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नॉर्वे में मिले रेयर अर्थ एलीमेंट्स के भंडार, चीन का दबदबा कम होगा..!

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नॉर्वे में मिले रेयर अर्थ एलीमेंट्स के भंडार, चीन का दबदबा कम होगा..!

आर्थिक///Oslo :

Rare earth elements यानी संसार के दुर्लभ तत्व..मिल जाएं तो देशों को मालामाल कर देते हैं। यूरोपीय ओस्लो भी अब ऐसे ही देशों में शामिल हो गया है जहां पर प्रचुर मात्रा में आरईई यानी रेयर अर्थ ऐलीमेंट्स के भंडार मिले हैं। अब ऐसा मानकर चला जा रहा है कि दुनिया की परिस्थितियों के बदल देने की ताकत रखने वाले इस तत्व के मिलने से यूरोपीय देशों पर व्यापक असर पड़ने वाला है। विशेषतौर पर अब इस तत्व की नार्वे में खोज के बाद चीन का दबदबा कम करने में मदद मिल सकती है। 

आरईई जमीन में पाए जाने वाले उन दुर्लभ तत्वों को कहा जाता है, जिनका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहन, पवन टर्बाइन और सटीक गाइडेड मिसाइल सिस्टम जैसी महत्वपूर्ण चीजों में किया जाता है। इसमें याट्रियम और नियोडिमियम समेत 15 प्रकार के दुर्लभ तत्व शामिल हैं। याट्रियम के चलते इसे सफेद सोना भी कहा जाता है। वर्तमान में दुनिया के संपूर्ण आरईई का 60 प्रतिशत अकेले चीन निकालता है, जबकि प्रसंस्करण में इसका हिस्सा बढ़कर 90 प्रतिशत हो जाता है। यूरोपीय संघ के आरईई आयात का 98 फीसदी और अमेरिका के आयात का 80 फीसदी चीन से आता है, जो वाशिंगटन और ब्रसेल्स के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा चिंता का विषय है।

 न्यूजवीक की रिपोर्ट के अनुसार, ओस्लो से लगभग 112 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में स्थित फेन कार्बोनेटाइट कॉम्प्लेक्स में लगभग 8.8 मेगाटन दुर्लभ मृदा ऑक्साइड होने का अनुमान है। माना जा रहा है कि इसमें 1.5 मेगाटन दुर्लभ चुंबकीय अर्थ ऑक्साइड है, जो पवन टरबाइन और इलेक्ट्रिक वाहन के लिए महत्वपूर्ण है। रेयर अर्थ नॉर्वे ने कहा, 2030 से पहले खनन के पहले चरण को विकसित करने के लिए 94.3 अरब डॉलर के निवेश के फैसले को लिए जाने की जरूरत है।

इसी साल 23 मई को यूरोपीय संघ ने बाहरी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता कम करने के लिए एक अधिनियम को मंजूरी दी है, जिसके तहत महत्वपूर्ण कच्चे माल की वार्षिक खपत का 10 प्रतिशत घरेलू स्तर पर प्राप्त करने को कहा गया है। साथ ही इसमें 40 फीसदी प्रसंस्करण भी खुद से करना चाहिए। अधिनियम में यह भी अनिवार्य किया गया है कि किसी रणनीतिक कच्चे माल का 65 प्रतिशत से अधिक हिस्सा किसी तीसरे देश से नहीं आ सकता है। हालांकि नॉर्वे यूरोपीय संघ का सदस्य नहीं है लेकिन इसके एकल बाजार में हिस्सा लेता है।

चीन की दादागिरी

चीन ने हाल ही में रणनीतिक धातुओं पर अपने नियंत्रण का लाभ उठाने की कोशिश की है। बीते साल बीजिंग ने रणनीतिक रेयर अर्थ एलीमेंट्स के निर्यात पर रिपोर्टिंग को कड़ा कर दिया था। इसे सेमीकंडक्टर और चिप बनाने वाले उपकरणों पर अमेरिकी प्रतिबंधों के जवाब के रूप में देखा गया था। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने रेयर अर्थ एलीमेंट्स के साथ ही इन्हें संसाधित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरणों पर भी प्रतिबंधों की घोषणा की थी।

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By News Thikhana

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