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राजस्थान और यूपी के पेपर लीक विवाद पर क्या क्या बोले कलमकार

राजस्थान और यूपी की पेपर लीक विवाद पर क्या क्या बोले कलमकार

साहित्य

राजस्थान और यूपी के पेपर लीक विवाद पर क्या क्या बोले कलमकार

साहित्य//Rajasthan/Jaipur :

राजस्थान हो या उत्तर प्रदेश पिछले कुछ दिनों से पेपर लीक मामला चर्चा में है। राजस्थान में गहलोत सरकार के राज में तमाम सरकारी परीक्षाओं में  पेपर लीक पर चुप्पी साधने वाले कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ,अचानक यू0पी0 पुलिस भर्ती परीक्षा में पेपर लीक होने पर वहां बेहद आक्रामक तेवरों में दिखे। इस मुद्दे  पर कलमकारों ने अपने उदगार हमें लिख भेजे। 

यूपी में पेपर लीक मामले पर राहुल गाँधी के आक्रोश का ज़िक्र सुनते ही रघुराज माथुर जी फरमाते हैं 

ये फसाना तो राजस्थान का था।
दर्द उठता है तो उठे सब ओर।।

राहुल गाँधी का साहित्य व काव्य सृजन के साथ साथ राजनीति में भी रूचि रखने वाली डॉ अंजू सक्सेना ने बड़े ही मज़ेदार ढंग से अपनी बात कही है -

"महाशय,आपकी बात तो सही है 
लाखों रुपए खर्च कर के भी सरकारी नौकरी नहीं है 
पर यह बताइए युवाओं के लिए क्या सरकारी ही बची है 
और अब आप साहब  गलत बयानी कर रहे हो, 
राजस्थान में रही कांग्रेसी सरकार का दोष यूपी पर मढ़ रहे हो। 
कह रहे हो मोबाइल पर पेपर देख अभ्यर्थी खुश बहुत हुआ था, 
पर पेपर लीक समाचार से ख्वाब चकनाचूर हुआ था।
अरे साहब यह सब तो आपकी सरकार में ही हुआ था
रिकार्ड भर्ती निकालने की घोषणा सदा बंपर फ्लॉप रही,
इमान बंदी से पेपर लीक न रुका,
नेटबंदी कर आम आदमी की मुसीबत हुई।

अभी आप बेरोजगार है 
इसलिए ख़्याल युवाओं का आया है
मोहब्बत की दुकान खोल न्याय का शोर मचाया है,
अपनी स्मृति दोष से सब गुड़-गोबर करते हो,
कहना क्या चाहिए और क्या कहते हो।
जब विवेक मंद और इमान पंगु होता है
हाल उसका कुछ आप सा होता है।
ईमान को अपने जरा जगाइए, नहलाइए, धुलाइए,
सरकार में विपक्ष की सकारात्मक भूमिका निभाइए।"

                
-कवियत्री डॉ.अंजु सक्सेना जयपुर में टी.टी.कालेज में  प्राचार्य पद पर कार्यरत हैं। 

श्रीमती पूजा उपाध्याय,ने इस मुद्दे पर अपने विचार हमें भेजें हैं। उनका कहना है "पेपर लीक रोकने के लिए मेरे विचार में हम और आप जैसे कुछ लोगों को अपना लालच छोड़ना पड़ेगा जो स्वयं की भलाई के लिए हजारों लाखों लोगों का भविष्य अंधकार में कर रहे हैं। भ्रष्टाचार की जड़े इतनी गहरी बैठ चुकी है कि कोई रास्ता नजर नहीं आता। हालांकि बाद सवेरा आवश्यक होता है। नौजवानों से मेरी विनम्र प्रार्थना है कि अपने जरा से लाभ के लिए अपने लाखों भाइयों का भविष्य अंधकार में ना करें। 

