मनोरंजन जगत/सिनेमा/Maharashtra/Mumbai :
सलीम-जावेद ने राजेश खन्ना के लिए 70 के दशक में ‘हाथी मेरे साथी’ और ‘अंदाज’ जैसी हिट फिल्में लिखी थीं। आखिरी बार राजेश ने दोनों के साथ 1985 में रिलीज हुई फिल्म ‘जमाना’ में काम किया था।
राइटर-लिरिसिस्ट जावेद अख्तर ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में राजेश खन्ना से जुड़ी बातें कीं। उन्होंने कहा कि उनके साथ काम करना मुश्किल था क्योंकि वो हमेशा पागलों से घिरे रहते थे।
‘बच्चे मम्मा-पापा से पहले राजेश खन्ना बोलते थे’
यूट्यूब चैनल सैम पर इस बारे में बात करते हुए जावेद अख्तर ने कहा, ‘ये वो वक्त था जब देश में पैदा हुआ कोई बच्चा मम्मा-पापा बोलने से पहले राजेश खन्ना बोलता था। पर ऐसा बहुत ही कम समय के लिए हुआ। एक वक्त आया जब हमें महसूस हुआ कि उनके साथ काम करना बहुत ही मुश्किल है। वो बहुत सारे लोगों से घिरे हुए रहते थे। उनमें से कई लोग पागल थे और इसी वजह से राजेश खन्ना के साथ काम करना मुश्किला था। तो हम अलग हो गए।’
जावेद ने आगे कहा, ‘अमिताभ बच्चन के आने के बाद राजेश खन्ना का स्टारडम फीका पड़ गया था। दोनों ने साथ में ‘आनंद’, ‘नमक हराम’ और ‘बावर्ची’ में काम किया था। हमारी फिल्में बच्चन के लिए सूटेबल थीं। अलग होने के बाद भी हम दोस्त थे। हालांकि, हमने काफी बाद में एक फिल्म पर काम भी किया था। पर जिस तरह की फिल्में हम लिख रहे थे और जिस तरह की फिल्में हम सोचते थे वो अमिताभ बच्चन जैसे एक्टर्स के लिए सूटेबल थीं।’
1973 में रिलीज हुई ‘जंजीर’ के बाद से अमिताभ का स्टारडम शुरू हुआ। उन्होंने सलीम-जावेद के साथ ‘दीवार’, ‘शोले’, ‘डॉन’, ‘काला पत्थर’ और ‘शक्ति’ समेत कई हिट फिल्में दीं। अमिताभ के बारे में बात करते हुए राइटर ने कहा, ‘शुरुआत में बच्चन साहब भी सुपरस्टार नहीं थे पर वो एक्टर बड़े ही कमाल के थे। उनसे मिलकर हमें लगा कि ये हमारे विजय का किरदार निभाने के लिए परफेक्ट हैं।’
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