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भारत का इकलौता जिला... जिसे छूती हैं 4 राज्यों की सीमा, नेहरू कहते थे ‘स्विट्जरलैंड ऑफ इंडिया’

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भारत का इकलौता जिला... जिसे छूती हैं 4 राज्यों की सीमा, नेहरू कहते थे ‘स्विट्जरलैंड ऑफ इंडिया’

पर्यटन//Uttar Pradesh /Lucknow :

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र को एक समय में पीएम नेहरू ने स्विट्जरलैंड ऑफ इंडिया कह डाला था, बढ़िया बात तो ये है इस जिले से चार राज्यों की सीमाएं भी लगती हैं, जिस कारण ये देश का इकलौता जिला भी बन जाता है।  

भारत की भौगोलिक स्थिति के बारे में अगर हम बात करें, तो कई रोचक बातें सामने निकलकर आएंगी। अक्सर आपने देश की जियोग्राफी के बारे में किताबों में या फिर स्कूलों में पढ़ा होगा, जैसे कौन से राज्य की सीमा किस राज्य से लगती है या फिर कौन सी नदी किस जगह से होकर जाती है। एक ऐसी ही जगह के बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि इससे 4 राज्यों की सीमाएं लगती हैं। ये देश का इकलौता ऐसा जिला है, जिसका नाम पीएम नेहरू ने ‘स्विट्जरलैंड ऑफ इंडिया’ रख दिया था। आप भी जरूर इस जगह के बारे में जानना चाहते होंगे, तो चलिए फिर आपको बताते हैं इस जिले के बारे में।
यूपी के सोनभद्र जिले से चार राज्यों की सीमाएं 
उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जिला, जिसकी सीमा 4 राज्यों से होकर जाती हैं, इन राज्यों में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड है। जी हां, इन राज्यों की सीमाएं सोनभद्र जिले को छूकर जाती हैं। विंध्य और कैमूर पहाड़ियों में स्थित यह जिला खनिज से घिरा हुआ है। क्षेत्रफल की बात करें तो खीरी के बाद ये उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा जिला माना जाता है।
सोनभद्र की इतनी है आबादी
सोनभद्र की आबादी करीबन 15 लाख है, साथ ही इसका जनसंख्या उत्तर प्रदेश में सबसे कम 198 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है। सोनभद्र का सोन नदी की वजह से पड़ा है, ये स्थान नदी के किनारे बसा हुआ है। सोन के अलावा रिहन्द, कनहर , पांगन आदि नदिया भी सोनभद्र से गुजरती हैं।
मिर्जापुर में 1989 में अलग था सोनभद्र
सोनभद्र जिले की स्थापना 1989 में की गई थी। इसे मिर्जापुर जिले से अलग कर दिया गया था। औद्योगिक इतिहास के मामले में भी इसे अहम जिला माना जाता है। यहां खनिज पदार्थ, बिजली, उद्योग से जुड़ा हर काम देखने को मिल जाएगा।
पीएम नेहरू ने कहा था इसे स्विट्जरलैंड ऑफ इंडिया
सोनभद्र विंध्य और कैमूर पर्वत श्रंखला के बीचों बीच स्थित है। इसकी प्राकृतिक सुंदरता और पर्वतीय पर्यटक स्थल होने की वजह से इसे देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने सोनभद्र को स्विट्जरलैंड ऑफ इंडिया का नाम दे डाला था। बता दें, वो साल 1954 में एक सीमेन्ट फैक्ट्री का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे थे, उस दौरान वो सोनभद्र से काफी प्रभावित हुए थे। सोनभद्र को एनर्जी कैपिटल ऑफ इंडिया भी कहा जाता है, क्योंकि यहां सबसे अधिक पावर प्लांट मौजूद हैं।
सोनभद्र कैसे पहुंचे 
सोनभद्र सड़क मार्ग द्वारा लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, मिर्जापुर आदि से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। वाराणसी से सोनभद्र के लिए बसें 24 घंटे उपलब्ध हैं और रॉबर्ट्सगंज (जिला मुख्यालय) तक पहुंचने में मुश्किल से 2 घंटे लगेंगे जो वाराणसी से 74 किलोमीटर दूर है। सोनभद्र आने का सबसे आसान तरीका वाराणसीध्मिर्जापुर तक ट्रेन/हवाई मार्ग है, फिर सोनभद्र के लिए बस/निजी टैक्सी लें, जो वाराणसी और मिर्जापुर से 24 घंटे उपलब्ध रहती हैं।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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