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आईएनएस विक्रांत पर पहली बार उतरा रोमियो: नेवी ने कहा- ये मील का पत्थर

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आईएनएस विक्रांत पर पहली बार उतरा रोमियो: नेवी ने कहा- ये मील का पत्थर

सेना/नौसेना/Delhi/New Delhi :

इंडियन नेवी ने आईएनएस विक्रांत पर मोस्ट एडवांस्ड मिलिट्री चॉपर उतारा है। इसे पीएल-60 रोमियो हेलिकॉप्टर के नाम से जाना जाता है। नेवी पहले सी किंग चॉपर का इस्तेमाल करती थी। अब इसकी जगह रोमियो का इस्तेमाल किया जाएगा।

नेवी ने आईएनएस विक्रांत पर रोमियो के लैंडिंग का वीडियो ट्वीट किया है। साथ ही कैप्शन में लिखा- हमारे लिए यह हेलिकॉप्टर मील का पत्थर है। रोमियो को अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है। भारत ने 24 हेलिकॉप्टर 90.5 करोड़ डॉलर में खरीदे हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फरवरी 2020 में भारत आए थे, उसी दौरान पीएम मोदी ने इन्हें खरीदने के लिए सौदे पर हस्ताक्षर किए थे। अमेरिका ने जुलाई 2022 में पहली बार दो रोमियो भारत को सौंपे थे। 2025 तक सभी 24 चॉपर्स की भारत में डिलीवरी हो जाएगी।
12 हजार फीट की उड़ान भर सकता है
रोमियो पर ऐसे कई सेंसर और रडार लगे हैं, जो दुश्मन के हर हमले की जानकारी देते हैं। इसे उड़ाने के लिए 3 से 4 क्रू मेंबर्स की जरूरत होती है। इसमें दो जनरल इलेक्ट्रिक के टर्बोशैफ्ट इंजन लगे हैं, जो टेकऑफ के समय 1410Û2 किलोवॉट की ताकत पैदा करते हैं। यह एक बार में 830 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है। यह 12 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है।
दुनियाभर में रोमियो के नाम से मशहूर
रोमियो के नाम से मशहूर सीहॉक हेलिकॉप्टर एंटी-सबमरीन के अलावा निगरानी, सूचना, टारगेट सर्च और बचाव, गनफायर और लॉजिस्टिक सपोर्ट में कारगर है। यह हेलिकॉप्टर दुश्मन की पनडुब्बियों को नष्ट करने के अलावा जहाजों को खदेड़ने और समुद्र में सर्च अभियान में कारगर साबित होंगे।
घरेलू स्तर पर मजबूत होगी भारत की सुरक्षा
इन हेलिकॉप्टर्स की मदद से घरेलू स्तर पर भारत की सुरक्षा मजबूत होगी और उसे क्षेत्रीय दुश्मनों से निपटने में मदद मिलेगी। अमेरिका के मुताबिक, भारत को इन हेलिकॉप्टरों को नौसेना में शामिल करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। फिलहाल यह अमेरिकी नेवी में एंटी-सबमरीन और एंटी-सरफेस वेपन के रूप में तैनात हैं।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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