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ये है भारतीय सेना का कमांडो अर्जुन, इसके ताकतवर हमले से नहीं बचेगा दुश्मन का ड्रोन

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ये है भारतीय सेना का कमांडो अर्जुन, इसके ताकतवर हमले से नहीं बचेगा दुश्मन का ड्रोन

सेना//Delhi/New Delhi :

यह इंडियन आर्मी का पहला कमांडो चील है, इसका नाम है अर्जुन। इसका एक ही मिशन है, दुश्मन के ड्रोन को मार गिराना। उत्तराखंड के औली में शुरू हुए युद्धाभ्यास में इसने अपनी काबिलियत दिखाई। यह दुश्मन के ड्रोन्स पर हमला करने के लिए प्रशिक्षित है। 

उत्तराखंड के औली में भारतीय सेना और अमेरिकी सेना एक संयुक्त युद्धाभ्यास कर रहे हैं। इस दौरान भारतीय सेना के पहले चील कमांडो अर्जुन ने एक ड्रोन को मार गिराया। युद्धाभ्यास में सेना ने ऐसी स्थिति पैदा की, जिसमें चील और डॉग्स को दुश्मन के ड्रोन्स को खोजकर उन्हें नष्ट करना था। डॉग्स ने जैसे ही ड्रोन्स के उड़ने की आवाज सुनी, उसने चील कमांडो अर्जुन की तरफ देखकर भौंकना शुरू कर दिया। अर्जुन ने उड़ान भरी और दुश्मन के ड्रोन को अपने पंजों से मार गिराया। असल में यह एंटी ड्रोन चील है। भारतीय सेना चीलों और कुत्तों को ऐसे मिशनों के लिए प्रशिक्षित कर रही है। यह ट्रेनिंग मेरठ के रीमाउंट वेटरीनरी कोर में दी जा रही ह। अक्सर ये खबर आती है कि पंजाब, कश्मीर, जम्मू से लगी पाकिस्तानी सीमा पर दुश्मन के ड्रोन उड़ते देखे गए। हाल ही में बीएसएफ ने पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया है लेकिन अब इन चील और डॉग्स की मदद से ड्रोन्स पर फायरिंग करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 
जल्द ही इन चीलों और डॉग्स की ट्रेनिंग पूरी होगी। इसके बाद ये भारतीय सेना को मिल जाएंगे। फिर इन चीलों और डॉग्स को सीमा के पास सैन्य पोस्ट पर तैनात किया जा सकता है। जहां से दुश्मन के ड्रोन्स को देखते ही ये उन्हें मार गिराएंगे। चीलों की खासियत ये है कि ऊंचाई पर उड़ते हैं और निगाहें तेज होती हैं। ये मीलों दूर तक देख सकते हैं और दुश्मन पर मिसाइल की तरह हमला करते हैं यानी दुश्मन चाहकर भी अपने ड्रोन को चील के हमले से बचा नहीं पाएगा। जब भी दुश्मन का ड्रोन भारतीय सीमा में घुसेगा चील उसे अपने नुकीले पंजों और ताकतवर पंखों से मार गिराएंगे।
राडार की पकड़ में नहीं आते ड्रोन
ड्रोन के साथ सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि ये राडार की नजर में नहीं आते। साथ ही, छोटे-मोटे ड्रोन्स बाजार में उपलब्ध भी हैं, जिन्हें कोई भी आसानी से उड़ा सकता है। उनसे निगरानी, जासूसी या हवाई हमला कर सकता है। इन ड्रोन्स की मदद से हथियारों, ड्रग्स आदि की स्मगलिंग भी होती है इसलिए चील की मदद से ऐसे ड्रोन्स को मार गिराने की योजना कारगर साबित होगी।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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