प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि देते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
श्रद्धांजलि//Punjab/ :
अंतिम सफर पर चल कर प्रकाश सिंह बादल के पार्टिव शरीर को उनके पैतृक गांव में लाया गया। आज वे पंचतत्व में विलीन होंगे उनके पैतृक गांव बादल में बड़ी संख्या में लोग अंतिम विदाई देने पहुंच रहे हैं। उनके हजारों समर्थकों ने गांव का रुख किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को चंडीगढ़ पहुंचकर पंजाब के 5 बार सीएम रहे प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि दी। मोदी चंडीगढ़ एयरपोर्ट से सीधे सेक्टर-28 स्थित शिरोमणि अकाली दल के कार्यालय पहुंचे। जहां दिवंगत बादल का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन को रखा गया था। पीएम मोदी करीब 12:45 बजे शिरोमणि अकाली दल कार्यालय पहुंचे और संगत के भरी भीड़ के बीच उन्होंने बादल के पार्थिव शरीर को पुष्प अर्पित किए।
कब होगा अंतिम संस्कार?
प्रकाश सिंह बादल की अंत्येष्टि गुरुवार को मुक्तसर जिले स्थित उनके पैतृक गांव बादल में आज दोपहर 1 बजे राजकीय सम्मान के साथ होगी। उन्हें अंतिम बार देखने बुधवार को पीएम मोदी, चरणजीत सिंह चन्नी, सीएम मनोहर लाल खट्टर, ओपी चौटाला और सुनील जाखड़ जैसे नेता आए थे।
दिग्गज नेता को किया याद
पीएम मोदी सिख धर्म के नियमानुसार सिर पर केसरिया पटका बांधकर पहुंचे थे। वह करीब 10 मिनट तक शोक सभा में रहे और प्रकाश सिंह बादल को याद किया। अरदास के बाद प्रकाश सिंह बादल के पार्थिव शरीर को पार्टी के झंडे में उनके पैतृक गांव बादल ले जाया जा रहा है।इससे पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रकाश सिंह बादल के निधन पर शोक व्यक्त किया था। उन्होंने ट्विटर पर कहा, "श्री प्रकाश सिंह बादल जी के निधन से बेहद दुखी हूं। वह भारतीय राजनीति की एक महान शख्सियत और एक उल्लेखनीय राजनेता थे, जिन्होंने हमारे देश में बहुत योगदान दिया। उन्होंने पंजाब और पंजाब की प्रगति के लिए अथक प्रयास किया। महत्वपूर्ण समय के माध्यम से राज्य को सहारा दिया"।
यूँ बन गए थे पंजाब की राजनीति के प्रकाश
प्रकाश सिंह बादल का जन्म आठ दिसंबर 1927 को पंजाब के बठिंडा के अबुल खुराना गांव में हुआ था। बादल ने लाहौर के फॉरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक किया। उन्होंने 1957 में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में मलोट से पंजाब विधानसभा में प्रवेश किया। 1969 में उन्होंने अकाली दल के टिकट पर गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से जीत हासिल की। जब पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री गुरनाम सिंह ने 1970 में दल-बदल करके कांग्रेस का दामन थामा था तब अकाली दल फिर से संगठित हो गया तथा इसके बाद इसने जनसंघ के समर्थन से राज्य में सरकार बनाई। वह तब देश के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने। यह बात दीगर है कि यह गठबंधन सरकार एक वर्ष से ही थोड़ा अधिक चली। वर्ष 2017 में बतौर मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल समाप्त किया तो वह इस पर रहने वाले सबसे अधिक उम्र के नेता थे।
पंजाब के 5 बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल का निधन
देश में दो दिनों तक रहेगा शोक
पंजाब सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन पर 27 अप्रैल को छुट्टी का एलान किया है। इस दौरान सभी दफ्तर और विधिक संस्थान बंद रहेंगे। बता दें कि 27 अप्रैल को पैतृक गांव में प्रकाश सिंह बादल का अंतिम संस्कार होगा।वहीँ भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बादल के निधन पर दो दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की। देश भर में दो दिनों तक झंडा आधा झुका रहेगा, जबकि सभी आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि बादल भारतीय राजनीति में एक महान व्यक्ति थे और एक उल्लेखनीय राजनेता थे जिन्होंने हमारे देश में बहुत योगदान दिया।
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