श्रद्धांजलि//Rajasthan/Jaipur :
राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day): आज भारत के प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद की जयंती है जिसे युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. विवेकानंद ने बेहद कम उम्र में ही संन्यास ग्रहण कर लिया था। वे हमेशा अपने लक्ष्य की तरफ ही केंद्रित रहते थे। उनकी यही विशेषता उन्हें युवाओं में लोकप्रिय बना देती है। इसी विषय पर उनकी एक कहानी आज हम आपसे साझा करने जा रहे हैं ,
एक बार स्वामी विवेकानंद जी के आश्रम में एक व्यक्ति उनसे मिलने आया जो कि बहुत दुखी था और आते ही स्वामी विवेकानंद जी के चरणों में गिर पड़ा और बोला,"महाराज मै अपने जीवन में खूब मेहनत करता हूँ, हर काम खूब मन लगाकर भी करता हूँ , फिर भी आजतक मै कभी सफल व्यक्ति नही बन पाया।" उस व्यक्ति की बाते सुनकर स्वामी विवेकानंद ने कहा,"ठीक है,आप मेरे इस पालतू कुत्ते को थोड़ी देर तक घुमाकर लायें, तब तक मैंआपकी समस्या का समाधान ढूढ़ता हूँ। " वह व्यक्ति कुत्ते को घुमाने लेने चला गया और फिर कुछ समय बीतने के बाद यह व्यक्ति स्वामी विवेकानंद के पास वापस लौट आया। तो स्वामी विवेकानंद ने उस व्यक्ति से पूछा कि यह कुत्ता इतना हांफ क्यों रहा है जबकि तुम थोड़े से थके हुए नही लग रहे हो? आखिर ऐसा क्या हुआ ?
इस पर उस व्यक्ति ने कहा कि स्वामी जी मैं तो सीधा अपने रास्ते पर चल रहा था जबकि यह कुत्ता इधर उधर रास्ते भर भागता रहा। कुछ भी देखता तो उधर ही दौड़ जाता था जिसके कारण यह इतना थक गया है।
स्वामी विवेकानंद जी मुस्कुराते हुए कहा,"बस यही तुम्हारे प्रश्नों का जवाब है। तुम्हारी सफलता की मंजिल तो तुम्हारे सामने ही होती है। लेकिन, तुम अपनी मंजिल के बजाय इधर उधर भागते हो, जिससे तुम अपने जीवन में कभी सफल नही हो पाए। यह बात सुनकर उस व्यक्ति को समझ में आ गयी कि यदि सफल होना है तो हमे अपनी मंजिल पर ध्यान देना चाहिए। हमे जो करना है जो कुछ भी बनना है, हम उस पर उतना ध्यान नही देते है और दूसरो को देखकर,वैसा ही करने लगते है जिस कारण हम अपनी सफलता की मंजिल पास होते हुए दूर भटक जाते है। इसीलिए, अगर जीवन में सफल होना है तो हमेशा हमे अपने लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।
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