आज है विक्रम संवत् 2081 के भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि रात 07:57 त बजे तक तदुपरांत षष्ठी तिथि यानी रविवार, 08 सितंबर, 2024 परमाणु मिसाइल अग्नि-4 का सफल परीक्षण, चीन-पाक पलभर में खाक पैरालंपिक: प्रवीण कुमार ने भारत को दिलाया एक और गोल्ड राजस्थान: 108 आईएएस के बाद 386 आरएएस अधिकारियों का ट्रांसफर
समंदर में ताकत: श्रीलंका में ‘करंज’ भेजकर चीन से लेकर मालदीव को संदेश

सेना

समंदर में ताकत: श्रीलंका में ‘करंज’ भेजकर चीन से लेकर मालदीव को संदेश

सेना/नौसेना/Delhi/New Delhi :

भारत अब दुनिया को अपनी नेवी की ताकत दिखाने लगा है। लाल सागर में हूती विद्रोहियों के खतरे को देखते हुए जहाजों की सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना हिंद महासागर में तैनात की गई है। यमन के हूती विद्रोहियों ने इजरायल से जुड़े जहाजों पर हमले की धमकी दी थी। भारत ने अपने जहाजों की सुरक्षा के लिए तीन गाइडेड मिसाइल विध्वंसक और टोही विमान भेजे हैं। भारत ने कई जहाजों को हाईजैक से बचाया है। इसका वह दुनिया में प्रचार भी कर रहा है।

लंबे समय से भारत ने अपने दो दुश्मनों चीन और पाकिस्तान के साथ सुरक्षा को जमीन से केंद्रित रखा है। लेकिन अब भारत समुद्र में अपनी ताकत बढ़ाने लगा है। अंतर्राष्ट्रीय जल में भारत ने चीन का मुकाबला करने के लिए नौसैनिक ताकत का विस्तार शुरू कर दिया है। भारत ने पड़ोसी श्रीलंका में अपनी एक पनडुब्बी भेजी है। भारतीय नौसेना की पनडुब्बी आईएनएस करंज गुरुवार को श्रीलंका पहुंची। रविवार को श्रीलंका के 76वें स्वतंत्रता दिवस समारोह से पहले ये पनडुब्बी यहां पहुंची है, जो चीन को एक बड़ा संदेश है।
यह पनडुब्बी दो दिनों के लिए श्रीलंका में रहेगी, जिसका नौसेना ने स्वागत किया। श्रीलंका ने कहा कि आईएनएस करंज 67.5 मीटर लंबी है और इसमें कमांडर अरुणाभ के नेतृत्व में 53 लोग सवार हैं। श्रीलंका की मीडिया के मुताबिक आईएनएस करंज 5 फरवरी को प्रस्थान करेगा। यह भारत और श्रीलंका के बीच मजबूत समुद्री संबंधों का प्रतीक है। भारत की पनडुब्बी ऐसे समय में श्रीलंका पहुंची है, जब चीन का कथित रिसर्च जहाज मालदीव जा रहा है।
चीन को है बड़ा संदेश?
चीन का कथित रिसर्च जहाज जियांग यांग होंग 3 हिंद महासागर में प्रवेश कर रहा है। यह जहाज मालदीव में रुकेगा। भारत से मालदीव के संबंध तनावपूर्ण चल रहे हैं। ऐसे में इस जहाज का भारत के करीब आना मालदीव से संबंधों को और भी तनावपूर्ण बना सकता है। इस तरह के जहाज पहले श्रीलंका के तट पर रुकते थे। जियांग यांग होंग 3 भी श्रीलंका में रुकने वाला था। लेकिन भारत के विरोध के बाद दिसंबर 2023 में श्रीलंका ने अपने जलक्षेत्र में विदेशी रिसर्च जहाजों पर एक साल की रोक की घोषणा की। चीन के जासूसी जहाज के पहुंचने से पहले भारत ने श्रीलंका में पनडुब्बी भेजी है, जो एक बड़ा संदेश है।
क्या है इस पनडुब्बी की खासियत
- आईएनएस करंज स्कॉर्पियन श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी है।
- यह एक स्वदेशी पनडुब्बी है, जिसे मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है।
- यह पनडुब्बी अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना लगा सकती है।
- पनडुब्बी 67.5 मीटर लंबी और 12.3 मीटर ऊंची है। इसका वजन 1565 टन है।
- पनडुब्बी टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइल से हमला करने और रडार को चकमा देने में सक्षम है।
पनडुब्बी के पास क्षमता है कि वह पानी के अंदर ही ऑक्सीजन बना सके। इस कारण यह लंबे समय तक पानी में रह सकती है। चीन पाकिस्तान हिंद महासागर में अपनी सक्रियता बढ़ा रहे हैं। ऐसे में यह भारत के लिए एक बड़ी जरूरत है।

You can share this post!

author

Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

Comments

Leave Comments