आज है विक्रम संवत् 2081 के भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि रात 07:57 त बजे तक तदुपरांत षष्ठी तिथि यानी रविवार, 08 सितंबर, 2024 परमाणु मिसाइल अग्नि-4 का सफल परीक्षण, चीन-पाक पलभर में खाक पैरालंपिक: प्रवीण कुमार ने भारत को दिलाया एक और गोल्ड राजस्थान: 108 आईएएस के बाद 386 आरएएस अधिकारियों का ट्रांसफर
नहीं रहे हरित क्रांति के जनक, महान कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन का 98 साल की उम्र में निधन

श्रद्धांजलि

नहीं रहे हरित क्रांति के जनक, महान कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन का 98 साल की उम्र में निधन

श्रद्धांजलि//Delhi/New Delhi :

हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले महान कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन का निधन हो गया है। स्वामीनाथन को फादर ऑफ ग्रीन रिवॉल्यूशन भी कहा जाता है। वैज्ञानिक का निधन 98 साल की उम्र में लंबे समय से बीमार रहने के चलते हुआ। हरित क्रांति की वजह से कई राज्यों में कृषि उत्पादों में इजाफा हुआ था।

देश में हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले महान कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन का निधन हो गया है। स्वामीनाथन को फादर ऑफ ग्रीन रिवॉल्यूशन भी कहा जाता है। हरित क्रांति की वजह से कई राज्यों में कृषि उत्पादों में इजाफा हुआ था।
लंबे समय से थे बीमार
वैज्ञानिक स्वामीनाथन का निधन 98 साल की उम्र में लंबे समय से बीमार रहने के चलते हुआ। एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन के सूत्रों ने बताया कि मशहूर कृषि वैज्ञानिक का काफी समय से उम्र संबंधी बीमारी का इलाज किया जा रहा था। स्वामीनाथन अपने पीछे तीन बेटियों को छोड़ गए हैं।
धान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका
स्वामीनाथन ने देश में धान की फसल को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने धान की अधिक उपज देने वाली किस्मों को विकसित करने में बड़ा योगदान दिया था। इस पहल के चलते पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश के किसानों को काफी मदद मिली थी। 
संभाले थे कई प्रमुख पद
स्वामीनाथन अपने कार्यकाल के दौरान कई प्रमुख पदों पर काबिज रहे थे। वो भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का निदेशक (1961-1972), आईसीआर के महानिदेशक और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव (1972-79),  कृषि मंत्रालय के प्रधान सचिव (1979-80) नियुक्त किया गया था। स्वामीनाथन को 1987 में प्रथम खाद्य पुरस्कार दिया गया था। वो पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण तक से सम्मानित हो चुके हैं।
पीएम मोदी ने जताया शोक
स्वामीनाथन के निधन की खबर सुनते ही पीएम मोदी भी दुखी हुए। पीएम ने कहा कि उन्होंने हमेशा देश के लिए काम किया। पीएम ने कहा कि स्वामीनाथन ने कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व काम करते हुए हजारों लोगों की जिंदगी संवारी।

You can share this post!

author

Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

Comments

Leave Comments