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वेब सीरीज रिव्यू: बेहतरीन कहानी, गजब की एडिटिंग का धमाल ‘द फ्रीलांसर’

मनोरंजन जगत

वेब सीरीज रिव्यू: बेहतरीन कहानी, गजब की एडिटिंग का धमाल ‘द फ्रीलांसर’

मनोरंजन जगत/सिनेमा/Maharashtra/Mumbai :

कहानी एक युवा लड़की के अपहरण के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक संदिग्ध व्यक्ति के साथ शादी के बाद हनीमून के चक्कर में सीरिया पहुंच जाती है।

शिरीष थोराट की किताब ‘ए टिकट टू सीरिया’ पर आधारित ‘द फ्रीलांसर’ एक पूर्व पुलिस अधिकारी से फ्रीलांसर बने अविनाश कामथ (मोहित रैना) की कहानी है। वह एक लड़की आलिया खान (कश्मीरा परदेशी) को बचाने के मिशन पर है। आलिया को युद्धग्रस्त सीरिया में बंदी बना लिया गया है। क्या अविनाश अपने इस मिशन में कामयाब हो पाएगा? क्या वह आलिया को सकुशल भारत लौटा पाएगा? नीरज पांडे की वेब सीरीज ‘द फ्रीलांसर’ इसी के इर्द-गिर्द बुनी गई है।
नीरज पांडे का एक और एक्शन-थ्रिलर
‘बेबी’ फिल्म और ‘स्पेशल ऑप्स’ सीरीज फेम नीरज पांडे एक और एक्शन-थ्रिलर लेकर हाजिर हैं। इस नई सीरीज ‘द फ्रीलांसर’ में भी उनका सग्निेचर स्टाइल दिखता है। कहानी कहने से लेकर किरदारों के चरित्र-चित्रण तक नीरज पांडे दर्शकों को बांधे रखते हैं। कहानी एक युवा लड़की के अपहरण के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक संदिग्ध व्यक्ति के साथ शादी के बाद हनीमून के चक्कर में सीरिया पहुंच जाती है।
ए टिकट टू सीरिया की कहानी पर आधारित
बेस्टसेलर नॉवल, ‘ए टिकट टू सीरिया’ को पर्दे पर उताने के लिए कुछ मामूली बदलाव भी किए गए हैं। मूल कहानी की सेटिंग को मालदीव से बदलकर भारत किया गया है। सीरीज का प्लॉट एक पूर्व पुलिसकर्मी से फ्रीलांसर यानी भाड़े का सैनिक बने अविनाश कामथ का नया रेस्क्यू मिशन है। वह अपने सबसे अच्छे दोस्त और सस्पेंडेड पुलिसकर्मी इनायत (सुशांत) की बेटी आलिया (कश्मीरा परदेशी) को वापस लाने के लिए निकला है। नीरज पांडे और डायरेक्टर भाव धूलिया ने अपने लेखकों की टीम (रितेश शाह और शिरीष थोराट) के साथ स्क्रीनप्ले में रफ्तार को बनाए रखा है। पहले सीन से ही वह हमें अपनी दुनिया में खोने पर मजबूर कर देते हैं। किरदारों के बीच तनाव और जल्दबाजी की भावना को बड़े प्रभावी तरीके से दिखाया गया है और बतौर दर्शक आप इसे महसूस भी करते हैं। कहानी सहज तरीके से आगे बढ़ती रहती है। इसकी रफ्तार दर्शकों को ठहरकर सोचने का बहुत कम मौका देती है। स्क्रीनप्ले की यह तेजी सस्पेंस बनाए रखने में मदद करती है। कहानी धीरे-धीरे ग्लोबल पॉलिटिकल थीम को भी अपनाती है और इसमें गहराई तक जाती है।
अतीत और वर्तमान का सुंदर मेल
‘द फ्रीलांसर’ में अतीत की घटनाओं के साथ ही किरदारों के वर्तमान को बड़े अच्छे ढ़ंग से बुना गया है। हर एपिसोड में एक नया सबप्लॉट और नए पहलू सामने आते हैं। इनायत खान के साथ मुंबई पुलिस अधिकारी के रूप में अविनाश का जीवन, छोटी आलिया के साथ खुशनुमा पल, मृणाल के साथ उसकी मैरिड लाइफ, ये सब मुख्य कहानी के साथ चलते रहते हैं।

इसमें कोई दोराय नहीं है कि ‘द फ्रीलांसर’ एक बढ़िया, आकर्षक और रहस्यों से भरी हुई सीरीज है। लेकिन इसमें एक खामी भी हैं। यह दो हिस्सों में बंटी हुई है और इसलिए दर्शकों को प्लॉट से अलग कर देती है।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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