सेना/नौसेना//Beijing :
चीन के टाइप 003 फुजियान एयरक्राफ्ट कैरियर के फ्लाइट डेक पर दरारें दिखी हैं। ये दरारें फ्लाइट डेक के पिछले हिस्से में नजर आई हैं। फ्लाइट डेक से ही विमानों को उड़ाया और उतारा जाता है। ऐसे में इन दरारों के कारण एयरक्राफ्ट कैरियर का फ्लाइट डेक दोबारा बनाना पड़ सकता है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सपनों वाले एयरक्राफ्ट कैरियर फुजियान के फ्लाइट डेक पर दो बड़ी दरारें दिखी हैं। इन दरारों ने सोशल मीडिया पर तहलका मचाया हुआ है। इससे चीनी नौसेना की तैयारियों को बहुत बड़ा झटका लगा है। यह दरार फुजियान एयरक्राफ्ट कैरियर के फ्लाइट डेक पर नजर आ रही हैं। फ्लाइट डेक से ही विमानों का टेकऑफ और लैंड करवाया जाता है। ऐसे में फुजियान की कमीशनिंग में दिक्कत हो सकती है।
टेकऑफ और लैंडिंग में होगी मुश्किल
फुजियान के फ्लाइट डेक में दरार के कारण विमानों को ऑपरेट करने में काफी परेशानी आ सकती है। इससे दुर्घटना के चांस काफी ज्यादा बढ़ सकते हैं।
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापुल्ट सिस्टम से लैस है फुजियान
चीन के टाइप 003 एयरक्राफ्ट कैरियर फुजियान इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापुल्ट सिस्टम से लैस है। चीन का दावा है कि इसकी ताकत अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियरों जैसी है। फुजियान एयरक्राफ्ट कैरियर का डिस्प्लेसमेंट 80,000 टन से अधिक है। ऐसे में इसके विशाल आकार का अनुमान लगाया जा सकता है।
फुजियान एयरक्राफ्ट कैरियर कितना लंबा-चैड़ा
फुजियान एयरक्राफ्ट कैरियर की लंबाई 300 मीटर और अधिकतम चैड़ाई 78 मीटर की है। लंबाई और चैड़ाई की तुलना में यह अमेरिका के सबसे आधुनिक एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड के बराबर है।
उड़ सकते हैं भारी-भरकम लड़ाकू विमान
चीन का फुजियान एयरक्राफ्ट कैरियर बड़ी संख्या में लड़ाकू विमानों को ऑपरेट कर सकता है। इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापुल्ट सिस्टम के कारण इस एयरक्राफ्ट कैरियर से भारी-भरकम लड़ाकू विमानों को भी टेकऑफ कराया जा सकता है।
500 किमी की क्षेत्र को स्कैन कर सकते हैं फुजियान के रडार
फुजियान एयरक्राफ्ट कैरियर में चीन ने अत्याधुनिक रडार भी लगाए हैं, जो 500 किलोमीटर की दूरी तक के क्षेत्र को स्कैन कर सकते हैं। इससे चीन समुद्र में दुश्मनों की हकरतों पर नजर रख सकता है।
फुजियान पर कौन-कौन से विमानों को तैनात करेगा चीन
चीन फुजियान एयरक्राफ्ट कैरियर पर जे-15 लड़ाकू विमान, जे-15 इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर विमान, जे-35 (विकासशील), फिक्स्ड विंग अर्ली वार्निंग एयरक्राफ्ट ने केजे-600 और सशस्त्र टोही ड्रोन तैनात कर सकता है।
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