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लाल किले पर मनाया गया राष्ट्र स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह,  पीएम मोदी ने दिये न्याय व्यवस्था में सुधार के संकेत

आजादी का अमृत महोत्सव

लाल किले पर मनाया गया राष्ट्र स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह, पीएम मोदी ने दिये न्याय व्यवस्था में सुधार के संकेत

आजादी का अमृत महोत्सव//Delhi/New Delhi :

भारत आज अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। नयी दिल्ली में लाल किलो पर राष्ट्र स्तरीय समारोह आयोजित किया गया। देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने लगातार 11वीं बार लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा ध्वज फहराया। उन्होंने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं और वहां पर उपस्थित गणमान्य नागरिकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 98 मिनट लंबे भाषण में सपनों के भारत की तस्वीर दिखाई तो दूसरी ओर युद्ध लड़ने को बेताब दुनिया को बुद्ध का संदेश दिया। पीएम मोदी ने अपने भाषण में पाकिस्तान का एक बार भी जिक्र नहीं किया लेकिन उन्होंने अपने भाषण में बांग्लादेश का 4 बार जिक्र किया और कहा कि भारत उसकी मदद करता रहेगा।

हमेशा की तरह नयी दिल्ली में लाल किले की प्राचीर पर झण्डारोहण के बाद पीएम मोदी ने देश को संबोधित किया। इस अवसर उन्होने अपने भाषण की शुरुआत में ही कहा, 'मेरे प्यारे देशवासियों, आज जो महानुभाव राष्ट्ररक्षा और राष्ट्रनिर्माण के लिए पूरी लगन और प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा कर रहे हैं, ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। चाहे वे किसान हों, जवान हों, हमारे नौजवानों का हौसला हो, दलित हो पीड़ित हों, वंचित हों... लोकतंत्र के प्रति उसकी श्रद्धा पूरे विश्व के लिए एक प्रेरक घटना है। मैं आज ऐसे सभी को आदरपूर्वक नमन करता हूं।'  उन्होंने यह भी कहा कि इस वर्ष और पिछले कुछ वर्षों से प्राकृतिक आपदा के कारण हम सबकी चिंता बढ़ती जा रही है। प्राकृतिक आपदा में अनेक लोगों ने अपने परिवारजन खोए हैं। संपत्ति खोई है। राष्ट्र ने भी नुकसान झेला है। मैं आज उन सबके प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और उन्हें विश्वास दिलाना चाहता हूं कि देश इस संकट की घड़ी में उनके साथ खड़ा है।

हम बुद्ध का देश हैं युद्ध हमारी राह नहीं

लाल किले से पीएम मोदी ने देश की चुनौतियों पर ध्यान आकर्षित करते हुए उन्होंने कहा कि कई चुनौतियां हैं, देश के भीतर भी हैं और बाहर भी हैं। मैं ऐसी शक्तियों को कहना चाहता हूं कि भारत का विकास किसी के लिए संकट लेकर नहीं आता। जब हम विश्व में समृद्ध थे, तब भी हमने विश्व को कभी युद्ध में नहीं झोंका। हम बुद्ध का देश हैं, युद्ध हमारी राह नहीं है।

अपराधियों में डर होना जरूरी

पीएम मोदी ने कहा, ‘देश में कुछ चिंता की बातें भी हैं। मैं यहां से अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं। एक समाज के नाते हमें ये सोचना होगा कि हमारी माता, बहनों और बेटियों के साथ जो अत्याचार हो रहे हैं, उसके प्रति लोगों का आक्रोश है। राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो, राक्षसी काम करने वाले लोगों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो। समाज में विश्वास पैसा करने के लिए ये जरूरी है।महिलाओं पर अत्याचार की जब घटनाएं होती हैं तो उसकी बहुत ज्यादा चर्चा होती है। मगर जब ऐसा करने वाले राक्षसी व्यक्ति को सजा होती है तो इसकी खबर कोने में नजर आती है। इस पर चर्चा नहीं होती है। अब समय की मांग है कि ऐसा करने वाले दोषियों की भी व्यापक चर्चा हो ताकि ऐसा पाप करने वालों को भी डर हो कि उन्हें फांसी पर लटकना पड़ेगा। मुझे लगता है कि ये डर पैदा करना जरूरी है।

