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वाजपेयी पीएम होते तो वे भी आपातकाल लगाने की घोषणा करतेः संजय राउत

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वाजपेयी पीएम होते तो वे भी आपातकाल लगाने की घोषणा करतेः संजय राउत

राजनीति//Maharashtra/Mumbai :

 भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र  की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार ने 25 जून को संविधान की हत्या के दिन के रूप में मनाने का फैसला किया है। महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने इस मामले में टिप्पणी की है कि यदि कांग्रेस की परिस्थिति में अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री होते तो वे भी आपातकाल लगाने की घोषणा कर देते। उन्होंने दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांघी के आपात काल लगाने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी आपातकाल का खुलकर समर्थन किया था। राउत ने तो यहां तक कह डाला कि आपातकाल इसलिए लगाया गया था क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला था।

  शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा, '50 साल हो गए हैं और लोग आपातकाल को भूल चुके हैं। इस देश में आपातकाल क्यों लगाया गया था? कुछ लोग देश में अराजकता फैलाना चाहते हैं। रामलीला मैदान से खुला ऐलान किया गया, हमारे जवानों और सेना को कहा गया कि सरकार के आदेश का पालन न करें। तो ऐसी स्थिति में अगर अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री होते तो वे भी आपातकाल लगा देते।'
राउत ने कहा, 'यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला था, कुछ लोग देश में बम बना रहे थे और जगह-जगह बम फोड़ रहे थे। मैं आपको बताना चाहता हूं कि अमित शाह को आपातकाल के बारे में कुछ नहीं पता है। नकली शिवसेना (शिंदे) के साथ बाला साहब ठाकरे की तारीफ करने वालों ने आपातकाल का समर्थन किया है। बाला साहब ठाकरे ने उस समय आपातकाल का खुलकर समर्थन किया था। आरएसएस ने भी इसका समर्थन किया था।'

बीजेपी संविधान की भक्षक

संजय राउत ने कहा, 'शिवसेना नेता बाला साहब ठाकरे ने 1975 में आपातकाल का खुलकर समर्थन किया था। उन्होंने इंदिरा गांधी का खुलकर समर्थन किया था। मुंबई में उनका स्वागत किया गया था। उन्होंने आपातकाल का समर्थन किया क्योंकि उन्हें लगा कि देश में अराजकता को नियंत्रित करने की जरूरत है। इसमें क्या गलत था?...बीजेपी के 10 साल के शासन में जो हुआ उसे याद रखा जाएगा। वे संविधान के रक्षक भी नहीं हैं।'

मोदी सरकार में संविधान की हत्या

राउत ने आगे कहा,'यह सब होने के बाद देश में जनता पार्टी की सरकार सत्ता में आई। अटल बिहारी वाजपेई पीएम बने, उन्हें नहीं लगा कि संविधान की हत्या हुई है। लेकिन वे (बीजेपी) कौन हैं? उनके पास काम नहीं है इसलिए वे देश के लोगों को भटका रहे हैं। उनका दिमाग ठिकाने नहीं है।' पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए संजय राउत ने कहा, 'अगर हम आपातकाल की बात करें तो पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार का हर दिन संविधान की हत्या के लिए चिह्नित किया जाएगा।'

लोकसभा में क्या हुआ

इससे पहले 26 जून को लोकसभा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लगाए गए आपातकाल की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था। अध्यक्ष ओम बिरला ने इस कृत्य की निंदा करते हुए प्रस्ताव पढ़ा और कहा कि 25 जून 1975 को भारत के इतिहास में हमेशा एक काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा। 1975 में लगाए गए आपातकाल के 50 साल पूरे होने के अवसर पर, बिरला ने उन सभी लोगों की ताकत और दृढ़ संकल्प की प्रशंसा की, जिन्होंने आपातकाल का कड़ा विरोध किया, लड़ाई लड़ी और भारत के लोकतंत्र की रक्षा की।

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