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Tillu Tajpuria Murder : तिहाड़ में कत्ल की कहानी: डेढ़ मिनट में टिल्लू पर किए 90 से ज्यादा वार

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Tillu Tajpuria Murder : तिहाड़ में कत्ल की कहानी: डेढ़ मिनट में टिल्लू पर किए 90 से ज्यादा वार

क्राइम //Delhi/New Delhi :

हमलावर जिस जगह पर मौजूद थे वहां कोई भी सीसीटीवी कैमरा मौजूद नहीं है। इसका हमलावरों ने फायदा उठाया।

Tillu Tajpuria Murder : तिहाड़ की हाई सिक्योरिटी सेल में बंद टिल्लू की महज डेढ़ मिनट में हमलावरों ने हत्या कर दी। हमले के दौरान टिल्लू ने दूसरे कैदी के सेल में भागकर बचने की कोशिश की, लेकिन तब तक हमलावरों ने उस पर सुआ से ताबड़तोड़ 90 से अधिक वार कर दिए। इस दौरान रोहित ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन हमलावरों ने उस पर भी सुआ से हमला कर दिया। रोहित ने भागकर अपनी जान बचाई।
पहली मंजिल की ग्रिल काटी
शुरुआती जांच में पता चला है कि हमलावर सुबह करीब 6.10 बजे पहली मंजिल की ग्रिल को काटकर चादर के सहारे नीचे उतरे। वह वाॅशरूम के पास टिल्लू के सेल के खुलने का इंतजार करने लगे। जेल अधिकारियों का दावा है कि हमलावर जिस जगह पर मौजूद थे वहां कोई भी सीसीटीवी कैमरा मौजूद नहीं है, जिसका हमलावरों ने फायदा उठाया। जैसे ही जेलकर्मी टिल्लू के सेल को खोलकर उसे बाहर निकाल रहे थे, हमलावरों ने उस पर सुआ से  हमला कर दिया। जिस इलाके में हमलावर मौजूद थे वहां कैदियों के वॉशरूम हैं और गोपनीयता रखने के लिए उस जगह पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं।
घटना की जांच के आदेश
जेल अधिकारियों ने बताया कि चूक का पता लगाने के लिए घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जेल में कैदियों के बीच संघर्ष के मामले को देखते हुए सुरक्षा के खामियों को दूर करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। प्रिंस तेवतिया की हत्या के बाद जेल महानिदेशक ने सघन तलाशी लेने का सख्त आदेश दिया था। उसके बाद से लगातार जेल में तलाशी ली जा रही थी। जेल अधिकारियों ने बताया कि जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि सुरक्षा में चूक के लिए कौन जिम्मेदार है। हालांकि प्रिंस तेवतिया की हत्या के बाद जेल की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है।
टिल्लू पर हमले की साजिश की भनक नहीं लगी
तिहाड़ जेल में टिल्लू ताजपुरिया की हत्या की भनक जेल प्रशासन को नहीं लगी। जिस तरह से टिल्लू पर हमला के लिए हमलावरों ने हथियार तैयार कर रहे थे। इससे साफ जाहिर होता है कि वह कई दिन से हमले की योजना बना रहे थे। जितेंद्र गोगी की हत्या होने के बाद से ही टिल्लू विरोधी गैंग के निशाने पर था। घटना से पहले हमलावर योगेश सहित अन्य लोगों को गैंग के सरगनाओं ने हमला करने के निर्देश दिए होंगे।
जेल प्रशासन की निगरानी में रही कमी  
जेल प्रशासन ने इस मामले में ढिलाई बरती और इन सरगनाओं से मुलाकात करने वालों पर कोई निगरानी नहीं रखी। जेल के भीतर इतनी तैयारी कर लेने के बावजूद जेल प्रशासन को भनक नहीं लगी। हाई सिक्योरिटी सेल में लगे सीसीटीवी कैमरों में हमलावरों की कोई हरकत कैद हुई होगी लेकिन जेल कर्मियों ने इसे भी गंभीरता से नहीं लिया। इसका नतीजा है कि मंगलवार को अति सुरक्षित सेल में उसकी हत्या कर दी गई।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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