ट्रांस्पोर्ट//Gujarat/Ahemdabad :
भारतीय रेलवे की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ट्रायल रन के बाद दिसंबर 2024 तक चालू की जा सकती है।रेलवे अपने यात्रियों को यूरोप में नाइटजेट स्लीपर ट्रेनों के समान रात भर की यात्रा पर एक विश्व स्तरीय यात्रा अनुभव प्रदान करने की योजना बना रहा है।
भारतीय रेलवे की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन साल के अंत तक चालू होने की उम्मीद है। 2019 में शुरू की गई चेयर-कार ट्रेन के बाद यह वंदे भारत श्रृंखला का तीसरा संस्करण होगा। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की पहली ट्रेन गुजरात में संचालित होने की उम्मीद है। हालांकि आधिकारिक तौर पर यह अभी स्पष्ट नहीं है।
ट्रेन का दो महीने किया जाएगा ट्रायल
इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) चेन्नई के महाप्रबंधक यू सुब्बा राव ने एक मीडिया संस्थान को बताया कि वंदे भारत की पहली स्लीपर ट्रेन 20 सितंबर तक बेंगलुरु में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) के प्लांट से रवाना होने की उम्मीद है। इसके बाद इसका ट्रायल रन किया जाएगा। इसका ट्रायल एक या दो महीने तक चलेगा। उन्होंने कहा कि हाई-स्पीड ट्रेन का ट्रायल उत्तर पश्चिम रेलवे जोन पर किए जाने की संभावना है।
वंदे भारत स्लीपर में ये होगा खास
एक सूत्र ने कहा कि चेयर कार वंदे भारत ट्रेन से मिले फीडबैक के आधार पर शोर को कम करने और मवेशियों की टक्कर को बेहतर ढंग से झेलने के लिए फ्रंट नोज कोन को मजबूत करने के लिए सुधार किए जा रहे हैं। ट्रेन कवच टकराव बचाव प्रणाली से भी लैस होगी। अन्य विशेषताओं में स्टेनलेस स्टील कार बॉडी, क्रैश-योग्य यात्री सुरक्षा, जीएफआरपी आंतरिक पैनल, वायुगतिकीय डिजाइन, मॉड्यूलर पेंट्री, अग्नि सुरक्षा अनुपालन (ईएन 45545), विकलांग यात्रियों के लिए सुविधाएं, स्वचालित दरवाजे, सेंसर-आधारित इंटरकम्युनिकेशन, अग्नि अवरोधक दरवाजे शामिल हैं। एर्गोनोमिक टॉयलेट सिस्टम, यूएसबी चार्जिंग के साथ एकीकृत रीडिंग लाइट भी होगी।
वंदे भारत स्लीपर में भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को यूरोप में नाइटजेट स्लीपर ट्रेनों के समान रात भर की यात्रा पर एक विश्व स्तरीय यात्रा अनुभव प्रदान करने की योजना बना रहा है। रात में लाइट बंद होने पर शौचालय जाने वाले यात्रियों के लिए सीढ़ी के नीचे फर्श पर एलईडी स्ट्रिप्स होंगी। ट्रेन अटेंडेंट के लिए भी अलग बर्थ होगी।
दिसंबर 2024 तक ट्रेन चलाने की उम्मीद
बता दें कि मई 2023 में 16-कार वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट के 10 रेक के डिजाइन और निर्माण के लिए ठम्डस् लिमिटेड को एक ऑर्डर दिया गया था। इसकी अधिकतम परिचालन गति 160-180 किमी प्रति घंटे होगी। ट्रायल रन के बाद दिसंबर 2024 तक इसे चालू किया जा सकता है।
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