आज है विक्रम संवत् 2081 के भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि रात 07:57 त बजे तक तदुपरांत षष्ठी तिथि यानी रविवार, 08 सितंबर, 2024 परमाणु मिसाइल अग्नि-4 का सफल परीक्षण, चीन-पाक पलभर में खाक पैरालंपिक: प्रवीण कुमार ने भारत को दिलाया एक और गोल्ड राजस्थान: 108 आईएएस के बाद 386 आरएएस अधिकारियों का ट्रांसफर
यहां की महंगाई के आगे पाकिस्तान तो कुछ नहीं, क्रेडिट कार्ड पर चल रहा मुल्क

आर्थिक

यहां की महंगाई के आगे पाकिस्तान तो कुछ नहीं, क्रेडिट कार्ड पर चल रहा मुल्क

आर्थिक//Delhi/New Delhi :

दुनिया में सबसे कंगाल बदहाल पाकिस्तान के अलावा भी एक देश है, जो महंगाई की मार बुरी तरह झेल रहा है। इस देश का हाल इतना बुरा हो गया है कि लोगों को अपने खर्च के लिए क्रेडिट कार्ड पर निर्भर रहना पड़ रहा है।

दुनिया में पकिस्तान से भी बुरी हालत एक अन्य देश की है, जहां लोगों को जिंदगी का गुजारा करने के लिए क्रेडिट कार्ड पर निर्भर रहना पड़ रहा है। हम तुर्की की बात कर रहे हैं। तुर्की के लोग महंगाई की मार से परेशान हैं। बीते मार्च के महीने में तुर्की का सालाना इंफ्लेशन रेट बढ़कर 68.5 फीसदी हो गया था। देश में महंगाई इस कदर बढ़ गई है कि लोगों के लिए रोजमर्रा के सामान खरीदना भी मुश्किल होता जा रहा है।
क्रेडिट कार्ड पर चल रही है जिंदगी
तुर्की का हाल ये है कि लोग अब रोजमर्रा की जरूरतों जैसे खाने और रहने के लिए भी क्रेडिट कार्ड पर डिपेंड हो गए हैं। इंफ्लेशन रेट बढ़ने से लोगों की सैलरी कम हो गई है। अब लोगों को आम चीजें खरीदने के लिए भी सौ बार सोचना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तुर्की में न्यूनतम वेतन 17,000 लीरा (524 अमेरिकी डॉलर) हर महीना है, जबकि गरीबी रेखा 25,000 लीरा (768 अमेरिकी डॉलर) से ऊपर है। देश में खाने-पीने के सामानों की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। यही लोगों की परेशानी की सबसे बड़ी वजह बन गया है। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन यानी आईसीडी से जुड़े देशों में तुर्की में ही महंगाई सबसे ज्यादा है।
किराया भी बढ़ता जा रहा है
रिपोर्ट्स के मुताबिक, तुर्की में महंगाई के चलते अब घरों का किराया भी बढ़ता जा रहा है। घरों की कीमतें पहले के मुकाबले दोगुनी हो चुकी हैं। लोगों का रहना मुश्किल होता जा रहा है। यहां सबसे ज्यादा इजाफा ट्रांसपोर्ट, फूड और हाउसिंग सेक्टर में देखने को मिला है। साल 2022 में तुर्की में महंगाई 24 साल के उच्चतम स्तर 86 फीसदी पर पहुंच गई थी। इस दौरान वहां राष्ट्रपति ने ब्याज दरों को कम रखने की नीति पर जोर दिया था। ज्यादातर केंद्रीय बैंक इंफ्लेशन से लड़ने के लिए ब्याज दर बढ़ाते हैं, लेकिन उस वक्त तुर्की में ब्याज दर 10.5 फीसदी थी।ऐसे में लोगों ने कर्ज लेना और क्रेडिट कार्ड का यूज करना ज्यादा सही समझा।
कर्ज भी नहीं हो रहा कम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तुर्की में साल 2023 में क्रेडिट कार्ड का कर्ज 2.5 गुना बढ़कर करीब एक ट्रिलियन लीरा यानी 34 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा हो गया था। यह अपने आप में बड़ा रिकॉर्ड है। कम ब्याज दरों की लंबी अवधि की वजह से, दूसरे कार्ड के जरिए कैश निकालना और क्रेडिट कार्ड का कर्ज चुकाने के लिए पर्सनल लोन लेना जारी है। विश्लेषकों और बैंकिंग इंडस्ट्री के ऑफिशियल्स का मानना है कि जल्द ही प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, क्योंकि पिछले कुछ समय से सरकार सख्ती बरतने का संकेत दे रही है।

You can share this post!

author

Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

Comments

Leave Comments