आज है विक्रम संवत् 2081 के भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि रात 07:57 त बजे तक तदुपरांत षष्ठी तिथि यानी रविवार, 08 सितंबर, 2024 परमाणु मिसाइल अग्नि-4 का सफल परीक्षण, चीन-पाक पलभर में खाक पैरालंपिक: प्रवीण कुमार ने भारत को दिलाया एक और गोल्ड राजस्थान: 108 आईएएस के बाद 386 आरएएस अधिकारियों का ट्रांसफर
सरोज खान: 30 साल बड़े गुरु से शादी, फिर निकाह करके बदला धर्म, गुजर-बसर करने को बनीं डांसर

मनोरंजन जगत

सरोज खान: 30 साल बड़े गुरु से शादी, फिर निकाह करके बदला धर्म, गुजर-बसर करने को बनीं डांसर

मनोरंजन जगत/सिनेमा/Maharashtra/Mumbai :

बॉलीवुड सितारों को अपनी उंगलियों पर नचाने वाली मशहूर डांस कोरियोग्राफर ताउम्र किस्मत के इशारों पर थिरकती रहीं। डांस लीजेंड सरोज खान ने गुजर-बसर के लिए कम उम्र में ही बॉलीवुड में काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने महज 13 साल की उम्र में 43 साल के गुरु को जीवनसाथी बना लिया था। वे जब मुस्लिम शख्स के प्यार में पड़ीं, तो धर्म बदलने में भी गुरेज नहीं किया। सरोज खान की फिल्मी जिंदगी पर बायोपिक बन रही है, जिसमें माधुरी दीक्षित अहम किरदार में नजर आ सकती हैं। उन्होंने बॉलीवुड की कई एक्ट्रेस को नाचना सिखाया, लेकिन श्रीदेवी के साथ उनकी हमेशा खटपट रही।

सरोज खान की बायोपिक में उनकी जिंदगी के अलग-अलग पड़ाव को दर्शाने के लिए कई एक्ट्रेस को कास्ट करने के बारे में सोचा गया। माधुरी दीक्षित भी फिल्म में उनका किरदार निभाती नजर आ सकती हैं। बायोपिक के निर्देशन का जिम्मा हंसल मेहता के कंधों पर है। हिंदू परिवार में 22 नवंबर, 1948 को जन्मी सरोज खान का शुरुआती नाम निर्मला नागपाल था। वे महज 13 साल की थीं, जब उन्होंने 30 साल बड़े अपने गुरु सोहन लाल को जीवनसाथी बनाया, लेकिन उनके गुरु पहले से ही शादीशुदा थे। वे चार बच्चों के पिता होने के बावजूद उन्हें अपना नाम देने को तैयार नहीं हुए।
प्यार में धोखा मिला तो टूट गईं
सरोज खान गुरु से मिले धोखे को बर्दाश्त नहीं कर पाईं और उनसे अपने सभी संबंध तोड़ लिए। रोशन लाल नाम के एक मुस्लिम शख्स ने जब उनसे प्यार जताया और उनसे शादी करने की इच्छा जाहिर की, तो निर्मला नागपाल ने उनके आगे शर्त रख दी कि वे तब उनसे निकाह करेंगी, जब वे उनके बच्चों को अपना सरनेम देने को राजी हो जाएंगे। डांस कोरियोग्राफर की जब शर्त मान ली गई, तो उन्होंने इस्लाम स्वीकार करके रोशन लाल को जीवनसाथी बना लिया और अपना नाम सरोज खान रख लिया।
माली हालत सुधारने को बनी डांसर 
सरोज खान को घर की खराब आर्थिक स्थिति के चलते काम ढूंढना पड़ा। उन्होंने नर्स के तौर पर काम किया। वे टाइपिंग और शॉर्ट हैंड की ट्रेनिंग लेने के बाद कंपनी में काम भी करने लगी थीं। सरोज खान ने बैकग्राउंड डांसर के तौर पर फिर से काम करना शुरू किया। वे बतौर बैकग्राउंड डांसर फिल्म हावड़ा ब्रिज के गाने मेहरबां में नजर आई थीं। वे कोरियोग्राफर के तौर पर पहली बार मशहूर गाने ‘निगाहें मिलाने को जी चाहता है’ से जुड़ी थीं।
बेटी के निधन के बाद भी पहंुची सेट पर
सरोज खान अपने काम को लेकर बहुत संजीदा थीं। जिस दिन गाने ‘दम मारो दम’ की शूटिंग थी, उस दिन उनकी 8 महीने की बेटी का निधन हो गया था। बेटी को दफनाने के बाद कोरियोग्राफर सीधा शूटिंग के लिए पहुंचीं। सरोज खान के समर्पण से फिल्मफेयर इतना प्रभावित हुआ कि उसने बेस्ट कोरियोग्राफर की श्रेणी बनाई और उन्हें गाने ‘दम मारो दम’ की कोरियोग्राफी के लिए बेस्ट कोरियोग्राफर के अवॉर्ड से नवाजा।
माधुरी से खास संबंध, श्रीदेवी से खटपट
सरोज खान ने यूं तो कई बड़े सितारों को नाचना सिखाया, लेकिन माधुरी दीक्षित के साथ उनकी बॉन्डिंग खास थी, जिसकी वजह से श्रीदेवी से उनकी हमेशा नोक-झोंक रही। श्रीदेवी की शिकायत रहती कि उन्होंने दूसरी एक्ट्रेस की तरह उन्हें कभी डांस नहीं सिखाया।

You can share this post!

author

Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

Comments

Leave Comments