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डोमेसाइल पर आर पार की लड़ाई ,अभ्यर्थियों छात्रों व संघों ने छेड़ा पटना की सड़कों पर आंदोलन

नई अधिवास नीति के विरोध में हजारों बेरोजगार युवा पटना की सड़कों पर

एजुकेशन, जॉब्स और करियर

डोमेसाइल पर आर पार की लड़ाई ,अभ्यर्थियों छात्रों व संघों ने छेड़ा पटना की सड़कों पर आंदोलन

एजुकेशन, जॉब्स और करियर/सरकारी/Bihar/Patna :

डोमेसाइल  विवाद : राज्य के शिक्षक अभ्यर्थियों में व्यापक आक्रोश है। शनिवार को हजारों बेरोजगार युवा राजधानी पटना की सड़कों पर उतर कर अपना विरोध दर्ज करने लगे। बिहार में 1.70 लाख शिक्षक पदों की भर्ती से संबंधित नई अधिवास नीति के विरोध में हजारों बेरोजगार युवा शनिवार को पटना की सड़कों पर उतर आए।प्रदर्शनकारियों ने  शहर के व्यस्त डाकबंगला चौक, इनकम टैक्स चौक और जेपी चौक पर भरी संख्या में जुटकर  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का पुतला फूंका। 

शिक्षा मंत्री के बयान पर है क्रोध 
वे बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर नाराज थे, जिन्होंने दावा किया था कि राज्य के छात्र गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान और अंग्रेजी के विषयों में दूसरों की तुलना में कम प्रतिभाशाली हैं।उन्होंने फैसले को वापस लेने की मांग की और राज्य सरकार के ऐसा करने में विफल रहने पर अपना विरोध जारी रखने की चेतावनी दी।

विरोध प्रदर्शन करने पर होगी दर्ज FIR
विरोध प्रदर्शन के दौरान पटना की सड़कों पर छात्रों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी कोटवारी नुरुल हक ने कहा कि वह प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करेंगे। वे  सड़को पर उतर गए हैं और ट्रैफिक जाम का कारण बन रहे हैं।  प्रदर्शनकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसके लिए उन्हें जेल जाना होगा। फ़िलहाल पुलिस लाठियों का प्रयोग कर रही है। 

कई शिक्षक संघ हुए एकजुट 
प्रदर्शनकारियों को एसटीईटी, सीटीईटी, साथ ही प्राथमिक, माध्यमिक और अनुबंध शिक्षकों सहित विभिन्न शिक्षक संघों का समर्थन प्राप्त था।बिहार प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष नितेश पांडे ने कहा, "शिक्षा मंत्री ने बिहारी छात्रों की प्रतिभा पर सवालिया निशान लगाया है, लेकिन सच्चाई यह है कि राज्य सरकार गणित, भौतिकी, रसायन शास्त्र और अंग्रेजी जैसे विषयों पर नौकरियां आमंत्रित नहीं कर रही है।" 

बिहारी छात्रों के लिए सब जगह दरवाजे बंद : दीपांकर गौरव
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने कहा, "हमारा एसोसिएशन इस कदम का तब तक विरोध करेगा जब तक नीतीश कुमार इसे वापस नहीं लेते। डोमिसाइल नीति को हटाने के बाद, राज्य सरकार ने अपनी युवा विरोधी मानसिकता छोड़ दी है। अन्य राज्यों ने बिहारी छात्रों के लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए हैं और हमारा राज्य भी हमारे लिए दरवाजे बंद कर रहा है। बिहार सरकार ने पिछले एक महीने में नियुक्ति नीति में संशोधन किया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रदर्शनकारी 10 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव करने का भी फैसला कर रहे हैं। 

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सौम्या बी श्रीवास्तव

By News Thikhana

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