यदि खरीदार नहीं होंगे तो बेचने वाले किसे बेचेंगे। पेपर खरीदने वालों को समझ होनी चाहिए माता-पिता शुरू से ही अपने बच्चों को सदाचरण का प्रशिक्षण दें तभी हम आशा कर सकते हैं की सुधार संभव है । "

-श्रीमती पूजा उपाध्याय, परिवार परामर्शदाता व सामाजिक कार्यकर्ता

बदायूं उत्तर प्रदेश से दीप्ति सक्सेना पेपर लीक को देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए लिखतीं हैं कि -

जिस देश के पानी में भ्रष्टाचार मिल जाये, वहाँ की फसलें बर्बाद हो जाती हैं। भविष्य का प्रतिबिम्ब छात्र-प्रतियोगी, दशकों से भ्रष्ट व्यक्तियों-संस्थानों की बलि चढ़ रहे हैं। आज सरकारी नौकरी वैसे ही खड़ी पहाड़ी चढ़ने के समान है, उसपर पेपर लीक करके रस्सी ही काट दी जाती है।परीक्षाओं के पेपरों का लीक होना देश की गरिमा और भविष्य पर कुठाराघात है, जिसकी चोट से परीक्षार्थी को जीवन भर के लिए खुला घाव मिलता है। अयोग्य को पद की प्राप्ति और सुयोग्य का निष्फल संघर्ष देश की नींव को खोखला कर रही है। यदि यह कुचक्र रोका नहीं जायेगा, तो अन्ततोगत्वा भवन का ढ़हना निश्चित है।

आश्चर्य का विषय है बोर्ड परीक्षा से लेकर बड़ी प्रतियोगी परीक्षाएँ परीक्षा माफियाओं के शिकंजे में फँसी रही हैं, लेकिन उनपर कानून की तरफ से ऐसा कोई दण्ड निर्धारित नहीं था जो उन्हें चिंताजनक लगे। अब प्रस्तावित विधेयक में परीक्षा माफियाओं और साठगाँठ में शामिल पाए गए सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। 

विभिन्न राज्यों में इस प्रकार की घटनाओं से युवा आदर्शों और उदाहरणों के प्रति विश्वास हानि का अहसास करते हैं। वे यह सोचने लगते हैं, कि क्या उनके परिश्रम और पढ़ाई का कोई औचित्य है? ऐसी घटनाएँ उनके आत्मविश्वास की जड़ों में मट्ठा डालने का काम करती हैं और मनोबल पर गज पाँव रख देती हैं।दूसरी ओर, यह घटना उनके अभिभावकों के साथ बहुत बड़ा छल है। अपने बच्चों के भविष्य को लेकर अनिश्चितता उन्हें अन्दर से तोड़ देती है। भारत में मध्यमवर्गीय परिवारों में सरकारी नौकरी प्राथमिकता होती है, जिसके लिए अभिभावक से लेकर अभ्यर्थी अपना तन-मन-धन लक्ष्य की भट्टी में झोंकते जाते हैं।आज  सुरक्षित और न्यायसंगत शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता है, जिससे युवा को अपने बहाए गए पसीने का सुखद परिणाम मिल सके। पेपर लीक रूपी दीमक पर दवा लगाना बेहद आवश्यक है अन्यथा यह देश चट कर जाएगी।

-लेखिका दीप्ति सक्सेना विज्ञान शिक्षिका ,कवियत्री,सम्पादिका तथा एक साहित्यिक संस्थान की संस्थापिका हैं।

बता दें की यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा को निरस्त कर दिया गया है। साथ ही, सीएम योगी आदित्यनाथ ने पेपर लीक के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश जारी कर दिया है। यूपी पेपर लीक मामले का आरोपी नीरज यादव गिरफ्तार भी कर लिया गया है। वही राजस्थान में आरपीएससी की सैकेंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसओजी को बड़ी सफलता हांसिल हुई है।  पेपर लीक के मुख्य आरोपी और इनामी सरगना भूपेन्द्र सारण को बैंगलूरू एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया है। 

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सौम्या बी श्रीवास्तव

By News Thikhana

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