राजनीति///London :
संसदीय चुनावों में ब्रिटेन में जहां डेढ़ दशक से काबिज कंजरवेटिव पार्टी का सूरज डूब गया, वहीं एक सीट ऐसी रही जहां लेबर पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा।
ब्रिटेन के संसदीय चुनावों में जहां डेढ़ दशक से काबिज कंजरवेटिव पार्टी का सूरज डूब गया, वहीं एक सीट ऐसी रही जहां लेबर पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। यह सीट इसलिए भी खास है क्योंकि यहां 37 सालों से लेबर पार्टी का दबदबा था और इसमें सेंध लगाई है एक महिला राजीनितज्ञ ‘टोरी’ ने जो उस पार्टी से हैं जिसे समूचे देश में इस बार हार का सामना करना पड़ा है। ऋषि सुनक के राजनीतिक दल कंजरवेटिव पार्टी को सत्ता से अपदस्थ होना पड़ा मगर शिवानी राजा ने लेबर पार्टी को लीसेस्टर ईस्ट से धूल चटा दी। शिवानी राजा की जीत इसलिए भी अहम है क्योंकि उनकी पार्टी ने लेबर पार्टी से मुंह की खाई है। कंजरवेटिव पार्टी ने केवल 121 सीटें जीती हैं।
भारत के गुजराती मूल की उम्मीदवार शिवानी राजा ने लीसेस्टर ईस्ट सीट से जीत हासिल की है जहां पूर्व सांसद क्लाउड वेब्बे और कीथ वाज भी खड़े थे। साथ ही उन्होंने इस सीट से लंदन के डिप्टी मेयर राजेश अग्रवाल को भी हरा दिया। ये सांसद निर्दलीय तौर पर चुनावी मैदान में थे। लीसेस्टर ईस्ट को लेबर पार्टी का गढ़ माना जाता है और यह 37 वर्षों में पहली बार है कि वहां कोई कंजरवेटिव पार्टी कैंडिडेट जीता है। शिवानी राजा ने आम चुनाव 2024 में 14,526 वोट हासिल किए और लेबर उम्मीदवार राजेश अग्रवाल से 4,426 वोटों से आगे रहीं।
देश गुजरात की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि राजा गुजराती मूल की हैं और दीव की रहने वाली हैं। इसमें यह भी कहा गया कि चुनाव के दौरान राजा ने अपना काफी समय ब्रिटिश-भारतीय मतदाताओं को लुभाने में लगाया। रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने भारत में ब्रिटिश मतदाताओं, विशेषकर दीव और गुजरात के मतदाताओं को ऑनलाइन वोटिंग में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। शिवानी राजा का जन्म भी लीजेस्टर में हुआ था। इन्होंने हेरिक प्राइमरी, सोअर वैली कॉलेज, विगेस्टन और क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय कॉलेज से पढ़ाई की है।
बता दें कि इस बार ब्रिटेन में हुए इन आम चुनावों में 30 भारतीय मूल के लोगों को कंजरवेटिव पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था। लेबर पार्टी ने 33 भारतीय-ब्रिटिश को कैंडिडेट बनाया था। लिबरल डेमेक्रेट्स ने 11, ग्रीन पार्टी ने 13, रिफॉर्म यूके ने 13 और अन्य 7 भारतीय मूल के उम्मीदवार इस बार के संसदीय चुनाव में प्रत्याशी थे।
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