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इस्लामिक देश क्यों गए मोदी! ब्रुनेई यात्रा की वजह बेहद खास

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इस्लामिक देश क्यों गए मोदी! ब्रुनेई यात्रा की वजह बेहद खास

राजनीति//Delhi/New Delhi :

प्रधानमंत्री मोदी बु्रनेई के दौरे पर थे। यह किसी भारतीय पीएम का पहला ब्रुनेई दौरा है। दोनों देशों के बीच 2024 में राजनयिक संबंधों के 40 साल पूरे हुए हैं। लेकिन क्या बाद सिपर्फ इतनी सी है या मामला कुछ और है।

भारत से 7,486 किलोमीटर दूर एक आईलैंड है, बोर्नियो। इस पर 3 देश बसे हैं, जिनमें में से एक है ब्रुनेई। ये एक इस्लामिक देश है, जहां सिर्फ 4 लाख लोग रहते हैं। पीएम मोदी इसी देश के दौरे पर रहे। यहां के राजा हसनल बोल्कैया ने प्रधानमंत्री मोदी को न्योता दिया था। आज तक भारत का कोई प्रधानमंत्री ब्रुनेई के दौरे पर नहीं गया था।
फिर एक तरफ साउथ चाइना सी और एक तरफ मलेशिया से घिरे इस देश में मोदी क्यों पहुंचे हैं। शरिया का पालन करने वाला छोटा-सा बु्रनेई भारत के लिए अहम क्यों बन गया, टैक्स लिए बगैर बु्रनेई कैसे लोगों को मुफ्त में शिक्षा और इलाज देता है।
हसनल बोल्कैया इब्नी उमर अली सैफुद्दीन ब्रुनेई के 29वें सुल्तान हैं। 1984 में अंग्रेजों के जाने के बाद से वे ब्रुनेई के प्रधानमंत्री पद पर भी हैं। फिलहाल वे सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले शासकों में से एक हैं। उन्होंने 2017 में 50 साल राज करने पर गोल्डन जुबली मनाई थी।
बु्रनेई जैसे छोटे से देश में सुल्तान सबसे शक्तिशाली व्यक्ति होने के साथ-साथ सबसे अमीर लोगों में भी शामिल हैं। 1980 तक वे दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति थे। फोर्ब्स के मुताबिक, बोल्कैया की कुल संपत्ति 28 बिलियन डॉलर (2 लाख 35 हजार करोड़ रुपए) है।
द टाइम्स यूके के मुताबिक, बोल्कैया बाल कटवाने पर लगभग 16 लाख रुपए खर्च करते हैं। उनके हेयर स्टाइलिस्ट महीने में दो बार प्राइवेट चार्टर्ड प्लेन से बुलाए जाते हैं। डेली मेल के मुताबिक सुल्तान ने खुद के लिए बोइंग 747 विमान खरीदा, जिसकी कीमत करीब 40 करोड़ डॉलर, यानी करीब 3 हजार करोड़ रुपए है।
दिलचस्प ये है कि उन्होंने इसमें अलग से 989 हजार करोड़ खर्च किया। यानी जितने का जहाज नहीं, उससे अधिक की एसेसरीज जोड़ी गईं, जिसमें सोने का वॉश बेसिन और आलीशान गोल्ड प्लेटेड खिड़कियां शामिल हैं। इस विमान के फ्लोर पर सोने के तारों वाली हैंडमेड कालीन बिछाई गई है।
सुल्तान की विलासिता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने राजा बनने के बाद 50 अरब रुपए का महल बनवाया। इस महल को ‘इस्ताना नुरुल इमान’ के नाम से जाना जाता है।
इस महल में 800 कारों को रखने के लिए एक गैराज है। महल की दीवारों पर सोने का पानी चढ़ा हुआ है। 20 लाख वर्ग फीट में फैला यह महल गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। इस्ताना नुरुल इमान दुनिया का सबसे बड़ा महल है। इस महल के गुंबद पर 22 कैरेट सोना जड़ा है।
बु्रनेई की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है तेल
1929 में बु्रनेई के सेरिया इलाके में तेल की खोज हुई थी। बु्रनेई में तेल का पहला कुआं ब्रिटिश मलायन पेट्रोलियम कंपनी ने खोदा था, जिसे सेरिया-1 नाम दिया गया था। इस कुएं को अब रॉयल डच शेल के नाम से जाना जाता है। तेल की खोज ने बु्रनेई को एक महत्वपूर्ण तेल उत्पादक देश के तौर पर पहचान दिलाई। तेल और प्राकृतिक गैस का उत्पादन देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। बु्रनेई की कुल जीडीपी 1668.15 करोड़ अमेरिकी डॉलर है। इसका आधे से अधिक हिस्सा तेल और गैस बेचने से आता है।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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