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पाई-पाई को तरस जाएंगे दहशत के सौदागर..! आतंकियों के लिए भारत का कमरतोड़ प्लान ‘एनएमएफटी’

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पाई-पाई को तरस जाएंगे दहशत के सौदागर..! आतंकियों के लिए भारत का कमरतोड़ प्लान ‘एनएमएफटी’

क्राइम //Delhi/New Delhi :

दुनिया के किसी भी हिस्से में किसी आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए टेरर फंडिंग सबसे बड़ा स्रोत बनता है। अब भारत ने वैश्विक मंच से इस दिशा में एक बड़ी पहल की है।

पाकिस्तान में आतंकियों की फसल तैयार होने और चीन के सपोर्ट करने के ट्रेंड को कुचलने के लिए भारत ने बड़ा प्लान तैयार किया है। भारत को पता है कि आतंकियों की कमर तोड़ने के लिए उनको मिलने वाली फंडिंग के रास्ते सबसे पहले बंद करने होंगे। ऐसे में ‘नो मनी फॉर टेरर’ (एनएमएफटी) के लिए एक स्थायी सचिवालय तैयार करने का प्रस्ताव रखा गया है। 
खास बात यह है कि दिल्ली में जिस कार्यक्रम में इस पर बात हुई, उसमें चीन और पाकिस्तान दोनों मौजूद नहीं थे। पाकिस्तान को बुलाया नहीं गया था और चीन आया नहीं। ऐसे में एक बड़े प्लान की तरफ भारत आगे बढ़े गया। गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि एनएमएफटी पर सदस्य देशों के साथ विचार-विमर्श चल रहा है। यह प्रस्तावित सचिवालय फाइनेंशल एक्शन टास्क फोर्स जैसे बहुपक्षीय संगठनों के साथ मिलकर काम करेगा। 
एक अनुमान के अनुसार दुनियाभर में हर साल अपराधियों के पास करीब 2 से 4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचता है और इसका बड़ा हिस्सा आतंकवाद बढ़ाने में खर्च किया जाता है। शाह ने बताया कि भारत जल्द ही सभी देशों को इससे संबंधित एक पेपर सौंपेगा, जिससे उनकी राय ली जा सके। 

भारत सरकार ने सामाजिक गतिविधियों की आड़ में युवाओं को आतंकवाद की ओर धकेलने की साजिश करने वाली संस्था (पीएफआई) को बैन किया है। हर देश को ऐसी संस्थाओं को चिन्हित कर कार्रवाई करनी चाहिए। कोई भी एक देश या कोई भी एक संगठन आतंकवाद को अकेले हरा नहीं सकता।
चीन-पाक का नाम लिए बिना काम
दो दिन का सम्मेलन हुआ लेकिन भारत ने न तो पाकिस्तान का नाम लिया, न चीन का। दरअसल, टेरर फाइनैंसिंग की पहल को भी वह किसी एक देश तक सीमित नहीं रखना चाहता है जिससे इसका वैश्विक असर हो।
 

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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