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नीलगाय व गोवंश का वध कर जयपुर बेचते थे मीट: गैंग के सरगना समेत तीन गिरफ्तार

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नीलगाय व गोवंश का वध कर जयपुर बेचते थे मीट: गैंग के सरगना समेत तीन गिरफ्तार

क्राइम //Rajasthan/Jaipur :

गोवंश के निर्मम वध की घटना का खुलासा करने के लिए बनास नदी पेटे में आने-जाने के सभी रास्तों से साक्ष्य संकलित कर संदिग्ध लोगों से पूछताछ की गई।

टोंक शहर के समीप बनास नदी पेटा में गत 24 दिसम्बर की रात को दो गोवंश का वध करने के मामले का पुलिस ने 48 घंटे में पर्दाफाश कर दिया है। मामले में पुलिस ने मुख्य सरगना समेत तीन जनों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस अधीक्षक राजर्षिराज ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी चन्दलाई थाना सदर निवासी किशन मोग्या पुत्र जगदीश मोग्या, पांचोलास थाना रवाजना डूंगर जिला सवाईमाधोपुर निवासी राकेश पुत्र कैलाश बावरिया तथा सौराब खां की गली ताल कटोरा टोंक निवासी शमसाद पुत्र भैया सरदार है।
मामले की रिपोर्ट गोवंश स्वामी माणक चैक पुरानी टोंक निवासी शैतान सिंह गुर्जर ने सदर थाने में दर्ज कराई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आदर्श चैधरी के निर्देशन व पुलिस उपाधीक्षक सलेह मोहम्मद के सुपरविजन में सदर थाना प्रभारी बृजमोहन कविया, बरोनी थाना प्रभारी ओम प्रकाश, व पुरानी टोंक थाना प्रभारी उदयवीर सिंह के नेतृत्व में तीन स्पेशल टीमों का गठन किया गया।
सभी रास्तों से जुटाए साक्ष्य
गठित टीमों की ओर से गोवंश के निर्मम वध की घटना का खुलासा करने के लिए बनास नदी पेटे में आने-जाने के सभी रास्तों से साक्ष्य संकलित कर संदिग्ध लोगों से पूछताछ की गई। इसमे आरोपी किशन मोग्या, राकेश तथा शमसाद व उनके साथियों का घटना में शरीक होना पाया गया।
जयपुर करता है सप्लाई
प्रकरण में गिरफ्तार मुख्य आरोपी किशन मोग्या ने प्रारम्भिक पूछताछ में बताया है कि वह नील गाय मार कर जयपुर में कुछ स्थानों पर मीट सप्लाई करता है। गत 24 दिसम्बर को नीलगाय के मीट की व्यवस्था नहीं हुई तो आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर आनन-फानन में बनास नदी में जीप लेकर गया। आरोपी किशन मोग्या ने बनास नदी में बैठी हुई दोनों गायों को केटल घास व बजरी-कंकरीट के ढेर की आड़ में ले जाकर घने कोहरे का फायदा उठाकर वध किया। मांस को पैक कर बेच दिया।
मीट कारोबारियों की तलाश
नीलगाय व गोवंश का वध कर मांस बेचने वाली गैंग का मुख्य सरगना किशन मोग्या है, जिसने प्रारम्भिक पूछताछ पर टोंक, बून्दी, सवाईमाधोपुर, नैनवां, पीपल्दा, कोटा आदि जिलों के जंगलों से नीलगाय व गोवंश का अपने साथियों के साथ वध कर वारदातों को अंजाम देना बताया है। अनुसंधान से अन्य स्थानों पर किस तरह की क्या-क्या वारदातों को अंजाम दिया है। इसके साक्ष्य संकलित किए जाएंगे। वारदातों व गैंग के सदस्यों व इनसे मीट खरीदने वाले मीट कारोबारियों की तलाश जारी है।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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