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कुछ यूँ गुजरी आज़म खान परिवार की जेल में पहली रात ,फ्रॉड सर्टिफिकेट मामले में पत्नी बेटे समेत आजम को मिली है 7 साल की कैद 

फ्रॉड सर्टिफिकेट मामले में पत्नी बेटे समेत आजम को मिली है 7 साल की कैद 

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कुछ यूँ गुजरी आज़म खान परिवार की जेल में पहली रात ,फ्रॉड सर्टिफिकेट मामले में पत्नी बेटे समेत आजम को मिली है 7 साल की कैद 

क्राइम //Uttar Pradesh /Lucknow :

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को परिवार सहित 7 साल कैद की सजा सुनाई गई, उन्हें रामपुर जेल में रखा गया है। जेल में आजम फैमिली की पहली रात बेहद मुश्किल भरी गुजरी, बताया जा रहा है कि परिवार ने पहली रात खाना तक नहीं खाया। सूत्रों के अनुसार आजम फैमिली की जेल में पहली रात मुसीबत भरी रही है. आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को रामपुर जेल की बैरक नम्बर एक में रखा गया है जबकि आजम की पत्नी तंजीन फातिमा को महिला बैरक में रखा गया है।

सात साल की सजा मिलते ही पूरा परिवार सदमे में है। तीनो में से किसी ने खाना नहीं खाया ,आजम की पत्नी तंजीन फातिमा को जब रात का खाना दिया गया तो उन्होंने नहीं खाया ,इसी तरह जब आजम और अब्दुल्ला को खाना दिया गया तो उन्होंने भी खाने से इंकार कर दिया। बता दें कि रामपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट  कथित जालसाजी से जुड़े चार साल पुराने मामले में बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खान को को दोषी करार दिया और तीनो को सात सात साल कैद की सजा सुनाई। 

समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता आजम खान (Azam khan) और उनके परिवार की मुश्किलें कम होने के नाम नहीं ले रही है। फ़र्ज़ी बर्थ सर्टिफिकेट केस में कोर्ट ने आजम खान उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल की सजा सुनाई है। यह फैसला रामपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाया है। तीनों पर धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया गया था। कोर्ट ने आज, 18 अक्टूबर को ही तीनों को दोषी करार दिया जाता है। 

अलग अलग स्थान के दो फ़र्ज़ी सर्टिफिकेट का मामला 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये मामला आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम के फ़र्ज़ी बर्थ सर्टिफिकेट से जुड़ा हुआ है। आरोप के मुताबिक अब्दुल्ला आजम पर दो अलग-अलग बर्थ सर्टिफिकेट रखने का आरोप है। एक सर्टिफिकेट 28 जून 2012 को जारी हुआ जो रामपुर नगर पालिका ने जारी किया गया। इसमें अब्दुल्ला के जन्मस्थान के रूप में रामपुर को दिखाया गया है। जबकि दूसरा जन्म प्रमाण पत्र जनवरी 2015 में जारी किया गया। इसमें अब्दुल्ला के जन्मस्थान को लखनऊ दिखाया गया है। एक प्रमाणपत्र में अब्दुल्ला आजम की जन्म तिथि एक जनवरी, 1993 थी जबकि  लखनऊ से जारी दूसरे प्रमाणपत्र में अब्दुल्ला की जन्मतिथि 30 सितंबर, 1990 दर्शायी गई थी

दोनों सर्टिफिकेट का करते थे धड़ल्ले से उपयोग 

इसको लेकर बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम के खिलाफ केस दायर किया था।  केस में अब्दुल्ला के पिता आजम खान और मां तजीन फातिमा को भी आरोपी बनाया गया था। अब्दुल्ला पर पहले जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर पासपोर्ट हासिल करने और विदेशी दौरे करने के लिए दूसरे प्रमाण पत्र का इस्तेमाल करने का भी आरोप है। इसके अलावा उन पर जौहर विश्वविद्यालय के लिए भी इसका उपयोग करने का आरोप है। आरोप है कि अब्दुल्ला आजम ने दोनों सर्टिफिकेट का सुविधानुसार धड़ल्ले से इस्तेमाल किया। 

पहले भी मिल चुकी है दो साल की सजा 

इससे पहले स्वार सीट से विधायक रहे अब्दुल्ला आजम खान को मुरादाबाद की एक अदालत ने 15 साल पुराने मामले में दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद इस सीट पर उपचुनाव की घोषणा हुई थी। चुनाव में समाजवादी  पार्टी को तगड़ा झटका लगा था। NDA के उम्मीदवार शफीक अहमद अंसारी 10 हज़ार से विजयी हुए थे। बता दें कि  शफीक अहमद अंसारी अपना दल (सोनेलाल) की तरफ से खड़े हुए थे, उन्हें भाजपा का समर्थन मिला था। 

गौरतलब है कि इस केस की सुनवाई रामपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही थी। आजम खान के वकील की तरफ से अर्जी लगाई थी कि केस सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए। परन्तु कोर्ट ने ये अर्ज़ी खारिज कर दी थी। 

 

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सौम्या बी श्रीवास्तव

By News Thikhana

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