आज है विक्रम संवत् 2081 के भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि रात 07:57 त बजे तक तदुपरांत षष्ठी तिथि यानी रविवार, 08 सितंबर, 2024 परमाणु मिसाइल अग्नि-4 का सफल परीक्षण, चीन-पाक पलभर में खाक पैरालंपिक: प्रवीण कुमार ने भारत को दिलाया एक और गोल्ड राजस्थान: 108 आईएएस के बाद 386 आरएएस अधिकारियों का ट्रांसफर
भारत का दमदार दांव ! आर्मेनिया और फिलीपीन्स में डिफेंस अताशे, बड़े प्लान का हिस्सा

सेना

भारत का दमदार दांव ! आर्मेनिया और फिलीपीन्स में डिफेंस अताशे, बड़े प्लान का हिस्सा

सेना//Delhi/New Delhi :

भारत ने मध्य एशियाई देश आर्मेनिया और दक्षिण पूर्वी एशियाई देश फिलीपीन्स में डिफेंस अताशे तैनात करने का फैसला किया है। यह तैनाती ऐसे समय पर की जा रही है, जब इन दोनों देशों ने भारत से जमकर हथियार खरीदने शुरू किए हैं। आर्मेनिया ने जहां पिनाका रॉकेट तो फिलीपीन्स ने ब्रह्मोस मिसाइल खरीदी है।

भारत सरकार दुनिया में सैन्य कूटनीति को बढ़ावा देने के लिए कई अफ्रीकी देशों के साथ-साथ आर्मीनिया और फिलीपीन्स में पहली बार डिफेंस अताशे तैनात कर रही है। रक्षा हलकों में आर्मेनिया और फिलीपीन्स के अंदर डिफेंस अताशे की तैनाती को भारत के लिए बड़े फायदे का सौदा बताया जा रहा है। 
इसकी वजह यह है कि आर्मेनयिा और फिलीपीन्स दोनों ने ही भारत के साथ अरबों रुपये का हथियार समझौता किया है। आर्मेनिया जहां भारत से पिनाका रॉकेट सिस्टम, तोप और अन्य हथियार खरीद रहा है, वहीं फिलीपीन्स ने ब्रह्मोस मिसाइल भारत से खरीदी है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में ये दोनों ही देश और ज्यादा हथियार भारत से खरीद सकते हैं।
दरअसल, साल 2022 में फिलीपीन्स ने 37 करोड़ 50 लाख डॉलर में ब्रह्मोस मिसाइल की तीन बैट्री खरीदने का समझौता भारत के साथ किया था। इस सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल को भारत और रूस ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। ठीक इसी साल आर्मेनिया ऐसा पहला विदेशी खरीदार बना था, जिसने भारत से पिनाका रॉकेट लॉन्चर सिस्टम को खरीदा था। दरअसल, भारत सेना, नेवी और एयरफोर्स से जुड़े कई अधिकारियों को रूस में तैनात रखता है ताकि हथियारों की डील को अंजाम दिया जा सके। हाल तक ऐसे अधिकारियों की संख्या 10 थी जिसमें 4 नेवी से होते थे।
हथियार बेचकर भारत कर सकता है कमाई
इस बीच रूस से कोई बड़ी डील नहीं होने की वजह से डिफेंस अताशे की इस संख्या को घटा दिया गया। रूस और अमेरिका दोनों ही भारत के साथ दोस्ताना संबंध रखते हैं और नए हथियारों की खरीद बिक्री में इन देशों की अहम भूमिका है। ये देश संयुक्त अभ्यास और ट्रेनिंग को करते रहते हैं। आर्मीनिया और फिलीपीन्स ऐसे देश हैं, जहां तनाव भड़का हुआ है। आर्मेनिया पर अजरबैजान के हमले का डर मंडरा रहा है। हाल ही में अजरबैजान ने आर्मीनियाई मूल के लोगों के कब्जे से नगर्नो कराबाख को खाली करा लिया था।
भारत ने किया ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण
व्हीं, अजरबैजान अब तुर्की और पाकिस्तानी हथियारों की मदद से आर्मेनिया को धमका रहा है। इसी वजह से अब आर्मेनिया बड़े पैमाने पर भारत और फ्रांस से हथियार खरीद रहा है। डिफेंस अताशे इस पूरी प्रक्रिया को और आसान कर सकते हैं। वहीं, फिलीपीन्स चीन की धमकियों का सामना कर रहा है। भारत ने हाल ही में खुलकर फिलीपीन्स की संप्रभुता का समर्थन किया था। फिलीपीन्स के बाद अब अन्य दक्षिण एशियाई देश भी भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने पर विचार कर रहे हैं। इससे भारत का हथियार निर्यात बढ़ सकता है। भारत का अगले 5 साल में 50 हजार करोड़ रुपये के हथियार के निर्यात का लक्ष्य है।

You can share this post!

author

Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

Comments

Leave Comments