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टीम इंडिया के लिए आज का मैच ‘वो सत्तर मिनट’ जैसा !!! पूरा भारत बोल रहा... चक दे इंडिया

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टीम इंडिया के लिए आज का मैच ‘वो सत्तर मिनट’ जैसा !!! पूरा भारत बोल रहा... चक दे इंडिया

स्पोर्ट्स//Maharashtra/Mumbai :

वर्ल्ड कप में बुधवार का दिन भारतीय टीम के लिए काफी बड़ा है। टीम इंडिया को सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से टकराना है। ये मुकाबला मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला जाना है। आईसीसी टूर्नामेंट्स में कीवियों ने भारत को बहुत परेशान किया है, लेकिन इस बार की कहानी अलग है।

फिल्म चक दे इंडिया आपने देखी ही होगी। फाइनल से पहले कोच कबीर खान यानी शाहरूख खान खिलाड़ियों के साथ बातचीत करते हैं। उस बातचीत में वो बहुत कुछ ऐसा कहते हैं जो खिलाड़ियों को ‘मॉटिवेट’ करता है। उस फिल्म को रिलीज हुए डेढ़ दशक से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। लेकिन अब भी किसी भी खेल में भारतीय टीम कोई बड़ा मुकाबला खेलने जा रही हो तो उस फिल्म का जिक्र जरूर होता है। शाहरूख खान के उन डायलॉग्स का जिक्र जरूर होता है। 
फिल्म चक दे इंडिया का ‘वो सत्तर मिनट’ वाला डायलॉग तो बच्चे-बच्चे को याद है। खैर, चलिए अब आ जाते हैं खेलों की असली दुनिया में। असली खेलों की दुनिया में फिलहाल वर्ल्ड कप में भारत की न्यूजीलैंड के खिलाफ लड़ाई फाइनल की तो नहीं है लेकिन है नॉक आउट वाली ही। यानी हारे तो खाली हाथ वापसी। लगातार 9 जीत के बाद एक गलती टीम इंडिया के फैंस की उम्मीदों पर पानी फेर देगी।
बुधवार को मुंबई के ऐतिहासिक वानखेड़े स्टेडियम में भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में उतरेगी। 2011 में इसी वानखेड़े स्टेडियम में भारतीय टीम ने श्रीलंका को हराकर वर्ल्ड कप जीता था। इस बार वानखेड़े मैदान भारतीय टीम को वर्ल्ड कप के और करीब पहुंचा सकता है। लेकिन भूलिएगा नहीं कि इस बार सामना न्यूजीलैंड से है, जिसने 2019 में सेमीफाइनल में ही भारत का सपना तोड़ा था।
रोहित खिलाड़ियों से क्या कहेंगे?
क्रिकेट फैंस के जेहन में इस वक्त एक ही सवाल है- रोहित शर्मा बतौर कप्तान खिलाड़ियों से क्या कहेंगे? अमूमन कप्तान के पास खिलाड़ियों को समझाने के लिए कुछ मुद्दे होते हैं। लेकिन असली परेशानी ये है कि रोहित शर्मा के पास किसी भी खिलाड़ी से कुछ कहने का ‘स्कोप’ ही नहीं है। भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप में अब तक का सफर अपराजेय रहते हुए तय किया है। हर एक जीत में कोई नया ही खिलाड़ी चमकता है। भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए मैच जीते हैं। भारतीय टीम ने पहले गेंदबाजी करके मैच जीते हैं। भारतीय टीम की जीत का अंतर 300 रनों से लेकर 8 विकेट तक का रहा है।
हर मैच अलग अंदाज में जीता
भारतीय टीम ने टॉप ऑर्डर की नाकामी के बाद मैच जीता है। भारतीय टीम ने श्रीलंका और साउथ अफ्रीका जैसी टीम को 100 रन के भीतर समेटा है। भारतीय टीम ने स्कोर बोर्ड पर 400 रन से ज्यादा का स्कोर जोड़ा है। इसके बाद कप्तान अपने खिलाड़ियों से क्या ही कहेगा, सिवाय इसके कि उन्हें नया कुछ नहीं करना है बल्कि जो जिस ‘माइंडसेट’ के साथ अभी तक खेल रहे हैं, बस उसे बनाए रखें। उस ‘पॉजिटिविटी’ को कायम रखें जो उन्होंने अब तक टूर्नामेंट में दिखाई है।
