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Union Budget 2023 : देश की ग्रोथ पर फोकस के साथ ग्रामीण क्षेत्र और मध्यम वर्ग का विशेष ध्यान

Union Budget 2023

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Union Budget 2023 : देश की ग्रोथ पर फोकस के साथ ग्रामीण क्षेत्र और मध्यम वर्ग का विशेष ध्यान

आर्थिक//Delhi/New Delhi :

Union Budget 2023 : अमृत काल का पहला और मोदी सरकार-2 का आखिरी संपूर्ण बजट वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2023 को संसद के समक्ष प्रस्तुत किया। उम्मीद के मुताबिक मध्यम वर्ग के लिए आयकर (नई कर प्रणाली में) घटाया गया है, जिसका कुल राजस्व पर असर 37 हजार करोड़ रुपये होगा। गौरतलब है कि नयी आयकर प्रणाली से आयकर रिटर्न भरना आसान हो जायेग,लेकिन इसका आयकरदाताओं द्वारा की जा रही बचत पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

आज के दौर में जहां जीएसटी बजट की परिधि से बाहर हो चुका है। कॉरपोरेट टैक्स में भी कोई खास कमी या वृद्धि की संभावना नहीं है लेकिन आर्थिक विश्लेषकों की नजर सरकारी खर्च के आवंटन पर ज़्यादा होती है। वास्तव में सरकारी खर्च का आवंटन ही सरकार की नीतियों का दपर्ण है। उस दृष्टि से विचार करें तो ध्यान में आता है कि इस बार के बजट में सरकार का ध्यान इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रामीण विकास, पर्यावरणीय अनुकूल ग्रोथ, शिक्षा, डिजिटलीकरण ज्यादा दिखाई देता है।
कृषि एवं ग्रामीण विकास
मोटे अनाजों को प्रोत्साहन, कृषि ऋण, मत्स्य पालन, सहकारिता इत्यादि इस बजट के प्रमुख आकर्षण हैं। बहुआयामी प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों को बढ़ावा देते हुए डेयरी, मत्स्य क्षेत्र को बढ़ावा देने की बात बजट में शामिल है। कृषि ऋण का लक्ष्य बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रखा गया है। यह सभी कृषि एवं सहायक गतिविधियों को बढ़ावा देगा। ग्रामीण क्षेत्रों को आकांक्षी जिला और नई घोषणा के अनुसार आकांक्षी ब्लॉक योजना से भी ग्रामीण विकास को मदद मिलेगी। सूखा ग्रस्त क्षेत्रों के लिए जल की व्यवस्था का लाभ भी कृषि को मिलेगा।

पूंजीगत व्यय
पिछले वर्ष के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए पूंजीगत व्यय का हिस्सा बजट में 13.7 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो जीडीपी का 4.5 प्रतिशत है। इसका लाभ इंफ्रास्ट्रक्चर समेत अन्यान्य प्रकार के क्षेत्रों को मिलेगा। इसी तरह 2.40 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय रेलवे के लिए, 7500 करोड़ रुपये लॉजिस्टिक्स समेत विभिन्न प्रकार के पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) का प्रावधान इस बजट को खास बनाता है। इतना पूंजीगत व्यय, मात्रा की दृष्टि से ही नहीं, जीडीपी के प्रतिशत के रूप में भी एक रिकॉर्ड है।

ग्रीन ग्रोथ

ग्रीन ग्रोथ पर जोर इस बजट की खास बातें हैं। ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, नवीकरणीय ऊर्जा, गोबरधन, ग्रीन क्रेडिट आदि प्रावधान, भारत के 2070 तक जीरो नेट के संकल्प के संकेत माने जा सकते हैं।

पर्यटन
पिछले कुछ समय से सरकार का जोर पर्यटन पर है। इस बजट में कनैक्टिविटी बढ़ाने के साथ-साथ इस क्षेत्र में स्वरोजगार, कौशल निर्माण समेत कई प्रावधान बजट में हैं। हालांकि अपेक्षा की जा रही थी कि इस बजट में मैन्युफ़ैक्चरिंग पर ज़ोर रहेगा, बजट में उसके लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं दिख रहे। आज देश चीन से भारी आयातों और उस कारण बढ़ते व्यापार घाटे की त्रासदी से गुजर रहा है। उससे बचने का कोई ख़ास उपाय इस बजट में नहीं दिखता है।
वर्ष 2022-23 वर्ष के संशोधित अनुमानों के अनुसार कुल खर्च लगभग 42 लाख करोड़ रुपए रहेगा। उसकी तुलना में इस साल लगभग 45 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है यानी मात्र 7 प्रतिशत की वृद्धि। शायद राजकोषीय घाटे को 5.9 प्रतिशत तक सीमित करने के उद्देश्य से खर्च को सीमित किया गया है। लेकिन, अच्छी बात यह है कि पूंजीगत व्यय में कटौती की बजाय वृद्धि ही हुई है।


विशेषः - न्यूज ठिकाना के लिए Union Budget 2023 पर विशेष रूप से अपना विश्लेषण लिखने वाले प्रोफेसर अश्विनी महाजन देश के प्रख्यात अर्थशास्त्री हैं। वे दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेज में पढ़ाते हैं और प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं के लिए नियमित तौर पर लिखते रहते हैं। प्रोफेसर महाजन स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक हैं।

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Dr. Ashwini Mahajan

By News Thikhana

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