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जयपुर में पानी की टंकी पर चढ़ा संत, पांच शर्तें पूरी करने की मांग

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जयपुर में पानी की टंकी पर चढ़ा संत, पांच शर्तें पूरी करने की मांग

सामाजिक//Rajasthan/Jaipur :

अधिकारियों ने उन्हें विश्वास दिलाया कि सीएम के लौटते ही उन्हें मिला दिया जाएगा। इसके बाद शाम 5.30 बजे संत को सुरक्षित पानी की टंकी से नीचे उतारा गया।

जयपुर में मंगलवार को दिन में 3 बजे एक संत के पानी की टंकी पर चढ़ने से हड़कंप मच गया। संत सीएम से मुलाकात नहीं होने से नाराज था। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम ढेहर के बालाजी स्थित पानी की टंकी के पास पहुंची। अधिकारियों ने महाराज से बात की। उन्हें विश्वास दिलाया कि सीएम के लौटते ही उन्हें मिला दिया जाएगा। इसके बाद शाम 5.30 बजे संत को सुरक्षित पानी की टंकी से नीचे उतारा गया।
सीएम से मिलने को लगा रहे चक्कर
दरअसल, संत दयालपुरी महाराज बाड़मेर के रहने वाले हैं। संत दयालपुरी महाराज ने बताया- बाड़मेर के मगरा क्षेत्र में सालों पुराने वृद्धाश्रम को तोड़ने के कारण काफी परेशान हैं। इसी मामले में करीब 4 महीने पहले गुरु भाई और मारवाड़ के प्रख्यात संत ने परेशान होकर फांसी लगा ली थी। उनका नाम भी दयालपुरी महाराज था। वे काफी समय से अपनी मांगों को लेकर सीएम से मिलना चाहते थे। आज जब सीएम से मिलने पहुंचे तो लोगों ने कहा वे बाहर गए हुए हैं। आखिर परेशान होकर मंगलवार को अपनी मांग को लेकर आज पानी की टंकी पर चढ़े। टंकी से नीचे उतरने के बाद संत दयालपुरी महाराज ने सरकार के सामने चार शर्ते रखी हैं। साथ ही, इन शर्तों को जल्द से जल्द पूरी करने की बात कही हैं।
संत दयालपुरी महाराज की मांग

संत दयालपुरी महाराज ने मांग की है कि मुख्यमंत्री मुझ से जल्द से जल्द मिलें। दो सालों से बाड़मेर से जयपुर चक्कर लगाकर बीमार एंव परेशान हो गया हूं। अधिकारियों द्वारा मुझे सीएम साहब से नहीं मिलवाया जा रहा है। मुख्यमंत्री बाहर हों तो मुझे लाइन पर लेकर बात करवाई जाए। मुख्यमंत्री के आने तक मेरी व्यवस्था मुख्यमंत्री आवास में कराई जाए।
वृद्धाश्रम की करोड़ों रुपए की जमीन का मामला 
संत की मांग है कि बाड़मेर के मगरा क्षेत्र में जन सहयोग से बनाई गई सार्वजनिक वृद्धाश्रम की करोड़ों रुपए की जमीन का फायदा भू माफियाओं को पहुंचाने के लिए राजनैतिक साजिश के तहत गिरा दिया गया। मामले की जांच किसी ईमानदार उच्च स्तरीय अधिकारी के नेतृत्व में करवाई जाए। साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। तोड़े गए वृद्धा आश्रम के बदले में बालोतरा में 5 बीघा जमीन और 5 करोड़ रुपए पुनः निर्माण के लिए तत्काल मंजूर किए जाए।
अतिक्रमण से आहत होकर आए जयपुर
बाड़मेर के मुख्य (बाड़मेर-जैसलमेर) नेशनल हाइवे पर ग्रामीण थाने से आगे राजकीय कार्यालयों के लिए आरक्षित करोड़ों रुपए की सरकारी भूमि पर रामदेव मंदिर के पीछे किए जा रहे अवैध अतिक्रमण को तुरन्त हटाया जाए। तारबंदी और राजकीय प्रोपर्टी का बोर्ड लगाकर राज्य सरकार अपने कब्जे में ले।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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