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Fifa World Cup 2022 : विजेता को असली फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी नहीं मिलती, असली वाली छह किलो से ज्यादा वजन की और 18 कैरेट सोने की

Fifa World Cup 2022

फीफा विश्वकप 2022

Fifa World Cup 2022 : विजेता को असली फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी नहीं मिलती, असली वाली छह किलो से ज्यादा वजन की और 18 कैरेट सोने की

फीफा विश्वकप 2022/// :

Fifa World Cup 2022 ट्रॉफी का वजन 6.175 किलो ग्राम है। इसे बनाने में 18 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया गया है। इसकी लंबाई 36.5 सेंटीमीटर है। ट्रॉफी के बेस का व्यास 13 सेमी है।

आने वाला रविवार खेलों के लिहाज महत्वरपूर्ण दिन है। रविवार, 18 दिसंबर Fifa World Cup 2022  का फाइनल मुकाबला Argentina और France के बीच खेला जाएगा। कतर के लुसैल शहर में France जहां लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप जीतने की कोशिश में होगा। वहीं, Argentina की 36 साल बाद वर्ल्ड चैंपियन की ट्रॉफी जीतना का कोई मौका खोना नहीं चाहता। Fifa World Cup 2022 ओलिंपिक के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खेल है। एक को खेलों का महाकुंभ कह सकते हैं तो दूसरे को अर्धकुम्भ। फीफा द्वारा आयोजित इस टूर्नामेंट को जीतने वाली टीम को चमचमाती ट्रॉफी दी जाती है।

1930 की ट्रॉफी 1970 में बदल दी गई

फुटबॉल वर्ल्ड कप की शुरुआत 1930 में हुई थी। उस समय विजेता टीम को जो ट्रॉफी दी जाती थी, उसका नाम जूल्स रिमेट ट्रॉफी था। वर्ष 1970 तक चैंपियन बनने वाली टीमों को यह ट्रॉफी दी जाती थी। इसके बाद ट्रॉफी को दोबारा डिजाइन किया गया। अब यही ट्रॉफी दी जाती है। नई ट्रॉफी पहली बार 1974 वर्ल्ड कप की विजेता टीम को दी गई थी। अभी तक 12 टीमों ने नयी ट्रॉफी पर कब्जा जमाया है। नयी ट्रॉफी को जर्मनी ने सबसे ज्यादा तीन बार जीता है। पुरानी ट्रॉफी को ब्राजील ने सबसे ज्यादा तीन बार जीता था।

सिल्वियो गाजानिया ने तैयार की है नयी टॉफी

वर्तमान में दी जाने वाले ट्रॉफी को फेडरेशन ऑफ फुटबॉल एसोसिएशन यानी फीफा वर्ल्डकप ट्रॉफी नाम दिया गया। इटली के सिल्वियो गाजानिया ने इस ट्रॉफी का डिजाइन तैयार किया था। सात देशों के मूर्तिकारों ने ट्रॉफी के नये डिजाइन के लिए 53 प्रस्तुतियां भेजीं थी। लेकिन अंत में सिल्वियो को चुना गया था। फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी का वजन 6.175 किलो ग्राम है। इसे बनाने में 18 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया गया है। इसकी लंबाई 36.5 सेंटीमीटर है। ट्रॉफी के बेस का व्यास 13 सेमी है। यह मैलाकाइट की दो परतों से बनाया गया है। इसमें पृथ्वी को पकड़े हुए दो मानव आकृतियों को दर्शाया गया है। यह ट्रॉफी अंदर से खोखली होती है। वर्ष 1994 में इसमें थोड़ा बदलाव किया गया था। विजेता टीमों का नाम लिखने के लिए ट्रॉफी के निचले हिस्से में एक प्लेट लगाई गई थी। वर्ष 2018 में इस ट्रॉफी की कीमत 1 करोड़ 33 लाख रुपये आंकी गई थी।

असली ट्रॉफी नहीं दी जाती विजेता टीम को

उल्लेखनीय है कि फीफा वर्ल्ड कप की असली ट्रॉफी उसके ज्यूरिख स्थित मुख्यालय में ही रहती है। इसे कुछ ही मौकों पर निकाला जाता है। फीफा वर्ल्ड कप टूर के अलावा वर्ल्ड कप के मुकाबले और मेजबानी के लिए निकलने वाले ड्रॉ के दौरान ही असली ट्रॉफी दुनिया के सामने आती है। विजेता बनने वाली टीम को ट्रॉफी की जगह उसकी रेप्लिका दी जाती है। वह कांस्य की होती है और उसपर सोने की परत लगी होती है।
लर्ष 2005 में बनाये गए नियम के अनुसार विजेता टीम को वास्तविक ट्रॉफी नहीं दी जाती। पहले नियम था कि विजेता टीम ट्रॉफी अपने साथ लेकर जाती थी। फेडरेशन के ट्रॉफी कैबिनेट में उसे दर्शाने के बाद फीफा को यह वापस लौटा दी जाती थी। लेकिन, अब प्राइज सेरेमनी के बाद ही फीफा के अधिकारी विजेता टीम से ट्रॉफी लेकर अपने पास ही सुरक्षित रख लेते हैं।

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