अदालत//Delhi/New Delhi :
Supreme Court : शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को तीन अहम मामलों पर सुनवाई करते हुए अपनी ओर से व्यवस्था दी है। जयपुर में 15 साल पहले हुए सीरियल बम ब्लास्ट की बरसी से ठीक 1 दिन पहले इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों को नोटिस जारी किया है। साथ ही, शीर्ष अदालत ने ‘द केरला स्टोरी’ पर बैन लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। उधर, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग की आकृति के वैज्ञानिक सर्वे की मंजूरी दी।
जयपुर ब्लास्ट: बरसी से पहले सुनवाई
जयपुर में 13 मई, 2008 में हुए सीरियल बम धमाकों के मामले में आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने आरोपियों को नोटिस जारी करते हुए 17 मई को अगली सुनवाई के आदेश दिए हैं। याचिका में आरोपियों को बरी करने के खिलाफ बम ब्लास्ट पीड़ितों के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है। राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में चारों दोषियों को यह कहते हुए बरी कर दिया था कि राज्य सरकार इस मामले में पुख्ता सबूत पेश नहीं कर सकी। गौरतलब है कि 2008 को हुए ब्लास्ट में 71 लोगों की मौत हुई थी जबकि एक्सो 85 लोग घायल हुए थे।
ज्ञानवापी: शिवलिंग का होगा वैज्ञानिक सर्वे
वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग के मामले में हिंदू पक्ष की बड़ी जीत हुई है। शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिवलिंग के सर्वे को हरी झंडी दे दी है। अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण तय करेगा कि किस तरीके से बिना शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए, इसका वैज्ञानिक सर्वे किया जा सकता है। एक दिन पहले गुरुवार को ही एएसआई ने अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंपी थी। इसमें बताया गया था कि बिना शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए 5 तरीकों से इसका साइंटिफिक सर्वे किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने एएसआई को ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंग आकृति का वैज्ञानिक सर्वे करवाकर इसकी आयु, प्रकृति और संरचना निर्धारित करने का आदेश दिया है।
द केरला स्टोरी: पूरे देश में शांति से चल रही है, आपको क्या दिक्कत है
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि जब पूरे देश में ‘द केरला स्टोरी’ फिल्म शांति से चल रही है तो आपके यहां क्या दिक्कत है। फिल्म को 12 मई को पश्चिम बंगाल में बैन किया गया है जबकि तमिलनाडु में थिएटर ऑपरेटर्स ने इसे नहीं चलाने का निर्णय किया है। इसके खिलाफ फिल्म के मेकर्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि जब देश के अन्य राज्यों में फिल्म शांतिपूर्वक चल रही है तो पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में फिल्म पर बैन क्यों लगाया गया है। यह दर्शकों के ऊपर छोड़ देना चाहिए कि वे यह फिल्म देखना चाहते हैं या नहीं। यह फैसला राज्य की सरकार क्यों कर रही है।
Comments