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पृथ्वी से टकराया छह साल का सबसे ताकतवर सौर तूफान!

साइंस

पृथ्वी से टकराया छह साल का सबसे ताकतवर सौर तूफान!

साइंस//Delhi/New Delhi :

अमेरिका में नोआ के अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान केंद्र की ओर से भू-चुंबकीय तूफान वॉच जारी किया गया है। नोआ ने चेतावनी दी है कि सौर ज्वाला के कारण रेडियो फ्रीक्वेंसी में गड़बड़ी हो सकती है। सोमवार को एक तूफान पृथ्वी से टकराया है। यह छह साल में सबसे शक्तिशाली तूफान है।

सूर्य से हर पल भयानक सौर तूफान निकलते रहते हैं। कई बार ऐसा होता है जब यह पृथ्वी से टकरा जाते हैं। सोमवार को एक ऐसा ही तूफान पृथ्वी से टकराया। यह लगभग छह वर्षों में सबसे शक्तिशाली सौर तूफान है। इस कारण ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र में ‘बड़ी गड़बड़ी’ देखी गई। यह सौर तूफान इतना भयानक है कि अमेरिका के कोलोराडो में नोआ के अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान केंद्र ने भू-चुंबकीय तूफान वॉच जारी किया। मंगलवार तक यह जारी रह सकता है। इससे रेडियो में गड़बड़ी का भी अनुभव हो सकता है।

26 मार्च को नोआ के स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि तूफान कमजोर हो रहा है, लेकिन फिर भी इसकी निगरानी होती रहेगी। पोस्ट में लिखा गया, ‘जी-3 (मध्यम) भू-चुंबकीय तूफान वॉच प्रभाव में है। हालांकि स्थितियां कमजोर होने का संकेत दे रही हैं। जी3 वॉच यूटी दिवस के अंत तक सक्रिय रहेगा। इसके बाद तूफान का प्रभाव जी1 (मामूली) स्तर तक कम होने की उम्मीद है।’ इसके अलावा सेंटर ने सौर ज्वाला विस्फोट से ग्रह पर रेडियो प्रसारण में रुकावट की वॉर्निंग दी।
सौर तूफान के दौरान दिखेंगे अरोरा
सौर तूफान के दौरान अरोरा देखने को मिल सकते हैं। शनिवार को नोआ ने कहा था कि इससे लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। एपी की रिपोर्ट के मुताबिक सेंटर से जुड़े जोनाथन लैश ने बताया कि हाई तूफान रेडियो प्रसारण को बाधित कर सकते हैं। हाई फ्रीक्वेंसी रेडियो में एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम भी आते हैं, जो विमानों से जुड़े रहते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि अधिकांश वाणिज्यिक विमान सैटेलाइट ट्रांसमिशन को बैकअप के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
बदल रहा है सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र
सौर तूफान के दौरान इस बात की भी संभावना है कि उपग्रह के ऑपरेटरों को अपने अंतरिक्ष यान ट्रैक करने में परेशानी हो सकती है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा पावर ग्रिड की लाइनों में भी कुछ गड़बड़ी दिख सकती है, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं जिसे संभाला न जा सके। लैश ने कहा कि ध्रुवों के करीब रहने वाले साफ आसमान के दौरान रात में रंगीन प्रकाश देख सकते हैं, जिसे अरोरा कहते हैं। हर 11 साल में सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र बदल जाता है। उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव अपनी स्थिति बदल लेते हैं। तब सूर्य में गतिविधी देखी जाती है। वर्तमान में सूर्य अपने चक्र के चरम पर है। उन्होंने कहा कि और भी तूफान भविष्य में दिख सकते हैं।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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