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दोस्त हो तो रूस जैसा...! यूक्रेन युद्ध के बाद भी भेजी इगला मिसाइल

सेना

दोस्त हो तो रूस जैसा...! यूक्रेन युद्ध के बाद भी भेजी इगला मिसाइल

सेना//Delhi/New Delhi :

भारत और रूस के बीच हथियारों की आपूर्ति यूक्रेन युद्ध के बाद भी जारी है। रूस ने भारत को 100 ईगला एस मिसाइल दी है। रूस की यह मिसाइल कम ऊंचाई पर उड़ने वाले फाइटर जेट, ड्रोन, क्रूज मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है। भारतीय सेना पहले से इसके पुराने संस्करण का इस्तेमाल कर रही है।

यूक्रेन युद्ध में फंसे होने के बाद भी रूस ने भारत से दोस्ती निभाई है और ईगला एयर डिफेंस सिस्टम की पहली खेप भारत को भेज दी है। इसके तहत भारत को 100 ईगला मिसाइलें मिली हैं। भारत और रूस के बीच हुई डील के तहत 24 मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम और 100 मिसाइलें रूस से मिली हैं और बाकी का भारत में ही निर्माण किया जाएगा। इस मिसाइल के मिलने के साथ ही भारत की बहुत कम दूरी की एयर डिफेंस क्षमता में काफी बढ़ोत्तरी होगी। इससे पहले भारत ने साल 2021 में इमरजेंसी खरीद के तहत रूस से 24 लांचर और 216 मिसाइलें खरीदी थीं लेकिन ताजा डील काफी बड़ी है।
इगला एस सिस्टम में एक सिंगल लॉन्चर और एक मिसाइल होती है। भारत ने पिछले साल नवंबर महीने में 120 लॉन्चर और 400 मिसाइलों को खरीदने की डील की थी। रूस ने भारत को तकनीक ट्रांसफर की है और अब ये मिसाइलें तथा लॉन्चर हिंदुस्तान में ही बनेंगे। इगला एस मिसाइल को भारत की उत्तरी सीमा पर पहाड़ी इलाकों में तैनात सैनिकों को दिया जाएगा, जो चीन और पाकिस्तानी फाइटर जेट के खतरे का सामना कर रहे हैं। सेना के एक रेजिमेंट को इस सिस्टम से लैस कर दिया गया है। यही नहीं, आने वाले समय में इसे अन्य रेजीमेंट को भी दिया जाएगा।
रूसी मिसाइल कितनी खास ?
इस मिसाइल की फायरिंग रेंज 500-6000 मीटर है। वहीं, टारगेट ऊंचाई 10 से 3500 मीटर है। ईगला एस सिस्टम को रूस की कंपनी बनाती है, उसने फ्रांस की कंपनी को पीछे छोड़ दिया था। मैनपैड सिस्टम पोर्टेबल सरफेस टु एयर मिसाइल सिस्टम होता है। इससे कम ऊंचाई पर उड़ने वाले हवाई खतरों जैसे फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर, ड्रोन और मिसाइलों को भी मार गिराया जा सकता है। भारतीय सेना पहले से ही ईगला 1 एम श्रेणी की मिसाइलों का इस्तेमाल कर रही है। इससे पहले रक्षा अधिकारियों ने खुलासा किया था कि भारत का 97 फीसदी एयर डिफेंस सिस्टम पुराना पड़ चुका है।
रोकना या चकमा देना अब आसान नहीं 
ईगला एस सिस्टम की मिसाइलों के वारहेड को काफी बढ़ाया गया है और इसकी रेंज भी बढ़ गई है। इसमें ज्यादा संवेदनशील सीकर लगाया गया है। इसे रोकना या चकमा देना अब आसान नहीं है। कंपनी का दावा है कि यह 80 से 90 फीसदी तक सफल है। अब तक रूस इस एयर डिफेंस सिस्टम को लेने वालों में इराक, लीबिया, वेनेजुएला, कजाखस्तान, कतर आदि शामिल हैं। सिप्री की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन युद्ध के बाद भी रूस अभी भारत को सबसे ज्यादा हथियारों की सप्लाई कर रहा है।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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