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वर्ल्ड कप में बवाली विकेट... क्रिकेट इतिहास में पहली बार ‘टाइम आउट’ हुए एंजेलो मैथ्यूज

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वर्ल्ड कप में बवाली विकेट... क्रिकेट इतिहास में पहली बार ‘टाइम आउट’ हुए एंजेलो मैथ्यूज

स्पोर्ट्स/क्रिकेट/Delhi/New Delhi :

वनडे वर्ल्ड कप 2023 में सोमवार (6 नवंबर) को एक ऐतिहासिक विवाद सामने आया। इस दिन दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच मुकाबला खेला गया। इस मुकाबले में श्रीलंका के एंजेलो मैथ्यूज को टाइम आउट दिया गया। ऐसे में 146 साल के क्रिकेट इतिहास में पहली बार कोई बल्लेबाज टाइम आउट हुआ है।

भारत की मेजबानी में खेले जा रहे वनडे वर्ल्ड कप 2023 में रोमांचक मुकाबलों के साथ कई विवाद भी सामने आए हैं। इसी बीच एक ऐतिहासिक विवाद सोमवार (6 नवंबर) को सामने आया। इस दिन दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच मुकाबला खेला गया। इसी मैच में श्रीलंकाई प्लेयर एंजेलो मैथ्यूज अजीब तरीके से आउट हुए हैं। ऐसा क्रिकेट इतिहास में पहली बार हुआ है। दरअसल, मैथ्यूज को अंपायर ने ‘टाइम आउट’ करार दिया। यह इंटरनेशनल क्रिकेट में पहली बार हुआ है, जब कोई प्लेयर इस तरह से श्टाइम आउटश् हुआ।
यह पूरा मामला 
श्रीलंकाई पारी के दौरान 25वें ओवर में हुआ। यह ओवर बांग्लादेश टीम के कप्तान और स्पिनर शाकिब अल हसन ने किया था। शाकिब ने दूसरी बॉल पर ही सदीरा समरविक्रमा को कैच आउट कराया। इसके बाद एंजेलो मैथ्यूज अगले बल्लेबाज के रूप में क्रीज पर आए। मगर इसी दौरान उनसे एक गड़बड़ हो गई। मैथ्यूज सही हेलमेट नहीं ला पाए थे। उन्होंने क्रीज पर आकर दूसरा हेलमेट लाने के लिए पवेलियन की ओर साथी खिलाड़ियों के लिए इशारा किया। मगर इसी बीच शाकिब ने मैदानी अंपायर से ‘टाइम आउट’ की अपील कर दी। वीडियो में देखने से लगा कि पहले तो मैदानी अंपायर को यह मजाक लगा, लेकिन शाकिब ने समझाया कि वो सच में अपील कर रहे हैं।
146 साल के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा
तब दोनों मैदानी अंपायर ने आपस में बात करके मैथ्यूज को श्टाइम आउटश् करार दिया। इस तरह श्रीलंकाई टीम ने एक ही बॉल पर दो विकेट गंवा दिए। अंपायर के फैसले के बाद मैथ्यूज को निराश होकर बगैर बॉल खेले ही मैदान से बाहर जाना पड़ा। इंटरनेशनल क्रिकेट में ऐसा पहली बार हुआ है, जब कोई प्लेयर इस तरह ‘टाइम आउट’ हुआ।इंटरनेशनल क्रिकेट की बात करें तो टेस्ट क्रिकेट 1877 से खेला जा रहा है। इसके बाद वनडे और टी20 इंटरनेशनल फॉर्मेट आया। मगर इन तीनों ही फॉर्मेट में 146 साल के इतिहास में पहली बार कोई बल्लेबाज टाइम आउट हुआ है।
क्या है ‘टाइम आउट’ नियम?
