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वायुसेना के इंजीनियरों ने मात्र 1.5 करोड़ में तैयार कर दिया बोइंग विमान का रडार

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वायुसेना के इंजीनियरों ने मात्र 1.5 करोड़ में तैयार कर दिया बोइंग विमान का रडार

सेना/वायुसेना/Delhi/New Delhi :

वन बेस रिपेयर डिपो और भारतीय वायु सेना के इंजीनियरों ने बड़ी सफलता हासिल की है। इंजीनियरों ने बोइंग-737-200 विमान के रडार को बदलने का अध्ययन किया और महज 1.3 करोड़ रुपये में मौसम रडार बनने के बाद उसे बदल दिया। वहीं, अमेरिकी कंपनी ने इसी काम के लिए 30 करोड़ रुपये मांगे थे।

बोइंग -737-200 विमान के रडार को बदलने के लिए अमेरिकी कंपनी ने 30 करोड़ रुपये मांगे थे। वन बेस रिपेयर डिपो (1 बीआरडी) और भारतीय वायु सेना के इंजीनियरों ने इस पर अध्ययन किया। महज 1।3 करोड़ रुपये में मौसम रडार बनने के बाद उसे बदल दिया।
इसे बनाने से ज्यादा विमान में लगाना मुश्किल था। दुनिया भर में इस तरह के केवल 40 बोइंग विमान हैं। विमान के मौसम रडार की विफलता के कारण इसके संचालन में बाधा उत्पन्न हो रही थी। आवश्यक पुर्जे उपलब्ध नहीं होने के कारण मौसम रडार का रखरखाव इंजीनियरों के लिए कठिन हो गया था।
अमेरिकी कंपनी ने मांगे थे 30 करोड़ रुपये
मौसम रडार में दिक्कत आने के बाद उसे बदलवाने के लिए अमेरिकी बोइंग कंपनी ने 30 करोड़ रुपये की मांग की थी, जिसके बाद भारतीय वायु सेना ने एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड और राकवेल कंपनी के साथ 7.38 करोड़ रुपये में इसे बदलवाने का अनुबंध किया। बाद में, दोनों कंपनियों ने हाथ खड़े कर दिए।
विमान को मिल रही थी 79 प्रतिशत सफलता
181 फ्लाइट, वायु सेना और वन बीआरडी ने बोइंग में मौसम रडार बदलने का अध्ययन शुरू किया। पांच माह में रडार को बदलने में सफलता हासिल की, जिसके बाद आरसीएमए से रडार लगाने की मंजूरी मिल गई। रडार बदलने के बाद विमान की क्षमता बढ़ गई है। पूर्व में मौसम रडार लगा होने के कारण मानसून और विपरीत मौसम में मिशन को पूरा करने में विमान को 79 प्रतिशत सफलता मिल रही थी।
मुश्किल था मौसम रडार लगाना
रडार बदलने के बाद मिशन को पूरा करने में सफलता दर 91 प्रतिशत हो गई है। वायु सेना अकादमी हैदराबाद के इंजीनियरों ने बताया कि मौसम रडार को बनाने से मुश्किल था, इसे विमान में लगाना। रडार लगाने में सफलता मिलना बड़ी उपलब्धि है। बोइंग विमान एक विशाल व्यावसायिक विमान है, जिसे भारत ने अमेरिका से खरीदा था।
यह बोइंग विमान
अमेरिका की बोइंग कंपनी इसका मेंटीनेंस करने की मोटी रकम वसूल करती थी। अब भारत में ही इसका मेंटीनेंस किया जा रहा है। अब विदेश पर इसके मेंटेनेंस की निर्भरता खत्म हो गई है। आने वाले समय में भारत में बोइंग जैसे विमान बनाए जाएंगे।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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