सांकेतिक चित्र
स्वास्थ्य //Rajasthan/Jaipur :
राजस्थान के राजकीय चिकित्सालयों में सोनोग्राफी व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जाएगा और इसके लिए सितम्बर-अक्टूबर 2024 में पीसीपीएनडीटी का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 146 चिकित्सकों को जिला अस्पताल, उप जिला अस्पताल, सैटेलाइट हॉस्पिटल, एफआरयू एवं आदर्श सीएचसी पर प्राथमिकता के साथ पदस्थापित किया जाएगा। साथ ही, ऐसे चिकित्सालय जहां सोनोग्राफी मशीन नहीं हैं, वहां पदस्थापित चिकित्सकों को स्थानांतरित किया जाएगा। यह निर्णय गुरुवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह की अध्यक्षता में सोनोग्राफी मशीनों की उपलब्धता एवं संचालन के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक में लिये गये।
सिंह ने निर्देश दिए कि प्रदेश के राजकीय अस्पतालों में सोनोग्राफी जांच सुविधा को बेहतर बनाने के लिए चिकित्सकों का पदस्थापन प्राथमिकता एवं आवश्यकता के अनुसार किया जाए।
रेडियो डायग्नोसिस कोर्स करने पीजी छात्रों की ली जाएंगी सेवाएं
बैठक में बताया गया कि रेडियो डायग्नोसिस कोर्स करने वाले स्नात्कोत्तर छात्रों को बॉण्ड के तहत राजस्थान में कार्य करना होता है। ये छात्र सहायक प्रोफेसरशिप व सीनियर रेजीडेंसी में चले जाते हैं। इनमें से कुछ चिकित्सकों को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधीन जिला एवं उप जिला अस्पतालों में पदस्थापित किया जा सकता है, ताकि क्वालिटी सर्विस मिल सके। इस पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मिशन निदेशक, एनएचएम, चिकित्सा शिक्षा आयुक्त एवं निदेशक जनस्वास्थ्य की तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने के निर्देश दिए। साथ ही, पीसीपीएनडीटी कोर्स की परीक्षा समय पर कराने तथा प्रशिक्षण केंद्रों की गुणवत्ता बढ़ाने के भी निर्देश दिए।
सिंह ने अतिरिक्त मानव संसाधन की उपलब्धता के लिए नियमानुसार अन्य विषय विशेषज्ञों को अधिक से अधिक पंजीकृत किए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सोनोग्राफी जांच की सुविधा को मजबूत करते हुए बेहतर मातृ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएं। बैठक में मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर एवं राज्य नोडल अधिकारी मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना उपस्थित थे।
87 एआरटी बैंक व क्लिनिक एवं सरोगेसी क्लिनिक के आवेदन निरस्त
अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अध्यक्षता में गुरुवार को ही शासन सचिवालय में एआरटी एवं सरोगेसी की स्टेट एप्रोप्रिएट अथॉरिटी की बैठक भी आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न एआरटी बैंक-क्लिनिक एवं सरोगेसी क्लिनिकों के पंजीयन के संबंध में निर्णय लिए गए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि बैठक में 2 एआरटी बैंक, 3 एआरटी लेवल-प्रथम, 2 एआरटी लेवल-द्वितीय को भौतिक निरीक्षण के उपरांत जांच कमेटी के द्वारा उचित पाए जाने पर पंजीकरण प्रमाण-पत्र जारी करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही, 5 एआरटी बैंक/एआरटी क्लीनिक निर्धारित मानकों पर सही नहीं पाए जाने के कारण इनका पंजीयन जारी नहीं करने का निर्णय भी लिया गया है। उन्होंने बताया कि एआरटी बैंक एवं सरोगेसी क्लिनिकों पर कार्यरत स्टाफ के कार्य छोड़ने, हटाने एवं नए नियुक्त किए जाने के संबंध में एक एडवाजरी जारी की जाएगी।
जयपुर के ईएचसीसी में संचालित रिसा आईवीएफ होगी ब्लैक लिस्ट
श्रीमती सिंह ने बताया कि प्रदेश में संचालित 28 एआरटी बैंक, 27 एआरटी क्लीनिक लेवल-प्रथम, 22 एआरटी लेवल-द्वितीय एवं 10 सरोगेसी क्लीनिक को निर्धारित शुल्क एवं दस्तावेज ऑथोरिटी के समक्ष जमा नहीं करवाने के कारण इनका आवेदन निरस्त करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि ईएचसीसी अस्पताल में संचालित रिसा आईवीएफ केन्द्र का पंजीकरण न होने के कारण स्पष्टीकरण प्राप्त करने के साथ ब्लैकलिस्ट करने का भी निर्णय भी लिया गया है। इसके अलावा रिसा आईवीएफ के विरूद्ध माननीय न्यायालय में इस्तगासा दायर करने के भी निर्देश दिए गए हैं। बैठक में संयुक्त शासन सचिव प्रीति माथुर, निदेशक परिवार कल्याण डॉ. सुनीत राणावत, अतिरिक्त निदेशक परिवार कल्याण डॉ. केपी. शर्मा एवं उप शासन सचिव अजय शर्मा उपस्थित रहे।
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