क्रिकेट के खेल के संरक्षक मेरिलबोन क्रिकेट क्लब के नियम 40.1.1 के मुताबिक, कोई विकेट गिरने या बल्लेबाज के रिटायर होने के बाद, अगर अंपायर खेल नहीं रोकता है तो आने वाले नए बल्लेबाज को 3 मिनट के अंदर अगली बॉल खेलने के लिए तैयार होना चाहिए। यदि नया बल्लेबाज ऐसा करने में सक्षम नहीं होता है, तो उसे आउट करार दिया जाता है। इसे ‘टाइम आउट’ कहते हैं। 40.1.2 के मुताबिक, यदि इस निर्धारित समय (3 मिनट) में नया बल्लेबाज पिच पर नहीं आता है, तब अंपायर कानून 16.3 (अंपायरों द्वारा मैच का पुरस्कार देना) की प्रक्रिया अपनाएंगे। इसके परिणाम स्वरूप ऊपर वाले नियम की तरह ही बल्लेबाज को ‘टाइम आउट’ करार दिया जाएगा।
वर्ल्ड कप में 3 नहीं, बल्कि 2 मिनट का है नियम
मैथ्यूज के मामले में हालांकि आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 के खेलने के हालात से जुड़ा नियम लागू हुआ, जिसमें तीन मिनट के समय को घटाकर दो मिनट किया गया है। टाइम आउट होने की स्थिति में यह विकेट गेंदबाज के खाते में नहीं जोड़ा जाता है। वर्ल्ड कप 2023 के खेलने के हालात संबंधी नियम 40.1.1 के अनुसार, ‘विकेट गिरने या बल्लेबाज के रिटायर होने के बाद, अगर अंपायर खेल नहीं रोकता है तो आने वाले बल्लेबाज या अन्य बल्लेबाज को विकेट गिरने या बल्लेबाज के रिटायर होने के दो मिनट के भीतर अगली गेंद का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। अगर यह जरूरत पूरी नहीं होती है तो आने वाले बल्लेबाज को टाउम आउट दिया जाएगा।’
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 6 बल्लेबाज टाइम आउट हो चुके
इंटरनेशल क्रिकेट में तो पहली बार ये वाकया हुआ है। लेकिन फर्स्ट क्लास में ऐसा पहले भी हो चुका है। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 6 मौकों पर खिलाड़ी टाइम आउट हो चुके हैं। इसमें भारत के हेमूलाल यादव भी शामिल हैं। 
- एंड्रयू जॉर्डन, ईस्टर्न प्रोविस बनाम ट्रांसवाल: पोर्ट एलिजाबेथ 1987-88
- हेमूलाल यादव, त्रिपुरा बनाम ओडिशा: कटक 1997
- वीसी ड्रेक्स, बॉर्डर बनाम फ्री स्टेट: ईस्ट लंदन 2002
- एजे हैरिस, नॉटिंघमशायर बनाम डरहम: नॉटिंघम 2003
- रयान ऑस्टिन, विंडवर्ड आइलैंड बनाम कम्बाइंड कैम्पस एंड कॉलेज: सेंट विंसेंट 2013-14
- चार्ल्स कुंजे, माटाबेलेलैंड टस्कर्स बनाम माउंटेनियर्स: बुलावायो 2017
भारत में दूसरी बार हुआ टाइम आउट का मामला
भारतीय जमीन पर टाइम आउट का यह मामला दूसरी बार सामने आया है। इससे पहले फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 20 दिसंबर, 1997 को रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान कटक में ओडिशा के खिलाफ त्रिपुरा के हेमूलाल यादव को ‘टाइम आउट’ दिया गया था। दरअसल, 9वां विकेट गिरने के बाद 11वें नंबर आए हेमूलाल यादव किसी अज्ञात कारण से अपने पैड के साथ नहीं उतरे थे।
शाकिब की खेल भावना पर उठे सवाल
शाकिब के अपील वापस नहीं लेने से हालांकि क्रिकेट भावना को लेकर सवाल भी उठे हैं। इससे पहले 2006-07 में न्यूलैंड्स में एक टेस्ट के दौरान दक्षिण अफ्रीका के तत्कालीन कप्तान ग्रीम स्मिथ ने महान बल्लेबाज सौरव गांगुली के खिलाफ ‘टाइम आउट’ की अपील नहीं की थी, जबकि वह क्रीज पर देर से पहुंचे थे।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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