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राइट टू हेल्थ : मैं भी इस कानून का पक्षधर हूं बशर्ते.....

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राइट टू हेल्थ : मैं भी इस कानून का पक्षधर हूं बशर्ते.....

साहित्य/व्यंग्य लेख/Rajasthan/Ajmer :

राजस्थान में सरकार ने राइट टू हेल्थ कानून पास किया है जिसका सारांश यह है कि अब कोई भी बीमार किसी भी प्राइवेट अस्पताल में जाकर अपना इलाज नि:शुल्क करवा सकेगा। बाद में सरकार इस व्यय की नाम मात्र की प्रतिपूर्ति अपनी शर्तों पर करेगी।(बदले में जनता को अशोक गहलोत की सरकार को वोट देना होगा, यह इंप्लायड अपेक्षा है!)

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मैं खुद भी इस कानून के पक्ष में हूं बशर्ते इसके साथ ही कुछ और कानून बनाए जाएं :
1.राइट टू स्टे : कोई भी व्यक्ति यदि जयपुर या दिल्ली जाता है तो वह राज्य के मुख्यमंत्री अथवा किसी भी मंत्री के भव्य सरकारी बंगले में स्टे कर सकता है। जब निजी अस्पतालों पर सरकार अपना हक जता सकती है तो फिर ये सरकारी बंगले तो टैक्सपेयर के धन से ही बने हैं।
2. राइट टू ट्रेवल : कोई भी व्यक्ति आवश्यकता पड़ने पर रेल या बस के बजाय इंडिगो या किसी अन्य एयरलाइन की फ्लाइट से जा सकता है। एयरलाइन उसे नि:शुल्क बैठाने के लिए बाध्य होगी। फिर बाद में दस हजार ₹ के टिकट पर 50 ₹ की प्रतिपूर्ति गहलोत सरकार करेगी ।
3 .राइट टू फूड:  इस कानून के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति ओबरॉय या अन्य किसी भी होटल में न केवल रुक सकता है बल्कि वहां का लजीज खाना नि:शुल्क खा सकता है। सरकार बिल का भुगतान अपनी शर्तों और दरों पर समय आने पर करेगी।
4. राइट टू एंटरटेनमेंट : कोई भी व्यक्ति किसी भी सिनेमाघर में जाकर नि:शुल्क सिनेमा देख सकेगा। यदि किसी शहर में मुजरा होता है तो कोई भी व्यक्ति यह मुजरा फ्री में देख सकता है। बाद में संबंधित सिनेमा हॉल या मुजरा करने वाली महिला सरकार से सरकारी दरों पर इसकी प्रतिभूति लेगी, जो की प्रचलित बाजार दल का दर का 5% होगी।
5. राइट टू एंप्लॉयमेंट: कोई भी व्यक्ति अपने मनपसंद सरकारी पद दरोगा, अफसर, तहसीलदार आदि पर अधिकार पूर्वक तैनाती पाने का अधिकारी होगा, चाहे वह उसका पात्र हो या नहीं तथा चाहे सरकार में वैकेंसी हो या नहीं!
6. राइट टू एजुकेशन : इस कानून के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति को अपनी मनपसंद के मेडिकल, इंजीनियरिंग सहित किसी भी जेडस्कूल कॉलेज में दाखिला लेने का अधिकार होगा।
 कोई भी कॉलेज स्कूल किसी को भी प्रवेश देने से मना नहीं कर सकता।
7. स्वच्छता का अधिकार: सरकार का दायित्व होगा कि वह सड़कों और गलियों की ठीक से सफाई करवाएं, पर्यावरण को शुद्ध रखें तथा हर नागरिक को शुद्ध पेयजल सप्लाई करें!
8. बिना रिश्वत दिए काम करवाने का अधिकार: आम नागरिक का अधिकार होगा कि वह सरकार के दफ्तरों में उनके बाबू और अधिकारियों को बिना घूस दिए अपना विधि सम्मत कार्य करवा सकेगा। यह अधिकार फिलहाल सिर्फ किताबों में है।
यदि सरकार उपरोक्त सभी कानून बनाने के लिए तैयार हो तो मैं भी गहलोत सरकार के राइट टू हेल्थ का खुले दिल से समर्थन करूंगा।
पुनश्च: यदि कोई अस्पताल आर्थिक संकट में है और वह बैंक की किस्त और डॉक्टरों व अन्य कर्मचारियों के वेतन का भुगतान नहीं कर पाए तो उसका भुगतान गहलोत सरकार द्वारा किए जाने का प्रावधान होना चाहिए।

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वेद माथुर

By News Thikhana

न्यूजठिकाना के आमंत्रित लेखक वेद माथुर पंजाब नेशनल बैंक में महाप्रबंधक रहे हैं। वे देश के जाने-माने लेखक और व्यंग्यकार हैं। उनका लिखा व्यंग्य उपन्यास 'बैंक ऑफ पोलम्पुर' बेहद चर्चित है

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