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उत्तम रडार से लैस होगा तेजस: इजराइली रडार को रिप्लेस करेगा, 50 टारगेट को ट्रैक करने में सक्षम, 100 किमी दूर से पहचान लेगा दुश्मन

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उत्तम रडार से लैस होगा तेजस: इजराइली रडार को रिप्लेस करेगा, 50 टारगेट को ट्रैक करने में सक्षम, 100 किमी दूर से पहचान लेगा दुश्मन

सेना/वायुसेना/Delhi/New Delhi :

भारतीय वायु सेना ने एचएएल को 123 तेजस फाइटर जेट का ऑर्डर दिया था। इनमें से 31 विमान मिल चुके हैं। ये सभी तेजस मार्क-1 हैं। 

इंडियन एयर फोर्स के लाइट कॉम्बैट एयरक्रॉफ्ट (एलसीए) तेजस में अब स्वदेशी रडार उत्तम का इस्तेमाल किया जाएगा। यह रडार एक साथ 50 टारगेट को ट्रैक करने में सक्षम है। उत्तम अभी भारतीय वायु सेना में यूज होने वाले इजराइली रडार को रिप्लेस करेगा। उत्तम रडार की एक और खासियत है कि यह 100 किमी दूर से दुश्मन को पहचान सकेगा। इसके अलावा तेजस विमानों में अंगद इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट का भी इस्तेमाल किया जाएगा। यह जैमर का काम करता है।
सेना के अधिकारियों ने कहा- एलसीए मार्क-1ए से जोड़ा जाएगा रडार
रक्षा अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे उत्तम रडार और अंगद इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट को स्वदेशी रूप से विकसित किया जा रहा है और यह बहुत जल्द एलसीए मार्क-1ए विमान के साथ जोड़ दिया जाएगा।
इजराइल के रडार को रिप्लेस करेगा
सूत्रों के मुताबिक, भारतीय वायु सेना ने जिन 83 एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया है। उनमें से 41वें तेजस विमान से लेकर 83वें विमानों में उत्तम और अंगद का इस्तेमाल किया जाएगा। पहले के 40 तेजस फाइटर जेट में इजराइल के रडार का उपयोग किया जा रहा है। भारत का स्वदेशी उत्तम रडार इजराइल के रडार को रिप्लेस कर देगा। इंडियन एयर फोर्स 83 एलसीए मार्क 1 के अलावा 97 और विमानों का ऑर्डर देने जा रही है। इन विमानों को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) बना रहा है। इनमें से 31 विमान मिल चुके हैं।
भारत के पास फिलहाल 31 तेजस मार्क-1 ए विमान, कुछ कश्मीर में तैनात
30 जुलाई को एयरफोर्स ने जम्मू-कश्मीर के अवंतीपोरा एयरबेस पर हल्के लड़ाकू विमान तेजस एलसीए-1 को तैनात किया है। सेना का कहना है कि उसके पायलट्स घाटी में उड़ान की प्रैक्टिस कर रहे हैं। कश्मीर, पड़ोसी देशों चीन-पाकिस्तान के लिहाज से संवेदनशील है। तेजस एलसीए-1 मल्टीरोल हल्का लड़ाकू विमान है, जो वायुसेना को कश्मीर के जंगल और पहाड़ी इलाकों में और मजबूत करेगा। भारतीय वायुसेना के पास मौजूदा वक्त में 31 तेजस विमान हैं। सेना जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अपने विमानों को पहले भी ले जाती रही है, ताकि उन्हें हिमालय की घाटियों में उड़ान भरने का एक्सपीरियंस मिलता रहे।
तेजस की 4 खूबियां जो बनाती हैं इसको खास
इस समय भारतीय वायु सेना के बेड़े में जो टॉप फाइटर जेट हैं, उनमें सुखोई, राफेल, मिराज, मिग-29 और तेजस का नाम शामिल है। तेजस अपनी इन खूबियों की वजह से बाकी के चारों फाइटर जेट से अलग और खास है।।।
पहला: इस विमान के 50 फीसदी कलपुर्जे यानी मशीनरी भारत में ही तैयार हुई है।
दूसरा: इसमें इजराइल के रडार को लगाया गया है। इससे यह एक साथ 10 लक्ष्यों को ट्रैक कर उन पर निशाना साधने में सक्षम है।
तीसरा: बेहद कम जगह यानी 460 मीटर के रनवे पर टेकऑफ करने की क्षमता।
चैथा: यह फाइटर जेट सुखोई, राफेल, मिराज और मिग से हल्का है। इसका वजन 6500 किलो है।
आखिर एयरफोर्स को तेजस की जरूरत क्यों पड़ी?
पिछले पांच दशकों में 400 से ज्यादा मिग-21 विमानों के क्रैश होने की वजह से भारत सरकार इसे रिप्लेस करना चाह रही थी। तेजस इसी मिग-21 की जगह लेने में कामयाब हुआ है। इस विमान का वेट कम होने की वजह से यह समुद्री पोतों पर भी आसानी से लैंड और टेक ऑफ कर सकता है। यही नहीं, इसकी हथियार ले जाने की क्षमता मिग-21 से दोगुनी है। तेजस की रफ्तार 2205 किलोमीटर प्रति घंटा है, जो कि राफेल से 300 किलोमीटर प्रति घंटा ज्यादा है।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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