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तो कोटा की राह पर चल पड़ा है  IIT मद्रास..? 45 दिन में तीसरा सुसाइड..!

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तो कोटा की राह पर चल पड़ा है IIT मद्रास..? 45 दिन में तीसरा सुसाइड..!

क्राइम //Tamil Nadu/Chennai :

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) मद्रास में पढ़ने वाले 32 वर्षीय पीएचडी के छात्र सचिन कुमार जैन ने शनिवार को तमिलनाडु के वेलाचेरी स्थित अपने कमरे में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया।

पढ़ाई के बोझ और डर ने एक और छात्र की ज़िदगी समाप्त कर दी । इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) मद्रास में पढ़ने वाले 32 वर्षीय पीएचडी कर रहे सचिन कुमार जैन ने शनिवार को तमिलनाडु के वेलाचेरी स्थित अपने कमरे में फांसी लगाकर सुसाइड कर ली। यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। मरने से पहले सचिन ने 31 मार्च को अपना वॉट्सऐप स्टेटस अपडेट किया था। इसमें लिखा था-“I am sorry, I am not good enough(यानी मुझे माफ करना मैं किसी लायक नहीं)

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) मद्रास में पढ़ने वाले 32 वर्षीय पीएचडी के छात्र सचिन कुमार जैन ने शनिवार को तमिलनाडु के वेलाचेरी स्थित अपने कमरे में फांसी लगाकर सुसाइड कर ली। आईआईटी मद्रास में पिछले 45 दिनों में सुसाइड का यह तीसरा मामला है। इससे पहले 14 मार्च को IIT मद्रास के ही एक 20 वर्षीय छात्र ने कैम्पस में आत्महत्या कर ली थी। मृतक बीटेक तृतीय वर्ष का छात्र था और अपने होस्टल के कमरे में फांसी पर लटका मिला था। उसके रूममेट्स ने सबसे पहले उसे देखा था। मृतक की पहचान आंध्र प्रदेश के रहने वाले वैपु पुष्पक श्री साई के रूप में हुई थी।

वहीं, 14 फरवरी को महाराष्ट्र के एक रिसर्च स्कॉलर 24 साल के स्टीफन सनी नाम के स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया था। वह इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की स्टडी कर रहा था। सनी हॉस्टल के कमरे में फांसी से लटका मिला था। पुलिस को सनी के पास से एक नोट मिला था, जिस पर don’t prosecute (मुकदमा न करें) लिखा मिला था।

बहुत अच्छा स्कॉलर था सचिन 
सचिन पश्चिम बंगाल का मूल निवासी था। वह अपने कमरे में छत के पंखे से लटका हुआ पाया गया। पुलिस ने कहा कि अपनी जीवन लीला समाप्त करने से पहले पीएचडी छात्र ने एक व्हाट्सएप स्टेटस पोस्ट किया था। जब फ्रेंड्स उसके घर पहुंचे, तब घटना का पता चला। उन्होंने तुरंत एम्बुलेंस बुलाई और अस्पताल ले गए। हालांकि तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। अपने बयान में आईआईटी मद्रास ने कहा कि सचिन का एक अनुकरणीय अकादमिक रिकॉर्ड था। उसका निधन संस्थान के लिए एक बड़ा नुकसान है।

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सौम्या बी श्रीवास्तव

By News Thikhana

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