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उम्र महज 10 साल... उगा डाले एक लाख पेड़ ! नन्ही-सी प्रसिद्धि से सीखिए धरती को बचाना

एजुकेशन, जॉब्स और करियर

उम्र महज 10 साल... उगा डाले एक लाख पेड़ ! नन्ही-सी प्रसिद्धि से सीखिए धरती को बचाना

एजुकेशन, जॉब्स और करियर//Tamil Nadu/Chennai :

मिलिए 10 वर्षीय प्रसिद्धि से, जो भारत की सबसे कम उम्र की फल वन निर्माता और राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता हैं।

कभी-कभी, अपने घर, देश, दुनिया या धरती को बचाने की इच्छा आपको जल्दी ही युवा बना देती है और आपका जीवन बदल जाता है। जब प्रसिद्धि सिंह सिर्फ चार साल की थीं तब वाड्रा चक्रवात तमिलनाडु के तट से टकराया था। इसका असर धरती से ज्यादा प्रसिद्धि के मन पर हुआ। 
वे बताती हैं- ‘मैंने पेड़ों को उखड़ते देखा। सड़क पर पानी भर गया था और मैंने पक्षियों, गिलहरियों और बंदरों को दौड़ते, उड़ते और आश्रय के लिए कूदते हुए देखा। मेरा दिल रोया और मैंने फैसला किया कि मुझे इसके बारे में कुछ करना है।’
अपनी पृथ्वी के लिए कुछ करने के बारे में बेहद गंभीर हुई प्रसिद्धि ने 4 साल की उम्र में कई वृक्षारोपण अभियानों में भाग लेना शुरू कर दिया। उसी वर्ष, उसने तमिलनाडु के महिंद्रा वर्ल्ड सिटी में अन्य निवासियों के साथ 1 लाख पेड़ लगाए, जहां वह रहती है। छठी कक्षा की छात्रा प्रसिद्धि तमिलनाडु के चेंगलापट्टू में महिंद्रा वर्ल्ड स्कूल में पढ़ती है और अपने पिता, आईआईटी मद्रास के पूर्व छात्र और अपनी मां के साथ रहती है, दोनों महिंद्रा में काम करते हैं।
पौधरोपण का लिया पूरा ज्ञान
प्रसिद्धि बताती हैं-‘मैंने अंकुरण प्रक्रिया, पौधे निर्माण, सभी सामग्रियों को कैसे प्राप्त किया जाता है, नर्सरी वास्तव में कैसे बनाई जाती है, इन्हें कैसे बनाए रखा जाता है आदि से लेकर पानी देने, निराई और बाड़ लगाने तक सबकुछ खुद किया और सीखा। एक पूरे वृक्षारोपण को कैसे व्यवस्थित किया जाता है इसका पूरा ज्ञान प्राप्त किया।
स्थापित किया प्रसिद्धि वन फाउंडेशन
2018 में, 6 साल की उम्र में प्रसिद्धि ने दो मिशनों के साथ प्रसिद्धी वन फाउंडेशन की स्थापना की। उनका पहला मिशन था, पृथ्वी के हरित आवरण और जैव विविधता को बढ़ाने के लिए पेड़ लगाना, जब तक कि यह हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं बन जाता। उनका दूसरा मिशन है, लोगों को एक साथ लाना और पर्यावरण की रक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना, जब तक कि यह हमारे साहित्य में एकीकृत न हो जाए।
20 से ज्यादा मिनी जंगल बना चुकी
अपने फाउंडेशन के माध्यम से प्रसिद्धि ने 20 से अधिक मिनी जंगलों सहित एक लाख पेड़ लगाए हैं और 600 से अधिक जागरूकता सत्र आयोजित किए हैं, जिनसे भारत में 40,000 से अधिक लोग जुड़े हैं। अब प्रसिद्धि के साथ लोगों की विशाल संख्या जुड़ गई है, जिसमें ग्रामीण, किसान, सरकारी और गैर सरकारी संगठनों से लेकर कॉर्पोरेट्स तक सभी उम्र के छात्र और लोग सम्मिलित हैं। प्रसिद्धि के अनुसार ‘यह एक्शन-ओरिएंटेड है। यह एक आंदोलन है’।
राष्ट्रीय बाल पुरस्कार की सबसे छोटी विजेता
2021 में, तमिलनाडु की यह लड़की प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार की सबसे कम उम्र की पुरस्कार विजेता बनी। उन्हें देश में सबसे कम उम्र के फल वन निर्माता होने के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी शामिल किया गया था।
पृथ्वी दिवस 2023 पर, उन्हें युवा चेंजमेकर्स पर नेशनल ज्योग्राफिक की प्रभावशाली लघु फिल्म श्रृंखला ‘वन फॉर चेंज’ में चित्रित किया गया था।
जुनून-पौधे...मिशन-पृथ्वी
प्रसिद्धि का मानना है कि प्रकृति हर चीज की नींव है, चाहे वह कला, प्रौद्योगिकी या नवाचार हो। ‘प्रकृति वह बिंदु है, जहां सब कुछ निहित है, चाहे वह कला हो या प्रौद्योगिकी, या नवाचार। सब कुछ प्रकृति, पर्यावरण और ग्रह से जुड़ा हुआ है। वह बताती है कि कैसे पृथ्वी पर पेड़ों का अपना ‘डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू’ ‘वुड वाइड वेब’ है। जैसे कि कैसे पक्षियों ने हमें उड़ना सिखाया और बीवर ने हमें बांध बनाना सिखाया। प्रकृति ने पहले से ही उन समस्याओं को हल किया है जिनसे हम अभी भी संघर्ष कर रहे हैं।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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