फिर से विपक्षी दलों पर परिवार वाद के जरिये हमला

प्रधानमंत्री ने कहा कि परिवारवाद और जातिवाद से लोकतंत्र को नुकसान पहुंच रहा है. इससे हमें देश को मुक्ति दिलानी है। हमारा एक मिशन ये भी है कि एक लाख ऐसे लोगों को आगे लाया जाए, जिनके परिवार में किसी का भी राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं हो। इससे देश को परिवारवाद और जातिवाद से मुक्ति मिलेगी। इससे नयी सोच सामने आएगी। वे किसी भी दल में जा सकते हैं। भाई-भतीजावाद, जातिवाद समाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं; राजनीति से इन्हें खत्म करना होगा।

‘वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए आगे आएं सभी राजनीतिक दल’
पीएम मोदी ने कहा कि आज हर काम को चुनाव से रंग दिया गया है। सभी राजनीति दलों ने अपने विचार रखे हैं। एक कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार की है। देश को वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए आगे आना होगा। मैं राजनीतिक दलों से आग्रह करता हूं कि भारत की प्रगति के लिए वन नेशन, वन इलेक्शन के सपने को साकार करने के लिए उन्हें आगे आना चाहिए।

देश के लिए सुझाव और इनमें  सीजेआई के सामने खासतौर पर न्याय व्यवस्था में सुधार के संकेत

पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था जब लोग देश के लिए मरने के लिए प्रतिबद्ध थे और आजादी मिली थी। आज ये समय है देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता। अगर देश के लिए मरने की प्रतिबद्धता आजादी दिला सकती है तो देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता समृद्ध भारत भी बना सकती है। साथियो, विकसित भारत 2047 सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं। इसके पीछे कठोर परिश्रम चल रहा है। देश के कोटि-कोटि जनों के सुझाव लिए जा रहे हैं और हमने देशवासियों से सुझाव मांगे। हमें प्रसन्नता है कि देश के करोड़ों नागरिकों ने विकसित भारत 2047 के लिए अनगिनत सुझाव दिए हैं। हर देशवासी का सपना, संकल्प इसमें प्रतिबिंबित हो रहा है। हर किसी ने 2047 में जब देश आजादी का 100 साल मनाएगा, तबतक विकसित भारत के लिए अनमोल सुझाव दिए हैं। पीएम ने बताया कि देशवासियों से 'विकसित भारत 2047' पर राय मांगी गई तो लोगों ने दिल खोलकर अपने सुझाव दिए। उन्होंने बताया कि इसी में एक सुझाव यह भी है कि देश में न्याय मिलने में बहुत देरी हो रही है जिसे दूर किए बिना विकसित भारत का संकल्प पूरा नहीं हो सकता है। इसलिए न्याय व्यवस्था में सुधार की बहुत जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने कहा- विकसित भारत के लिए सरकार ने आम नागरिकों से सुझाव मांगा और लोगों ने ये सुझाव दिए-

  • भारत को दुनिया का स्किल कैपिटल बने
  • भारत ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बने
  • भारतीय यूनिवर्सिटीज ग्लोबल बनें
  • भारत का मीडिया ग्लोबल बने
  • भारत के स्किल्ड युवा विश्व की पहली पसंद बनें
  • भारत जल्द से जल्द जीवन के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने
  • सुपरफूड को दुनिया के हर डाइनिंग टेबल पर पहुंचाना है, विश्व को पोषण देकर भारत के छोटे किसानों को समृद्ध बनाया जाए
  • छोटी इकाइयों में के शासन-प्रशासन को दुरुस्त किया जाए
  • न्याय में विलंब हो रहा है, यह चिंताजनक है; हमारे देश की न्याय व्यवस्था में सुधार की बहुत जरूरत है
  • बढ़ती आपदाओं के बीच शासन-प्रशासन के लिए अभियान चले
  • अंतरिक्ष में भारत का स्पेस स्टेशन बने
  • भारत की पारंपरिक औषधियां और वेलनेस हब के रूप में विकसित हो
  • भारत को जल्द से जल्द तीसरी बड़ी इकॉनोमी बननी चाहिए

 

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