नींद से जुड़ी हुई समस्याओं का बेहतर समाधान हंसी में छुपा है।
कहां खो गई वो बेलौस हंसी
एक पल के लिए अपने आस-पास बैठे लोगों पर नजर दौड़ाइए। आप पाएंगे कि शहरों की भागती-दौड़ती जिंदगी ने लोगों के चेहरों से हंसी लगभग गायब-सी कर दी है। सुबह उठकर घर से दफ्तर और फिर शाम को दफ्तर से घर की दूरी तय करने में ही जिंदगी खत्म होती जा रही है। लोगों के पास मुस्कुराना तो छोड़िए, ढंग से सांस तक लेने की फुरसत नहीं बची है।
हम हंसते हैं कितना कम 
यूएन सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशन नेटवर्क द्वारा जारी की जाने वाली वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट पर अगर गौर करें तो साल 2023 में 137 देशों में भारत का स्थान 125वां है। ‘वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट’ सर्वे के डेटा के आधार पर तैयार होती है। इसमें हर देश के लोगों से कुछ सवाल पूछे जाते हैं, जिनकी रैंकिंग 0 से 10 के बीच करनी होती है। जवाबों के आधार पर ही ‘हैप्पीनेस इंडेक्स’ में किसी देश की रैंकिंग तय होती है।
भारत खुशी में कितना पीछे
ऐसा नहीं है कि भारत सिर्फ 2023 में ही हैप्पीनेस इंडेक्स में पिछड़ा है। 2022 में भारत की रैंकिंग 136, 2021 में 139, 2020 में 144 और 2019 में 140 थी। देशों के खुशी का पैमाना नापने वाली इस रिपोर्ट में फिनलैंड पिछले 6 साल से शीर्ष पर है। सोचने वाली बात है कि आखिर क्यों पिछले कई सालों से फिनलैंड इस सूची में शीर्ष पर कायम है और हम अंतिम के कुछ देशों में?
हमारी जिंदगी में हंसना कितना जरूरी है?
साइंस की मानें तो कोई बच्चा अपने जन्म के तीन महीने बाद हंसना सीख जाता है. लेकिन ये हंसी उम्र बढ़ने के साथ-साथ कहां गायब हो जाती है? विज्ञान कहता है कि डोपामाइन ही वो केमिकल है जो खुशी के लिए जिम्मेदार है। लेकिन इस डोपामाइन को रिलीज करें कैसे? क्योंकि असल समस्या तो यही है कि अपने स्ट्रेस को दूर कैसे करना है, ये हमें नहीं पता होता। क्या सिर्फ टीवी और यूट्यूब पर कॉमेडी शोज देख लेने भर से स्ट्रेस दूर हो सकता है?
ये हैं हंसी की टैबलेट्स
अगर आप हंसने, मुस्कुराने और खुश रहने की आदत डाल लें तो मानसिक तनाव से दूर रह सकते हैं. हंसने से मन शांत होता है, जिससे आप अपनी लाइफ में सही फैसले ले सकते हैं। और आपको पता है हंसी की दवा, टाॅनिक या टेबलेट क्या होते हैं? 
चुटकुले... 
यानी वो दो-तीन लाइंस जो आपके चेहरे पर पल भर को हंसी तैरा दें। 
तो लगे हाथ ये पुण्य मैं भी कमा ही लूं...
मीनू जी पड़ोस वाली टीनू जी पूछती है- तुम्हारी बेटी की सगाई को पूरे 2 साल हो गये हैं, विवाह में इतनी देरी क्यूं हो रही है?
टीनू- क्या बताउ बहना। दरअसल, लड़का एक वकील है। जैसे ही विवाह की तारीख पास आती है। वो कोई ना कोई दलील देकर आगे की तारीख ले लेता है।

वेल ये सिर्फ जोक था, वकील साहब... प्लीज डोंट माइंड ओके!!! 

वैसे पुण्य कमाने के और भी तरीके हैं, लेकिन पुण्य कमाने का सबका तरीका अलग अलग होता है... जैसे 
मास्टर जी पूछते हैं- बताओ टोलू... तुमने कभी कोई नेक काम किया है?
टोलू - हां सर, बिल्कुल किया है!
मास्टर जी- कौन सा?
टोलू- एक बार एक अंकल ना बड़े स्लोली स्लोली, आराम से घर जा रहे थे, मैंने उनके पीछे कुत्ता लगा दिया, दो मिनट में अपने घर पहुंच गए।

बस दोस्तों, जीवन में ऐसे ही फर्राटे भरते हुए, ठहाके लगाते हुए, अपनी और दूसरों की जिंदगी की उलझनों को सुलझाते जाइए क्योंकि किसी शायर ने कहा है-
या तो दीवाना हंसे, या तू जिसे तौफीक दे
वरना इस दुनिया में आके, मुस्कुराता कौन है! 

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author

Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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