किसी खिलाड़ी ने नहीं दिया है कुछ कहने का मौका
टीम इंडिया के किसी भी खिलाड़ी ने रोहित शर्मा को कुछ कहने का मौका ही नहीं दिया है। आंकड़ों के लिहाज से समझिए। इस टूर्नामेंट में विराट कोहली 99 की औसत से 594 रन बना चुके हैं। जिस मैच में सलामी बल्लेबाजों की जोड़ी जल्दी टूट जाती है, वहां विराट कोहली ने जिम्मेदारी से बल्लेबाजी की है। श्रेयस अय्यर 70 से ज्यादा की औसत से 421 रन बनाए हैं। केएल राहुल की औसत करीब 70 की है। उनके खाते में 347 रन हैं। केएल राहुल इस वर्ल्ड कप में विकेटकीपर के रोल में भी हैं। मजे की बात ये है कि इस रोल में भी उन्होंने कप्तान को कोई मौका नहीं दिया है। वर्ल्ड कप से पहले आशंका ये थी कि कहीं किसी फंसे हुए मैच में वो एकाध कैच या स्टपिंग ‘मिस’ कर देंगे तो काफी मंहगा पड़ेगा। लेकिन हकीकत ये है कि केएल राहुल ने लाजवाब विकेटकीपिंग की है। विकेट की बाएं तरफ भी उन्होंने कुछ कैच ऐसे पकड़े हैं, जो कमाल के रहे हैं। रोहित खुद अपने आप को भी कोई नया ‘टारगेट’ नहीं दे सकते हैं। वो खुद ही 55 की औसत से 503 रन बना चुके हैं।
गेंदबाजों ने दिया है अपना बेस्ट
शुभमन गिल और रवींद्र जडेजा ने भी अपना काम बखूबी किया है। गेंदबाजों की बात करेंगे तो मोहम्मद शमी 4.78 की इकॉनमी से 16 विकेट ले चुके हैं। जसप्रीत बुमराह 3.65 की इकॉनमी से 17 विकेट ले चुके हैं। रवींद्र जडेजा ने 3.97 की इकॉनमी से 16 विकेट लिए हैं। कुलदीप यादव ने 4.15 की इकॉनमी से 14 विकेट लिए हैं। मोहम्मद सिराज की इकॉनमी 5.20 की है और उनके खाते में 12 विकेट हैं। अब दुनिया की किसी भी टीम के गेंदबाजों से आप इससे ज्यादा क्या उम्मीद करेंगे। गेंदबाजों का ये प्रदर्शन अविश्वसनीय है। यानी गेंदबाजों ने भी रोहित शर्मा को कुछ कहने का मौका नहीं दिया है।
2019 की हार की बात करेंगे या 2023 की जीत की
फैंस के मन में एक सवाल ये भी है कि रोहित शर्मा खिलाड़ियों से 2019 में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार की बात करेंगे क्या? इसके पीछे भी बड़ा सीधा तर्क है कि उन्हें 2019 की बात करने की जरूरत ही क्या है? इसी वर्ल्ड कप में भारत ने न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराया है। भारत ने वो मैच उस मैदान में जीता है, जिसे न्यूजीलैंड के लिए ज्यादा मुफीद माना जा रहा था। धर्मशाला में न्यूजीलैंड ने भारत को 274 रन का लक्ष्य दिया था, जो भारतीय टीम ने 6 विकेट खोकर हासिल कर लिया था।
कुछ नया करने की जरूरत नहीं
सीधी बात ये है कि रोहित शर्मा को अपने खिलाड़ियों से सिर्फ इतना कहना है कि वो कुछ भी नया करने की ना सोचें, वो कोई प्रयोग करने की ना सोचें वो सिर्फ वही करते रहें जो इस वर्ल्ड कप में अब तक करते आ रहे हैं। 2019 और 2023 का फर्क बहुत सीधा है। इस फर्क को खिलाड़ी हमसे ज्यादा समझते हैं। उन्हें पता है कि मैनचेस्टर के मैदान में और वानखेड़े के मैदान में जमीन-आसमान का अंतर है। खास तौर पर पिच के मिजाज और घरेलू दर्शकों की मौजूदगी। अब कहने का नहीं करने का वक्त है।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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