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इजरायली और स्विस हथियार भी कहीं नहीं ठहरते हमारी स्वदेशी 9 एमएम पिस्टल के आगे

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इजरायली और स्विस हथियार भी कहीं नहीं ठहरते हमारी स्वदेशी 9 एमएम पिस्टल के आगे

सेना/थल सेना/Delhi/New Delhi :

भारतीय सेना की नॉर्डन कमांड को 9 एमएम की पिस्टल की जरूरत है। नॉर्डन कमांड के लिए ट्रायल में स्वदेशी 9 एमएम मशीन पिस्टल सफल रही। भारतीय सेना इमरजेंसी प्रॉक्योरमेंट के तहत 5000 पिस्टल खरीदनी है। इस पिस्टल में टेलिस्कोप, लेजर बीम, बाइनोक्यूलर लगाए जा सकते हैं।

भारतीय सेना की नॉर्दन कमांड को 9 एमएम की पिस्टल की जरूरत है। पिस्टल क्लोज कॉम्बेट यानी नजदीक की लड़ाई और आतंकविरोधी अभियानों में काफी मददगार होती है। नॉर्दन कमांड की जरूरतों को पूरा करने के लिए अलग-अलग कंपनी ने अपनी पिस्टल के ट्रायल दिए। इसमें भारत की पहली स्वदेशी 9 एमएम मशीन पिस्टल अस्मि ट्रायल में सफल रही और इजरायली और स्विस हथियारों को ट्रायल में पछाड़ भी दिया। भारतीय सेना को भी इमरजेंसी प्रॉक्योरमेंट के तहत करीब 5000 पिस्टल लेनी थी। जिसके ट्रायल में स्वदेशी पिस्टल सफल रही थी और बिड में भी एल-1 (लोएस्ट बिडर) रही। हालांकि अभी तक कोई कॉन्ट्रैक्ट साइन नहीं हो पाया है।
सूत्रों के मुताबिक नॉर्दन कमांड को करीब 1100 पिस्टल की जरूरत है और ट्रायल के बाद अब टेक्निकल बिड पर काम हो रहा है। भारतीय सेना की नॉर्दन कमांड का जिम्मा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से लगती लाइन ऑफ कंट्रोल यानी एलएओसी, लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी दोनों है। साथ ही, नॉर्दन कमांड जम्मू कश्मीर में आतंकी विरोधी कार्रवाई में भी अहम रोल निभाती है।
अस्मि भारत की पहली स्वदेशी 9 एएम वेपन प्लेटफॉर्म है। 2022 में इंडियन नेवी और सीएपीएफ ने भी इस स्वदेशी पिस्टल के ट्रायल किए थे जिसमें यह पिस्टल सफल रही। अभी एनएसजी, असम राइफल्स और बीएसएफ इन पिस्टल का इस्तेमाल कर रही है। यह पिस्टल क्लोज कॉम्बेट के लिए अहम है। आतंक विरोधी मिशन के लिए पिस्टल की जरूरत होती है। 
बेहद खास है इसके फीचर्स
इस स्वदेशी पिस्टल के ऊपर टेलिस्कोप, लेजर बीम, बाइनोक्यूलर लगाया जा सकता है। यह 100 मीटर की रेंज तक सटीक निशाना लगा सकती है। इसमें मैगजीन को पूरा लोड करने पर 33 गोलियां आती हैं। इसका लोडिंग स्विच दोनों तरफ है यानी दाहिने या बाएं हाथ से पिस्टल चलाने वाले को कोई दिक्कत नहीं होगी। इसमें आर्म ग्रिप भी है, जो सटीक निशाना लगाने में मददगार साबित होता है। पिस्टल की बट फोल्ड की जा सकती है। कंधे पर टिकाकर या फिर बट को फोल्ड कर सीधे फायर किया जा सकता है।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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