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Prescription : डॉक्टर पुत्र के लिए पिता का नुस्खा..!

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Prescription : डॉक्टर पुत्र के लिए पिता का नुस्खा..!

साहित्य//Rajasthan/Jaipur :

दुआएं बटोरने के दिन !
(आज से डॉ आकाश माथुर,गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट की क्षेत्रपाल हॉस्पिटल,अजमेर में नई पारी की शुरुआत पर शुभकामनाओं सहित।)

 

प्रिय आकाश,
आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज (AFMC), पूना की प्रवेश परीक्षा के इंटरव्यू में करीब चौदह साल पहले आपने एक सवाल के जवाब में कहा था,"दुनिया में लोगों का दर्द दूर करने से श्रेष्ठ कोई कार्य नहीं है और यदि यह प्रोफेशन बन जाए तो इससे बढ़िया क्या हो सकता है !" 
..... तो अब लोगों का दर्द दूर करने और दुआएं बटोरने के दिन शुरू हो गए !!
आशीर्वाद लेते रहो और इस उर्जा से छू लो आसमां !
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क्षेत्रपाल हॉस्पिटल में डॉ आकाश माथुर, गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट ने कार्यभार संभाला (newsthikana.com)


आज मैं आपके लिए एक prescription लिख रहा हूं

1. डॉक्टर व मरीज के संबंधों में चार महत्वपूर्ण तत्व हैं:
धैर्यपूर्वक सुनना,डायग्नोसिस, संवाद व स्पर्श  तथा उपचार !
इन चारों के महत्व को ठीक से समझइयेगा ! 
रोगी से सवाल भी विनम्रतापूर्वक करें और उनके सवालों का संतुष्ट होने तक ठीक से जवाब दें। रोगी के लिए  कॉउंसलिंग भी उतनी ही जरूरी है जितनी की दवा।
स्मरण रखें, आप उसकी सभी समस्याओं के समाधान के लिए आखिरी पड़ाव है।

2. रोगों के उपचार से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है, रोगों के प्रति जागरूकता पैदा कर इनसे बचाव व रोकथाम ।
यह कार्य करना भी डॉक्टरों का ही दायित्व है।

3. मरीज का सम्मान- आपकी कुर्सी के पास गोल स्टूल पर बैठा मरीज चाहे कोई निर्धन,असहाय या कोई वंचित हो या फिर कोई अफसर, नेता या उद्योगपति, सभी को समान महत्व और सम्मान दें।

4. कौशल (skill) और गुणों के अंतर को समझें। सम्मानित मेडिकल संस्थानों से सुपर स्पेशलाइजेशन करने वाले सभी डॉक्टर स्किल्ड होते हैं। वहां स्किल सिखाई जा सकती है लेकिन संवेदनशीलता, विनम्रता,सहिष्णुता, धैर्य और सहृदयता खुद एक्वायर करने पड़ते हैं। स्किल जितने ही महत्वपूर्ण ये गुण भी हैं।

5.हम पर समाज और संबंधों का मोटा कर्ज बाकी है। नियमित किस्तें भरते रहना।

6. सरकारी नौकरी से तौबा करना! हमारे यहां सरकारी नौकरी एक 'अफीम' है, जिससे आरामपूर्वक खूब कमाने की लत पड़ जाती है, इस लत को दुनिया का कोई भी 'नशा मुक्ति केंद्र' नहीं छुड़ा सकता। 

7. सफलता और प्रसिद्धि का भी नशा होता हैं। हालांकि सफल होकर भी इस नशे से बचा जा सकता है। आप भी बचना। 

और हां,यह भी ध्यान रखना कि लोग आपके आचरण और व्यवहार से मेरा मूल्यांकन करेंगे।
"बहकना तेरी फ़ितरत में नहीं पर ,
सँभलने में परेशानी बहुत है"

खुद की जांच (टेस्ट्स) : आईने में अपना चेहरा देखकर समय-समय पर सुनिश्चित करना कि आपके चेहरे पर 'सिल्वरओक,अलवर' और 'सेंट स्टीफंस,अजमेर' में पढ़ते समय जो मासूमियत थी, वह बनी रहे। किसी भी स्थिति में चेहरे पर दरोगा जैसी अकड़ ना आ जाए।
अब तक की उपलब्धियां मंजिल नहीं पड़ाव हैं।इन मील के पत्थरों (Mile stones) को शिखर की चोटी समझने का भ्रम मत पाल लेना। मंजिल अभी बहुत दूर और मार्ग लंबा व दुर्गम है। 
'तू शाहीं (पक्षी) है, परवाज़ (उड़ान) है काम तेरा /
तिरे सामने आसमाँ और भी हैं !!'
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पीजीआई के सभागृह में एक उच्च स्तरीय सेमिनार में आपने लोगों को एक शेर समर्पित किया था - 
'करूँगा क्या जो मोहब्बत में हो गया नाकाम ,
मुझे तो और कोई काम भी नहीं आता !'
इसी भावना के अनुरूप मोहब्बत बांटते और दुआएं इकट्ठी करते रहना, उम्र भर !
ऊपर लिखी 'दवाइयां' लेते रहना और कांच के सामने खड़े होकर बतायी गयी 'जांच' करते रहना।
मेरी मंगलकामनाएं आपके साथ हैं।
(यह 'प्रेस्क्रिप्शन' डॉ आकाश के साथ-साथ संपूर्ण डॉक्टर समुदाय के लिए है।)
 - वेद माथुर
 

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वेद माथुर

By News Thikhana

न्यूजठिकाना के आमंत्रित लेखक वेद माथुर पंजाब नेशनल बैंक में महाप्रबंधक रहे हैं। वे देश के जाने-माने लेखक और व्यंग्यकार हैं। उनका लिखा व्यंग्य उपन्यास 'बैंक ऑफ पोलम्पुर' बेहद चर्चित है

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