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खुला जगन्नाथ मंदिर का खजाना: दरवाजा खुलते ही बेहोश हो गए थे एसपी

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खुला जगन्नाथ मंदिर का खजाना: दरवाजा खुलते ही बेहोश हो गए थे एसपी

धर्म/कर्मकांड-पूजा/Odisha/Bhubaneswar :

रत्न भंडार आखिरी बार 46 साल पहले 1978 में खोला गया था। 2018 में हाईकोर्ट के निर्देश पर रत्न भंडार को खोलने की कोशिश हुई, लेकिन असली चाबियां नहीं मिल सकीं। यही मुद्दा भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी मेनिफेस्टो में भी रखा था, जिसे सरकार बनते ही पूरा किया।

ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर का खजाना रविवार दोपहर 1ः28 बजे खोला गया। इस दौरान भंडार गृह में सरकार के प्रतिनिधि, एएसआई के अधिकारी, श्री गजपति महाराज के प्रतिनिधि और 4 सेवादारों समेत 11 लोग मौजूद रहे।
पुरी मंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने बताया कि आउटर रत्न भंडार का सामान लकड़ी के 6 बक्सों में शिफ्ट करके सील कर दिया गया है, लेकिन इनर रत्न भंडार का सामान शिफ्ट नहीं किया जा सका। अब यह काम बहुडा यात्रा और सुना वेशा के बाद किया जाएगा।
कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस, रथ के मुताबिक दोनों रत्न भंडार के दोनों हिस्सों में नए ताले लगा दिए गए हैं। यहां से मिले कीमती सामानों की डिजिटल लिस्टिंग की जाएगी, जिसमें उनके वजन और निर्माण जैसी डिटेल होंगी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सुपरिंटेंडेंट डीबी गडनायक ने कहा कि मरम्मत के लिए रत्न भंडार का सर्वे होगा। उधर, रत्न भंडार का दूसरा दरवाजा खुलते ही एसपी पिनाक मिश्रा बेहोश हो गए, हालांकि इसका कारण पता नहीं चल सका। बाद में, मंदिर परिसर में ही उनका इलाज किया गया।
पूरी प्रक्रिया के लिए 3 एसओपी बनाई गईं

मंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाढ़ी के मुताबिक, पूरी प्रोसेस के लिए 3 स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स बनाई गईं। पहली- रत्न भंडार को फिर से खोलने के लिए। दूसरी- अस्थायी रत्न भंडार के प्रबंधन के लिए है। तीसरी- कीमती सामानों की सूची से जुड़ी।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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