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आटा नहीं...चाहिए सिर्फ आजादी! पाकिस्तान के हाथ से निकल रहा पीओके

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आटा नहीं...चाहिए सिर्फ आजादी! पाकिस्तान के हाथ से निकल रहा पीओके

राजनीति//Delhi/New Delhi :

पाकिस्तान के आजाद कश्मीर में पिछले कई दिनों से लगातार आजादी की लड़ाई जारी है। शुरुआती दौर में धरना-प्रदर्शनों की गंभीरता को देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने आटा, बिजली और पेट्रोल के दाम कम कर दिए। पाकिस्तान सरकार को यह उम्मीद थी कि इनके दाम कम होने से प्रदर्शन रुक जाएगा लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है।

पाकिस्तान में आजाद कश्मीर के लिए जंग शुरू हो चुकी है। स्थानीय लोगों ने कहा है कि आटे के दाम कम करने के लिए नहीं बल्कि आजादी के लिए लड़ाई शुरू हुई है। वहीं, आतंकवादी संगठन ने एक बयान जारी कर कहा है कि स्थानीय लोग हथियार उठाएं। पाकिस्तानी सेना केवल लोहे की भाषा समझेगी।
बता दें कि पाकिस्तान की आजाद कश्मीर में पाकिस्तानी फौज की तमाम कोशिशें के बावजूद हालात उनके काबू से बाहर होते जा रहे हैं। पाकिस्तान सरकार द्वारा अपनाई गई लालफीताशाही रवैया, भुखमरी और फौज द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न को देखते हुए अब आतंकवादी संगठन और स्थानीय लोग एक भाषा बोलने लगे हैं। उन सब का स्पष्ट तौर पर कहना है कि अब आजाद कश्मीर को पाकिस्तान से आजाद होना ही चाहिए। बता दें कि इस अशांति को खत्म करने के लिए तत्काल 23 अरब रुपये आवंटित किया है। इसके बावजूद भी पाकिस्तान के हाथ से पीओके निकल रहा है।
मालूम हो कि पाकिस्तान के आजाद कश्मीर में पिछले कई दिनों से लगातार आजादी की लड़ाई जारी है। शुरुआती दौर में धरना प्रदर्शनों की गंभीरता को देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने आटा, बिजली और पेट्रोल के दाम कम कर दिए। पाकिस्तान सरकार को यह उम्मीद थी कि इनके दाम कम होने से प्रदर्शन रुक जाएगा। पाकिस्तानी फौज और सरकार को उस समय धक्का लगा जब स्थानीय लोगों की एक बड़ी जनसभा में स्पष्ट तौर पर कहा गया कि यह धरना-प्रदर्शन आटा और चावल के दाम कम कराने के लिए नहीं हो रहे हैं बल्कि वहां की पूरी आजादी के लिए शुरू हुए हैं।
जम्मू-कश्मीर लिबरेशन नेता भी कर रहे हैं बगावत
जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के जोनल अध्यक्ष तौकीर गिलानी ने एक भाषण दिया जिसके बाद और बवाल मच गया। बता दें कि इसके बारे में पाकिस्तान सरकार का दावा था कि इस संगठन का पूरा खर्चा वह उठाती है। तौकीर गिलानी ने अपने भाषण में साफ तौर पर कहा कि उनके यहां बिजली पैदा होती है, गेहूं पैदा होता है, यह लड़ाई दाम कम कराने के लिए नहीं बल्कि आजादी की लड़ाई है। उधर आतंकवादी संगठन तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान ने भी इस बारे में बयान जारी करते हुए कहा कि पाकिस्तानी प्रशासन पूरी तरह से दमन पर उतर आया है और स्थानीय लोगों पर पुलिस और सुरक्षा बल अत्याचार कर रहे हैं।
सशस्त्र संघर्ष का किया आह्वान
तहरीके तालिबान पाकिस्तान ने अपने बयान में साफ तौर पर कहा है कि संगठन पाकिस्तानी प्रशासन को इस खून-खराबे के खेल को तुरंत रोकने की चेतावनी देता है। पाकिस्तानी प्रशासन कश्मीरी लोगों के खिलाफ अत्यधिक क्रूरता और जबरदस्ती पर उतर आया है। संगठन ने स्थानीय लोगों से अपील करते हुए कहा कि हम कश्मीरियों को आमंत्रित करते हैं कि पाकिस्तान सेना मौखिक विरोध को स्वीकार नहीं करती हैं, वे केवल लोहे की भाषा मानते हैं, इसलिए उनके खिलाफ सशस्त्र संघर्ष शुरू करें और अपने राष्ट्र को बढ़ाने की कोशिश करें। संगठन पूरी तरह से स्थानीय लोगों के साथ है।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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