आज है विक्रम संवत् 2081 के भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि रात 07:57 त बजे तक तदुपरांत षष्ठी तिथि यानी रविवार, 08 सितंबर, 2024 परमाणु मिसाइल अग्नि-4 का सफल परीक्षण, चीन-पाक पलभर में खाक पैरालंपिक: प्रवीण कुमार ने भारत को दिलाया एक और गोल्ड राजस्थान: 108 आईएएस के बाद 386 आरएएस अधिकारियों का ट्रांसफर
पानी में देंगे ड्रेगन को पटखनी: हिंद-प्रशांत में तैनात होंगे भारत-अमेरिकी युद्धपोत, एयरक्राफ्ट कैरियर, लड़ाकू विमान...!

सेना

पानी में देंगे ड्रेगन को पटखनी: हिंद-प्रशांत में तैनात होंगे भारत-अमेरिकी युद्धपोत, एयरक्राफ्ट कैरियर, लड़ाकू विमान...!

सेना//Delhi/New Delhi :

चीन का मुकाबला करने के लिए भारत और अमेरिका संयुक्त रूप से प्रशांत और हिंद महासागर में जहाज और वायुसेना तैनात कर सकते हैं। यह ऐलान भारत में अमेरिका के नए राजदूत एरिक गार्सेटी ने किया है। उन्होंने दिल्ली आईआईटी में एक संबोधन के दौरान चीन से पैदा हुए खतरे को रेखांकित किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वॉशिंगटन दौरे के बाद अमेरिका अब खुलकर चीन की मुखालफत कर रहा है। हाल में ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के खास कहे जाने वाले अमेरिका के भारत में राजदूत एरिक गार्सेटी ने चीन को लेकर कड़ा बयान दिया है। एरिक ने सख्त लहजे में कहा कि अमेरिका और भारत समुद्री सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे से निपटने के लिए प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में युद्धपोतों और लड़ाकू विमानों को एक साथ तैनात कर सकते हैं। इसे सीधे चीन के लिए चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है।
चीन पर आगबबूला है अमेरिका
पीएम मोदी के अमेरिका पहुंचने के एक दिन पहले ही बाइडन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को तानाशाह कहा था। गार्सेटी का यह बयान तब आया है, जब भारत ने दो-टूक लहजे में कहा है कि चीन से लगे सीमा क्षेत्रों में स्थिति अभी सामान्य नहीं हुई है। इसलिए, दोनों देशों के बीच संबंध अभी भी पटरी पर नहीं लौट सकते हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तीन साल से अधिक समय से सैन्य गतिरोध के बीच बुधवार को कहा था कि सीमा पर स्थिति भारत और चीन के बीच संबंधों की स्थिति तय करेगी। उन्होंने कहा था कि आज सीमा पर स्थिति अब भी असामान्य है।
भारत-अमेरिका सैन्य तैनाती पर दिया जोर
आईआईटी दिल्ली में भाषण देते हुए गार्सेटी ने कहा कि हम समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने जहाजों को प्रशांत और हिंद महासागरों और उससे भी आगे तैनात कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम आसमान और समुद्र की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने और सहारा से प्रशांत द्वीपों तक मानवीय संकटों का संयुक्त रूप से जवाब देने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी वायुसेना को तैनात कर सकते हैं। हम उन सभी देशों की संप्रभु रक्षा को मजबूत करने के लिए क्षेत्रों में अपने जमीनी बल अभ्यास का समन्वय कर सकते हैं जो हमारे साथ काम करना चाहते हैं।
चीन की आक्रामकता को लेकर की आलोचना
अमेरिकी राजदूत ने स्पष्ट रूप से भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामकता का जवाब देने के लिए भारत-अमेरिका साझेदारी को समझाने की पूरी कोशिश की। उन्होंने कहा कि भारत के साथ प्रमुख रक्षा साझेदार के रूप में ये अवसर पूरी तरह से हमारे नियंत्रण में हैं। गार्सेटी ने चीन और रूस पर निशाना साधते हुए कहा कि शांति, सुरक्षा का एक प्रमुख घटक है। जैसा कि हमने दुर्भाग्य से पिछले तीन वर्षों में देखा है, हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जिसमें देश संप्रभु सीमाओं की अनदेखी करते हैं, हिंसा और विनाश के माध्यम से अपने दावों को आगे बढ़ाते हैं।

You can share this post!

author

Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

Comments

Leave Comments