फोटो सोशल मीडिया से साभार
श्रद्धांजलि//Tamil Nadu/Chennai :
सुप्रसिद्द पार्श्व गायिका वाणी जयराम (78 वर्षीय) का शनिवार को चेन्नई में निधन हो गया। पुलिस की ओर से प्राप्त प्राथमिक जानकारी के अनुसार वाणी की लाश उनके चेन्नई के नुंगमबक्कम में स्थित घर से ही मिली है।
बताया जा रहा है कि उनके माथे पर चोट के निशान थे। फिलहाल उनकी मौत के कारणों के बारे में पता नहीं चल सका है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। उल्लेखनीय है कि वाणी ने हाल ही में इंडस्ट्री में बतौर पार्शव गायिका अपने 50 साल पूरे किए थे। बीते माह 25 जनवरी को उन्हें संगीत में उनके योगदान के लिए तीसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण दिये जाने की घोषणा हुई थी। उनका गाया हुआ 'हमको मन की शक्ति देना' आज भी लोगों की जुबां पर है। उन्हें तीन बार नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। उनकी मौत खबर से फिल्म और संगीत के संसार में शोक की लहर है।
वाणी जयराम ने तीन राष्ट्रीय पुरस्कार जीते और तमिल, मलयालम, तेलुगु, कन्नड़, हिंदी, गुजराती, ओडिया, मराठी, हरियाणवी, असमिया, तुलु और बंगाली सहित 19 भाषाओं में 10,000 से अधिक गाने गाए। उन्होंने ओडिशा, तमिलनाडु, गुजरात और आंध्र प्रदेश से राज्य सरकार के पुरस्कार जीते थे। वाणी भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत थीं और उन्होंने पटियाला घराने के उस्ताद अब्दुल रहमान खान के अधीन हिंदुस्तानी संगीत का प्रशिक्षण शुरू करने के बाद नौकरी छोड़ दी थी।
वाणी जयराम को हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का बहुत ज्ञान था और वे हिंदी, गुजराती और हरियाणवी गाने गाने में सहज थीं। उनका पहला संगीत एल्बम वसंत देसाई द्वारा रचित कुमार गंधर्व के साथ एक युगल (डूएट) गीत था। एक बेहद कुशल संगीतकार, वाणी जयराम पुराने संगीत निर्देशकों के साथ-साथ नई पीढ़ी के साथ सहज थीं। वह इलयाराजा और एआर रहमान दोनों की फेवरेट गायिका थीं।
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