ईरान के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीते उदारवादी नेता मसूद पेजेश्कियान चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के पाकिस्तान जाने की संभावनाएं नहीं: सूत्र ओडिशा: 22 जुलाई से शुरू होगा विधानसभा सत्र, 25 जुलाई को पेश होगा बजट अमेरिका: विस्कॉन्सिन राज्य की रैली में बोले जो बाइडेन- राष्ट्रपति पद की दौड़ में बना रहूंगा आज है विक्रम संवत् 2081 के आषाढ़ माह के शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि संपूर्ण दिवस यानी रविवार, 07 जुलाई 2024
कौन हैं सूटेड-बूटेड रहने वाले साकार हरि बाबा...! तीन राज्यों में अनुयायी, मीडिया से दूरी

शख्सियत

कौन हैं सूटेड-बूटेड रहने वाले साकार हरि बाबा...! तीन राज्यों में अनुयायी, मीडिया से दूरी

शख्सियत//Delhi/New Delhi :

बाबा के बारे में कुछ लोग कहते हैं कि ये यूपी पुलिस में दरोगा हुआ करते थे। कुछ इन्हें आईबी से जुड़ा भी बताते हैं। इसीलिए बताया जाता है कि बाबा पुलिस के तौर-तरीकों से परिचित हैं।

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां साकार हरि बाबा का एक दिवसीय सत्संग चल रहा था। वहां पर बच्चों के साथ महिलाएं और पुरुष बाबा का प्रवचन सुन रहे थे। लगभग पौने दो बजे सत्संग खत्म हुआ, बाबा के अनुयायी बाहर सड़क की ओर जाने लगे। तभी भगदड़ मच गई। 
हादसे में अब तक 120 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है। इस बड़े हादसे के बाद हर शख्स यह जानना चाहता है कि आखिर कथावाचक साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा कौन हैं, जिनके सत्संग में इतनी ज्यादा तादाद में अनुयायी पहुंचे हुए थे। बाबा कासगंज के पटयाली का रहने वाले हैं। करीब 17 साल पहले पुलिस कांस्टेबल की नौकरी छोड़कर सत्संग करने लगे। नौकरी छोड़ने के बाद सूरज पाल नाम बदलकर साकार हरि बन गए। अनुयायी उन्हें भोले बाबा कहते हैं। 
गरीब तबके में खासे लोकप्रिय
कहा जाता है कि गरीब और वंचित तबके के लोगों के बीच में इनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। कुछ समय में लाखों की संख्या में अनुयायियों बन गए। उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश और राजस्थान में अनुयायी फैले हैं।
मानव सेवा का देते हैं संदेश
साकार हरि बाबा अपने सत्संग में मानव सेवा का संदेश देते हैं। ज्यादातर सत्संग में लोगों से बाबा कहते हैं कि मानव की सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। सत्संग में आने वाले लोगों से कहते हैं कि यहां रोग मिट जाते हैं, मन शुद्ध होता है, यहां पर कोई भेदभाव नहीं, कोई दान नहीं, कोई पाखंड नहीं... यही सर्व समभाव है, यहीं ब्रह्मलोक है, यहीं स्वर्ग लोक है। 
सूट-बूट में रहते हैं बाबा
बाबा के बारे में कुछ लोग कहते हैं कि ये यूपी पुलिस में दरोगा हुआ करते थे। कुछ इन्हें आईबी से जुड़ा भी बताते हैं। इसीलिए बताया जाता है कि बाबा पुलिस के तौर-तरीकों से परिचित हैं। वर्दीधारी स्वयंसेवकों की लंबी-चैड़ी फौज खड़ी करने में यह काफी मददगार साबित हुआ। बाबा आम साधु-संतों की तरह गेरुआ वस्त्र नहीं पहनते हैं। बहुधा वह महंगे गॉगल, सफेद पैंटशर्ट पहनते हैं। अपने प्रवचनों में बाबा पाखंड का विरोध भी करते हैं। चूंकि बाबा के शिष्यों में बड़ी संख्या में समाज के हाशिए वाले, गरीब, दलित, दबे-कुचले लोग शामिल हैं। उन्हें बाबा का पहनावा और यह रूप बड़ा लुभाता है।
मीडिया से भी दूरी 
बाबा के सत्संगों में बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं। बाबा के शिष्य अपनी ही मस्ती में रहते हैं। यही वजह है कि मीडिया से भी ये लोग दूरी बरतते हैं। दरअसल, बाबा के सत्संग के तौर-तरीके चूंकि आम संतों से अलग होते हैं लिहाजा ये लोग नहीं चाहते कि इस पर किसी प्रकार की टीका-टिप्पणी हो।
यहां मौजूद है बाबा का आश्रम
भोले बाबा का आश्रम कासगंज जिले के पटियाली तहसील क्षेत्र के बहादुरनगर गांव में मौजूद है। यह उनका पैतृक गांव भी है। भोलेबाबा का बहादुर नगर में बड़ा आश्रम बना है। इस आश्रम में पहले सप्ताह के प्रत्येक मंगलवार को सत्संग होता था, लेकिन कुछ वर्ष पहले से यह परंपरा टूटी है।

You can share this post!

author

Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

Comments

Leave Comments